भक्तिरस में डूबे रात भर

Wednesday 02 Sep, 2009 03:00 PM मण्डफिया। 'कभी राम बनके, कभी श्याम बनके चले आना' भजन सहित अन्य भजनों की पार्श्व गायिकासोनू व नेहा कक्कड ने श्री सांवलियाजी के जलझूलनी एकादशी मेले के मुख्य मंच पर सोमवार रात प्रस्तुत कर लोगों को भक्ति रस में डूबोए रखा। भजन संध्या मे अभिजीत घोंसले ने भी गीत प्रस्तुत किए। रेफरल अस्पताल के मंच पर हजारों श्र ��ताओं की मौजूदगी में रात 10 बजे भगवान सांवलिया सेठ की स्तुति के बाद भजन संध्या शुरू हुई। भजनों के साथ अभिजीत घोंसले ने 'तेरी आंखे भुल भुलईयां', आदि फिल्मी गीत प्रस्तुत किए।

भजन संध्या में नेहा व सोनू कक्कड के 'कभी राम बन के, कभी श्याम बनके' व 'जय हो पवन कुमार' नामक भजनों पर श्रोता जमकर नाचे। महेश मोहन द्वारा प्रस्तुत गीत 'बचना ए हसीनों ' व 'सांवरिया से मिलने का ' गीत व भजन प्रस्तुत किए। भजन संध्या के दौरान कलाकार मयूर ने चुटकुले सुना कर श्रोताओं को हंसा कर लौट पोट कर दिया।

ऎश्वर्या ने 'मेरा मन है नशीला', राकेश व रोमी ने 'दिवाना राधे का' व 'अरे-रे मेरी जान है राधा' नामक भजन व गाने प्रस्तुत किए। पार्श्व गायिका सोनु कक्कड ने 'बाबूजी जरा धीरे चलो' नामक गीत में सहयोगी कलाकारों के साथ नृत्य पेश किया।

सांवलियाजी का जलझूलनी मेला संपन्न

रंगारंग कार्यक्रम व भक्ति गीतों पर झूम उठे दर्शक
मण्डफिया, सित. भगवान श्री सांवलियाजी का जलझूलनी एकादशी का त्रिदिवसीय विशाल मेला हर्षोल्लास के साथ संपन्न हो गया।
मंदिर के सामने मंच पर समापन समारोह कपासन विधायक शंकरलाल बैरवा के मुख्य आतिथ्य में दीप प्रज्जवलन के साथ हुआ। इस अवसर पर सांवलियाजी मंदिर मण्डल चेयरमेन कन्हैयालाल वैष्णव कार्यपालक अधिकारी सुरेन्द्र माहेश्वरी एवं मण्डफिया-सरपंच हजारीदास वैष्णव ने अतिथियों का स्वागत किया।
इसके पश्चात रात १० बजे इसी मंच पर सांस्कृतिक कार्यक्रम विख्यात भजन गायक टंविकल एवं डायनेमिक इन्वेन्ट मूलचंदानी द्वारा प्रारंभ हुआ। जिसमें गायक महेश गोयल ने 'सिरड़ी वाले साईं बाबा आया हूं तेरे दर पे' सुनाया तो भक्त भाव विभोर हो गये गायिका प्रिया ने 'एक-राधा एक मीरा दोनों ने श्याम को चाहा'' सुनाकर दर्शकों का मनमोह लिया। इसके बाद युवतियों ने नृत्य में समां बांध दिया टी सीरीज की विख्यात गायिका रेखा राठौड़ 'भक्तों की भीड़ है अपार सांवरिया के मंदिर में 'सुना तो दर्शक झूमने लगे। गायक नरेन्द्र रूपाली ने फिल्मी गीत 'दिवाना दिल कहीं हो ना जाये, हमसे खता कोई हो जाये'' पर मनमोहक नृत्य प्रस्तुत किया। प्रसिद्ध गायिक ट्विटल ने 'जय हो मां जय हो मां, तू कितनी भक्तों की रखवाली है।
ट्विंकल स्वयं गाते हुए मंच के नीचे आकर मंदिर अध्यक्ष कन्हैयालाल वैष्णव, बोर्ड सदस्य सत्यनारायण शर्मा एवं विधायक शंकरलाल बैरवा एवं सांवलियाजी मंदिर के मुख्य पुजारी केशवदास वैष्णव, भाजपा युवा कार्यकर्ता भैरूलाल सोनी, रमेशचन्द्र पामेचा सहित कई भक्तों को नृत्य करने पर मजबूर कर दिया।
एक कलाकार ने सुदामा का रूप धरे प्रसिद्ध भजन गीत 'भटके-भटके जाने कहां से गरीब गया, अरे द्वारा पालो कन्हैया से कह दो सुदामा करीब गया' पर एक्टिंग की और एक कलाकार भगवान श्रीकृष्ण का रूप धरे सुदामा का चरण धोते-गले लगाते दृश्य में श्रोता इतने भाव विभोर हुए कि कईयों के आंसू छलक पड़े।
इसके पूर्व रात्रि १२.३० बजे मंदिर चेयरमेन कन्हैयालाल वैष्णव अतिरिक्त कलेक्टर सुरेन्द्र माहेश्वरी, विधायक शंकरलाल बैरवा, सरपंच हजारीदास वैष्णव बोर्ड सदस्य सत्यनाराय शर्मा एवं अन्य सदस्यों द्वारा विकलांगों को नि:शुल्क ट्राई सायकिलें वितरण की। समापन के मौके पर सरपंच हजारीदास वैष्णव, प्रशासनिक अधिकारी भगवानलाल चतुर्वेदी, सहायक लेखाकार किशनलाल शर्मा सहायक अभियन्ता डीसी व्यास, कनिष्ठ लेखाकार भवानी शंकर तिवारी, केशियर नन्द किशोर टेलर, हीरालाल गुर्जर एवं गांव के वरिष्ठ नागरिक भैरूलाल गुर्जर, आजाद हुसैन, मंदिर के पूर्व चेयरमेन कालुराम गुर्जर, भाजपा कार्यकर्ता भैरूलाल सोनी, रमेशचन्द्र पामेचा, प्रकाशचन्द पामेचा, लक्ष्मीलाल शर्मा, चतरसिंह सोलंकी, गौतम जैन सहित गांव के कई गणमान्य नागरिक एवं सैंकड़ों बाहर से आये श्रद्धालुजन एवं भारी पुलिस जाब्ता उपस्थित थे।

तेजस्वी आन न जाने दी..................




मण्डफिया। प्रख्यात कृष्णधाम सांवलियाजी में चल रहे तीन दिवसीय मेले के प्रथम दिन रविवार रात आयोजित अखिल भारतीय कवि सम्मेलन में भोर तक काव्य निशा का दौर चलता रहा।कवि सम्मेलन में कवियों व कवयित्रियों ने कविता, भजन, मुक्तक, पैरोडियों से श्रोताओं को गुदगुदाया तो देश प्रेम एवं चित्तौडगढ के इतिहास को इंगित किया।

कवि सम्मेलन के आरम्भ में श्वेता सरगम ने सर्वप्रथम सरस्वती वंदना पेश की। कवि सम्मेलन में कवि नरेन्द्र मिश्र ने चित्तौडगढ के इतिहास को अपनी कविताओं के माध्यम से वर्णित कर खूब दाद लूटी। नरेन्द्र मिश्र ने पद्मिनी के जौहर पर 'जिंदा जल गई मगर अपनी तेजस्वी आन न जाने दी, अपने जौहर से रानी ने मेवाडी मिट्टी की महक नहीं जाने दी' पेश की।

कवि सम्मेलन

में शालीनी सरगम में 'आधी उम्र कट चुकी है, प्रिय तेरे प्यार में' श्रृंगार रस की कविता पेश की। उदयपुर से आए अजातशत्रु ने 'कानों को प्यारी कुंवारी की बालिया', 'प्यारी कुर्सी मुझे भी दिलवादो, ओ गणपति बप्पा मोरिया' पेश की। कवि शंकर सुखवाल ने पैरोडी से शुरूआत करने के बाद 'देश के आकाओं करो युद्ध की तैयारी' कविता पेश की।

इस दौरान कवयित्री श्वेता सरगम, कवि मुजफ्फनगर अशोक ,बलवन्त बिल्लु, नरेन्द्र बंजारा, कवियित्री अर्चना अंजुम आदि ने कविताएं पेश की। कवि जानी बैरागी ने पैरोडियों से सबको गुदगुदाया तथ सुरेश बैरागी ने मंच का संचालन किया। कवि सम्मेलन में श्रोतागण भोर तक काव्य रस का आनन्द लेते रहे।

राजनीति से ऊपर उठकर निभाएं भागीदारी
राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष एवं सांसद डॉ. गिरिजा व्यास ने कहा कि सांवलियाजी मेले के आयोजन में जन भागीदारी राजनीति से उपर उठ कर सामाजिक सरोकार व धार्मिक आस्था के साथ निभाएं। डॉ. व्यास रविवार रात भगवान सांवलियाजी के जल-झूलनी एकादशी मेलेपर आयोजित कवि सम्मेलन में मुख्य अतिथि पद से सम्बोधित कर रही थी।

समारोह में मेवाड की धरती पर पधारे कवियों का सांसद व्यास ने स्वागत उद्बोधन के साथ एक कविता 'आकाश में उडते परिन्दे कैसे प्यास बुझाए' नामक प्रस्तुत की। कवि सम्मेलन की अध्यक्षता कर विधायक शंकरलाल बैरवा ने मेले में भाग लेने आए श्रद्धालु एवं कवियों का स्वागत किया। मन्दिर मण्डल अध्यक्ष कन्हैयादास वैष्णव, सदस्य सत्यनारायण शर्मा व सरपंच हजारीदास वैष्णव ने सांसद व्यास, विधायक बैरवा व कवियों का स्वागत किया।

प्राकट्य स्थल पर भी उमडा सैलाब
मण्डफिया। जिले के भादसौडा चौराहा स्थित श्री सांवलियाजी के प्राकटय स्थल मन्दिर के जल-झूलनी एकादशी मेले की रथ यात्रा का सानिध्य पाने के लिए श्रद्धालुओं का सैलाब उमड पडा। सोमवार को रथ यात्रा का शुभारंभ भादसौडा कस्बा स्थित भगवान सांवलियाजी के मन्दिर से हुआ। रथयात्रा में प्रात: 10 बजे भगवान के बाल स्वरूप को रथ पर स्थापित कर हाथी-घोडा पालकी के जय उद्घोष के साथ आरम्भ हुई।

सजे-धजे अश्व नृत्य करते हुए तो हाथी श्रद्धालुओं का अभिवादन करते हुए चल रहे थे। रथ यात्रा दोपहर 2 बजे जब चौराहा स्थित प्राकटय स्थल मन्दिर पर पहुंची। बाल स्वरूप भगवान को जल में झुलाया गया, इनकी विशेष आरती की गई। हजारों श्रद्धालुओं ने भगवान के संग फाग खेली। मन्दिर मण्डल उपाध्यक्ष बाबूलाल ओझा, गंगाराम चौधरी, कार्यपालक अधिकारी राजेन्द्र सोमाणी, उपसरपंच अशोक अग्रवाल, पूर्व सरपंच नरेन्द्र खेरादियों सहीत बडी संख्या में ट्रस्टी भी उपस्थित थे।


सांवरा के संग हजारों ने लगाई डुबकी
जलझूलनी एकादशी के अवसर पर निकाली गई रथ यात्रा में भगवान के साथ हजारों भक्तों ने सोमवार शाम डुबकी लगाई।


उपन्नों से किया स्वागत
जलझूलनी एकादशी मेले पर रथ यात्रा में सम्मिलित होने आए कस्बे के श्रद्धालुओं का मन्दिर परिसर में मन्दिर मण्डल अध्यक्ष ने उपन्ना [केसरिया पट्टी] पहना कर स्वागत किया।


पांच रेवाडियों का संगम
जलझूलनी पर सांवलिया घाट पर भगवान सांवलिया सेठ अकेले ही जल में झूलने नहीं जाते। कस्बे में कुरेठा नाका मन्दिर, राधाकृष्ण मन्दिर, नीम चौक मन्दिर, कार्तिक स्वामी मन्दिर व गिदाखेडा गांव के मन्दिर की रेवाडिया भी एक साथ जल में झूलने की परम्परा रही है।


आकाश पर टिकी नजरें
भगवान सांवलिया सेठ के जलझूलनी एकादशी मेले के रथ यात्रा समापन्न पर पूर्णिमा फायर वक्र्स जयपुर की ओर से सतरंगी आतिशबाजी कर हजारों श्रद्धालुओं को आनन्दित कर दिया। सोमवार को रात्रि मंदिर मण्डल की ओर से एक घंटे की रंगीन आतिशबाजी की गई। सुनहरी, अशरफी, सफेद व बैंगनी झरने, झाड एवं झूमर के रूप में आतिशबाजी की गई।


सांवलियाजी मन्दिर के बाहर स्थित मंच पर विनोद राठोड एवं दल द्वारा रात भर लोक भजनों एवं नृत्यों की प्रस्तुति के साथ रात भर श्रद्धालुओं को भक्ति में डूबोए रखा, इधर गोवर्धन बस स्टैण्ड के मंच पर सिमोन एवं पूजा ग्रुप का समृद्धि फिल्मस की ओर से रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम रात भर जमा रहा।

भजन संध्या व रंगारंग कार्यक्रमों में जमे रहे लोग

मण्डफिया, १ सित. (प्रासं)। राजस्थान के प्रमुख तीर्थ स्थल भगवान श्री सांवलियाजी सेठ के त्रिदिवसीय एकादशी मेेले के दूसरे दिन सोमवार रात्रि को मुख्य मेले के आगाज के साथ अनेक सांस्कृतिक मनोरंजन एवं भजन संध्या रातभर जारी रहे। करीब दो लाख श्रद्धालु जन इन्हीं कार्यक्रमों में रात भर डटे रहे। इस मौके पर विशाल भजन संध्या रेफरल चिकित्सालय मंच पर आयोजित हुई ।
रात्रि ११ बजे विधायक राजेन्द्र सिंह विदुडी के मुख्य अतिथ्य एवं विधायक शंकर लाल बैरवा की अध्यक्षता में मां सरस्वती एवं सांवरिया सेठ की प्रतिमा पर दीप प्रज्जवलन के साथ भजन संध्या का शुभारंभ हुआ। इस मौके पर मंदिर चेयरमेन कन्हैयालाल वैष्णव, मुख्यकार्यपालक अधिकारी सुरेन्द्र माहेश्वरी एवं सरपंच हजारी दास वैष्णव ने अतिथियों का माल्यार्पण कर स्वागत किया। प्रख्यात पाश्र्वगायक नेहा सोनू कक्कड़ एवं अभिजित घोषाल की भजन संध्या प्रारंभ हुई जिसमें पूजा राठौड़ एवं रोमी राजेश द्वारा -दिवाना राधा का, अरे मेरी जान है राधा, तेरे पर कुर्बान है राधा' सुनाया तो श्रोता भी साथ साथ झूमने लगे और गाने लगे। अभिजित घोषाल ने फिल्म फना का गीत चांद की सिफारिश एवं गेंगेस्टर का गीत सुनाया तो श्रोता भी साथ साथ गाने लगे। सोनू कक्कड़ ने बाबू जी जरा धीरे चलो और ओ मेरे सैंया सरवर पी गये' गायिका एश्वर्या ने 'कान में झुमका कमर में झूमका मेरी पतली कमर में लटके' सुनाया तो लोगों ने नकार दिया। नेहा कक्कड़ ने हो वंृद्धावन में बोले राधे-राधे सुनाया तो श्रोताओं की तालियों की गडगडाहट से पांडाल गूंज उठा। अभिजित घोषाल ने पुन: मंच पर आते हुए 'हरे राम हरे कृष्णा, सुनाया। बाद में एक फिल्मी डिस्को गाना, गाने लगा तो दर्शकों ने उठ खडे होकर उसको जाने को कहा। उसके बाद सोनू कक्कड़ ने 'कभी राम बनके कभी श्याम बनके चले आना' व 'लाल लंगोटो में वारी जाउं बालाजी ' और एक फिल्मी गीत नो एक्ट्री' कोईजान से गया।एवं कन्या भू्रण हत्या के खिलाफ एक संक्षिप्त गीत सुनाया । इसके बाद कुछ कलाकार आये लेकिन श्रोताओं ने नकार दिया । इसी प्रकार राउप्रावि मंच पर रामलीला एवं गोवर्धन दर्जन बस स्टेण्ड पर न्यू राजस्थानी आर्केस्ट्रा भजन संध्या एवं मंदिर मंच पर अल्फा ग्रुप नीमच द्वारा भजन संध्या का कार्यक्रम रातरात भर चला। मेले की व्यवस्था में मंदिर क ेप्रशासनिक अधिकारी भगवानलाल चतुर्वेदी सहित कई पुलिस के आलाअफसर मय जाप्ते क ेसाथ तैनात थे। इस मौके पर गांव के स्वयं सेवक एवं मंदिर कर्मचारी भी विभिन्नमेले खाद्य सामग्री के जांच के अभाव में मेले में घटिया सामग्री एवं सड़े गले फल फ्रुट खुब बिके।

भक्तिरस में डूबे रात भर

02 सितम्बर 2009, 22:56 hrs IST
मण्डफिया। 'कभी राम बनके, कभी श्याम बनके चले आना' भजन सहित अन्य भजनों की पार्श्व गायिकासोनू व नेहा कक्कड ने श्री सांवलियाजी के जलझूलनी एकादशी मेले के मुख्य मंच पर सोमवार रात प्रस्तुत कर लोगों को भक्ति रस में डूबोए रखा। भजन संध्या मे अभिजीत घोंसले ने भी गीत प्रस्तुत किए। रेफरल अस्पताल के मंच पर हजारों श्रोताओं की मौजूदगी में रात 10 बजे भगवान सांवलिया सेठ की स्तुति के बाद भजन संध्या शुरू हुई। भजनों के साथ अभिजीत घोंसले ने 'तेरी आंखे भुल भुलईयां', आदि फिल्मी गीत प्रस्तुत किए।

भजन संध्या में नेहा व सोनू कक्कड के 'कभी राम बन के, कभी श्याम बनके' व 'जय हो पवन कुमार' नामक भजनों पर श्रोता जमकर नाचे। महेश मोहन द्वारा प्रस्तुत गीत 'बचना ए हसीनों ' व 'सांवरिया से मिलने का ' गीत व भजन प्रस्तुत किए। भजन संध्या के दौरान कलाकार मयूर ने चुटकुले सुना कर श्रोताओं को हंसा कर लौट पोट कर दिया।

ऎश्वर्या ने 'मेरा मन है नशीला', राकेश व रोमी ने 'दिवाना राधे का' व 'अरे-रे मेरी जान है राधा' नामक भजन व गाने प्रस्तुत किए। पार्श्व गायिका सोनु कक्कड ने 'बाबूजी जरा धीरे चलो' नामक गीत में सहयोगी कलाकारों के साथ नृत्य पेश किया।

भजन संध्या में मुख्य अतिथि बेगूं विधायक राजेन्द्रसिंह बिधूडी ने कहा कि भगवान सांवलिया सेठ के प्रति प्रगाढ आस्था रखने वाले श्रद्धालुओं का कार्य सिद्ध होता है। इसीलिए लाखों श्रद्धालु यहां पहुंचते है। बिधूडी ने मेले में भाग लेने आए श्रद्धालुओं व कलाकारों का स्वागत किया। समारोह अध्यक्ष विधायक शंकरलाल बैरवा ने श्रद्धालुओं का अभिवादन किया। मन्दिर मण्डल अध्यक्ष कन्हैयादास वैष्णव व मुख्य निष्पादन अधिकारी सुरेन्द्र माहेश्वरी ने अतिथियों का स्वागत किया।

सांस्कृतिक कार्यक्रम
जलझूलनी एकादशी मेले में गोवर्धन बस स्टैण्ड मंच पर रात्रि 9 बजे फाल्गुनी ब्रह्मभट्ट दल ने व रात्रि 1 बजे न्यू राजस्थानी आर्केस्ट्रा पार्टी ने रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया। मन्दिर परिसर के मंच पर राजेश वारले व रात्रि एक बजे अल्फा म्यूजिकल ग्रुप नीमच ने रात भर सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए।

भक्तों ने भगवान संग जमकर खेला फाग

सांवलिया सेठ की रजत रथयात्रा में उमड़ा अपार जनसैलाब
hindi newpaperमण्डफिया, ३१ अग. (प्रासं)। देवझूलनी एकादशी पर सोमवार को मण्डफिया धाम पर श्रद्धा एवं भक्ति का जनसैलाब उमड़ा। भगवान सांवलिया सेठ की रथयात्रा में उमड़े भक्तजनों के अपार उत्साह के चलते पूरा क्षेत्र सांवलिया सेठ के जयकारों से गूंज उठा।
देवझूलनी एकादशी मेले के दूसरे दिन सोमवार को भगवान की विशाल रथयात्रा निकाली गई। दोपहर १२ बजे मंदिर प्रांगण से प्रारंभ हुई रथयात्रा में रजतजडि़त रथ में सांवलिया सेठ की छवि विराजित कर मंदिर बोर्ड चेयरमेन कन्हैयालाल वैष्णव, अतिरिक्त कलेक्टर (प्रशासन) सुरेन्द्र माहेश्वरी, सरपंच हजारीदास वैष्णव, बोर्ड सदस्य सत्यनारायण शर्मा ने विधिवत पूजा-अर्चना कर भगवान सांवलिया सेठ की अगवानी की। इस मौके पर अपार जनसमूह उमड़ पड़ा। इस बीच 'हाथी-घोड़ा पालकी जय कन्हैयालाल की' जयघोष से समूचा वातावरण कृष्ण भक्ति में ओतप्रोत हो गया। रथयात्रा में सजे-धजे ऊं ट, घोड़ा, हाथी एवं ऊं टों पर नगाड़े बजाते हुए और ढोलक की थाप पर भक्तों का नृत्य वातावरण को आनंदमयी बना रहा था। इधर विभिन्न बैण्ड पार्टियों द्वारा भक्तिमय धुनें रथयात्रा की अलग ही शोभा बढ़ा रहे थे।
रथयात्रा काफी देर मंदिर प्रांगण ही रूकी रही। यहां से रथयात्रा करीब चार बजे विभिन्न मार्गों से गुजरते हुए सरोवर पहुंची। इस बीच गली-मोहल्ले में ग्रामवासियों ने रथयात्रा का जगह-जगह फूल-मालाओं से स्वागत किया। रथयात्रा में मण्डफिया कस्बे के राधाकृष्ण, चारभुजा मंदिर सहित सभी मंदिरों के बेवाण भी रथयात्रा में साथ चल रहे थे। इसके बाद सरोवर में भगवान की रथयात्रा का पड़ाव हुआ। यहां भगवान के छविग्रह को स्नान करा पूजा-अर्चना की गई। पूजा-अर्चना के बाद रथयात्रा पुन: विभिन्न मागों से गुजरती हुई मंदिर प्रांगण पहुंची। यहां आतिशबाजी की गई। इससे पूर्व रथयात्रा में रंगबिरंगी गुलाल-अबीर और गुलाब की पंखुडिय़ों की वर्षा से समूचा वातावरण मनमोहक हो उठा। इस मौके पर हजारों श्रद्धालुओं ने भी गुलाल की बौछार से होली खेली। इस मौके का दृश्य बड़ा ही मनोरम लग रहा था जैसे ब्रज में भक्त भगवान संग फाग खेल रहे है।
सांवलियाजी धर्मशालाओं, निजी गेस्ट हाउसों, स्कूलों एवं मार्गों में यात्रियों की रेलमपेल होने से लोगों का इधर-उधर गुजरना भी मुश्किल हो रहा था। चप्पे-चप्पे पर पुलिस बल तैनात था। इस दौरान रतनलाल गाडरी, पोखरलाल जाट, किशनलाल अहीर, मंदिर के प्रशासनिक अधिकारी भगवानलाल चतुर्वेदी, डी.सी. व्यास, किशनलाल शर्मा, भवानीशंकर तिवारी, नंदकिशोर टेलर, हीरालाल गुर्जर, चतरसिंह सोलंकी, गौतम जैन, गांव के वरिष्ठ नागरिक इंद्रमल तिवारी, मदनलाल तिवारी, कालूलाल गुर्जर, मन्नालाल शर्मा, भेरूलाल गुर्जर, लक्ष्मीलाल शर्मा, नारायणलाल भडाना सहित कई नागरिक भगवान की सेवा में लगे रहे।
एकादशी पर्व होने से आसपास के गांवों के लोगों का भी सैलाब उमड़ पड़ा। इस अवसर पर रात्रि में रामलीला, आर्केस्ट्रा कार्यक्रम, न्यू राजस्थानी आर्केस्ट्रा, भजन संध्या एवं विभिन रंगारंग कार्यक्रम भी हुए। मंगलवार को मेले का समापन होगा। मंदिर चेयरमेन कन्हैयालाल वैष्णव ने बताया कि समापन के मौके पर विकलांगों को नि:शुल्क ट्राईसाइकिल वितरण मंदिर प्रांगण मंच पर होगा। सांस्कृतिक कार्यक्रम ट्विंकल एवं डायनोमिक इवेंट इंदौर द्वारा होगा। साथ ही राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय मंच पर रामलीला का आयोजन होगा।
इधर भगवान श्री सांवलियाजी के त्रिदिवसीय मेले के प्रथम दिन रात्रि १०.३० बजे महिला आयोग की राष्ट्रीय अध्यक्षा एवं सांसद डा. गिरिजा व्यास ने यहां रेफरल चिकित्सालय मंच पर मेले का उद्घाटन किया। इस अवसर पर विधायक शंकरलाल बैरवा भी मौजूद थे। उनका मंदिर चेयरमेन कन्हैयालाल वैष्णव एवं अतिरिक्त कलेक्टर सुरेंद्र माहेश्वरी ने मंदिर परंपरा के अनुसार स्वागत किया।

भोर तक जमा कवि सम्मेलन ..............................

चित्तौडग़ढ़, ३१ अग. (प्रासं)। मेवाड़ के प्रसिद्व कृष्णधाम मण्डफिया स्थित श्रीसांवलियाजी के त्रि-दिवसीय जलझूलनी एकादशी मेले के अवसर पर रविवार रात्रि को श्रीसांवलियाजी मन्दिर मण्डल द्वारा रेफरल चिकित्सालय परिसर में आयोजित अखिल भारतीय विराट कवि सम्मेलन में देश के कौने कौने से आए कवियों एवं कवयित्रियों द्वारा प्रस्तुत रचनाओं का श्रोताओं ने भोर तक खूब आनन्द उठाया।
विराट कवि सम्मेलन का शुभारम्भ दिल्ली की श्वेता सरगम की सरस्वती वन्दना से हुआ। कवि सम्मेलन में चितौडग़ढ़ के वीर रस के कवि पं. नरेन्द्र मिश्र द्वारा प्रस्तुत इतिहास बदलता जाता था, तारीख बदलती जाती थी औजस्वी रचना प्रस्तुत की तो उपस्थित श्रोताओं के रोंगटे खड़े हो गए। मालवा की माटी से मेवाड़ की धरती पर आई इन्दौर की कवियित्री अर्चना अन्जुम द्वारा प्रस्तुत श्रृंगार रस की रचनाओं के साथ ही समाज में व्याप्त कुरीति भ्रूणहत्या को रोकने के प्रति जनचेतना का सन्देश देने वाली रचना मां देखन दे संसार को सुनकर श्रोता भावविव्हल हो गए।
कवि सम्मेलन में हास्य व्यंग के रचनाकार ऋषभदेव के बलवन्त बल्लू, ओजस्वी कवि जानी बेरागी, दिल्ली के अशोक हंगामा ने अपनी रचनाओं से श्रोताओं को खूब गुदगुदाया जबकि अशोक साहिल की हिन्दी उर्दु की रचनाओं को श्रोताओं ने खूब पसन्द किया। कवि सम्मेलन में दिल्ली की कवियित्री श्वेता सरगम व शालिनी सरगम की श्रृगांर रस की कविताओं को श्रोताओं ने तालियों की गडग़ड़ाहट के साथ खूब पसन्द किया। नरेन्द्र बंजारा की राष्ट्रभक्ति से ओतप्रोत रचना ने वातावरण को देश भक्ति मय बना दिया। कवि सम्मेलन का सफल संचालन मन्दसौर के कवि सुरेश बेरागी ने किया।
कवि सम्मेलन राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष एवं क्षेत्रीय सांसद डा. गिरिजा व्यास के मुख्य आतिथ्य एवं कपासन विधायक शंकर बैरवा की अध्यक्षता में आयोजित अखिल भारतीय विराट कवि सम्मेलन के प्रारंभ में अतिथियों ने श्रीसांवलिया सेठ एवं मां सरस्वती की छवि पर माल्यार्पण कर दीप प्रज्जवलन किया तथा डा. व्यास एवं बैरवा एवं श्रीसांवलियाजी मन्दिर मण्डल के अध्यक्ष कन्हैयादास वैष्णव व मुख्य कार्यपालक अधिकारी सुरेन्द्र माहेश्वरी ने कवियों का माल्यार्पण एवं उपरना ओढ़ा कर स्वागत किया तथा सांवलियाजी का प्रसाद भेंट किया।

भादवा में फागुन के रंग

chittorgarh

मण्डफिया। मण्डफिया स्थित प्रख्यात कृष्णधाम भगवान सांवलिया सेठ के जलझूलनी एकादशी मेले की शुरूआत रविवार को शोभायात्रा के साथ हुई। भक्तों ने भगवान के संग फाग खेली और गुलाल उडी तो महौल फाल्गुनी और भक्तिमय हो गया।

भगवान के दोपहर शयन के बाद मुख्य मंदिर के कपाट खुलने के साथ पुजारी जानकीदास व रामदास वैष्णव ने भगवान कृष्ण के बाल स्वरूप को मुख्य पुजारी केशवदास के सान्निध्य में सिंहासन पर बिराजमान कराया व प्रभु को गुलाब व गंगा जल से स्नान कराने के बाद इत्र का छिडकाव किया। अपराह्न 3 बजे मंदिर के पुजारी व श्रद्धालु भगवान के बाल स्वरूप को ज्योहीं बाहर लाए, सांवलिया सेठ के जयकारे गूंज उठे।

मन्दिर के काष्ट बैवाण मे भगवान सांवलिया सेठ की विशाल छवि के साथ इस सिंहासन को बिराजमान कराया गया। बाल स्वरूप भगवान की छवि की अगवानी मन्दिर मण्डल के पूर्व अध्यक्ष मन्नालाल शर्मा, सरपंच जानकीदास, मनोहर जैन व हजारो श्रद्धालुओं ने की। शोभायात्रा 4 बजे मन्दिर चौक से आरम्भ हुई।

इस शोभायात्रा में विजय के प्रतीक के रूप में आठ निशान चल रहे थे। इनके पीछे शिक्षण संस्थाओं की झांकियां थी। शोभायात्रा में सजे-धजे दो ऊंट भी थे। शोभायात्रा रात 8 बजे पुन: मन्दिर चौक में पहुंच सम्पन्न हुई।

सांस्कृतिक कार्यक्रम
सोमवार को गोवर्धन बस स्टैण्ड परिसर मंच पर रात्रि 9 बजे फाल्गुनी ब्रrाभट्ट व इसी मंच पर रात्रि 1 बजे राजस्थान आर्केस्ट्रा द्वारा रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम, मन्दिर के सामने मंच पर राजेश वारले म्यूजिकल ग्रुप व रात्रि 1 बजे अल्फा म्यूजिकल ग्रुप द्वारा सांस्ंकृतिक कार्यक्रम, रेफरल चिकित्सालय मंच पर रात्रि 9 बजे नेहा कक्कड,सोनू कक्कड व अभिजीत द्वारा भजन प्रस्तुति होगी

आज निकलेगी रथयात्रा
सोमवार को धार्मिक आयोजनों में रथ यात्रा प्रमुख आकर्षण का केन्द्र होगी। इस मुख्य दिवस पर भगवान सांवलिया सेठ के मन्दिर में राजभोग आरती के पश्चात दोपहर 12 बजे रथ यात्रा आरम्भ होगी। रथयात्रा शाम 4 बजे सांवलिया घाट पर पहुंचेगी। यहां भगवान के साथ हजारों भक्त जल में डुबकी लगाएंगे। रात 8 बजे मंदिर में आतिशबाजी होगी।

बैण्ड की धुन पर थिरके भक्त
शोभायात्रा में नीमच के सुभाष बैण्ड, कानोड व मण्डफिया का सांवलिया बैण्ड व काल्याखेडी गांव का श्याम सुन्दर बैण्ड भगवान के भक्ति गीतों की फिल्मी धूनों पर तैयार किए गए भजनों की स्वर लहरियां बिखेरते चल रहे थे। श्रद्धालु गीतों पर भक्ति मे मगन होकर नाच रहे थे। इधर, करतब दिखाते चल रहे 6 अश्व शोभायात्रा में शोभा बढा रहे थेे। भगवान सांवलियाजी की शोभायात्रा पर पुलिस की चौकस निगाहे थी। साथ ही मुख्य निष्पादन अधिकारी सुरेन्द्र माहेश्वरी, मन्दिर मण्डल अध्यक्ष कन्हैयादास, मेला मजिस्टे्रट कमलेश आबूसारिया, सहायक मजिस्ट्रेट मांगीलाल रैगर भी हर स्थिति पर नजर रखे थे। शोभायात्रा में शिक्षण संस्थाओं की झांकिया प्रमुख आकर्षण का केन्द्र रही। सांवलिया आदर्श विद्यालय की राम-लखन जानकी, बालिका माध्यमिक विद्यालय की श्रवण कुमार, सांवलिया शिक्षण संस्थान की चीर हरण नामक झांकियां प्रमुख आकर्षण का केन्द्र रही।

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