सांवलियाजी में 558 कुंडीय महायज्ञ शुरू

Bhaskar News - ChittorGarh
कलश यात्रा निकली, जगह जगह किया स्वागत, आयोजन में उमड़े श्रद्धालु, बग्घी में खड़ेश्वरी महाराज एवं लकड़ी के रथ में सांवलियाजी की छवि विराजित थी

भास्कर न्यूज & सांवलियाजी

कृष्णधाम सांवलियाजी में बैकुंठधाम के संत खड़ेश्वरी महाराज के सानिध्य में 558 कुंडीय सप्त महायज्ञ का शुभारंभ सोमवार को हुआ। इस अवसर पर निकली कलश यात्रा में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने भाग लिया।

भगवान सांवला सेठ की राजभोग आरती के साथ ही यशोदा विहार चौक से शोभायात्रा शुरू हुई। इसमें पीछे बग्घी में खड़ेश्वरी महाराज एवं लकड़ी के रथ में सांवलियाजी की छवि विराजित थी। आगे ऊंट व घोड़ों पर साधु संत चल रहे थे। शोभायात्रा यज्ञनगर पहुंची। शोभायात्रा का जगह जगह पुष्प वर्षा कर स्वागत किया गया।

मुख्य आचार्य पंडित बद्रीनारायण पंचोली व पं. उमेश शास्त्री के सानिध्य में मंडलों की रचना कर स्थापना की गई। दिन में जल कलशों की पूजा हुई।

कार्यक्रम में यज्ञ समिति अध्यक्ष कन्हैया दास वैष्णव, मंत्री मोतीलाल तिवारी, स्थानीय समिति अध्यक्ष भगवानलाल सोनी, मंत्री सत्यनारायण शर्मा, उपाध्यक्ष शंकरलाल जाट, सचिव गजराजसिंह, पूर्व सरपंच हजारीदास वैष्णव, शीतल डाड, मंदिर मंडल के प्रशासनिक अधिकारी किशन लाल शर्मा, विनोद सोनी, विहिप बजरंगदल के अशोक तिवारी, संजय सेन, शिव जायसवाल, नारायण गुर्जर, प्रकाश सेन, कंवर लाल गुर्जर, विश्वास वैष्णव, मदनलाल तिवारी समेत कार्यकर्ताओं व श्रद्धालुओं ने भाग लेकर सहयोग किया।

सड़क पर बिछी फूलों की चादर

शोभायात्रा मे हुई भरपूर पुष्पवर्षा से मार्ग पर गुलाब के पत्तियों की चादर बिछ गई। गर्मी के द्रष्टिगत एवं मार्ग शुद्धिकरण के लिए शोभायात्रा में सबसे आगे पानी का टैंकर चल रहा था, जो सड़क पर पानी का छिड़काव कर रहा था, जिससे शोभायात्रा में शामिल लोगो को राहत मिल सके।

आज के कार्यक्रम

मंगलवार को सप्त महायज्ञ कार्यक्रमों में आवासित देवताओं तथा मंडलों की पूजा की जाएगी। इसके बाद अरणी मंथन के साथ ही हवन एवं आहुतियां का शुभारंभ होगा। रात में रसिक बिहारी महाराज द्वारा भागवत कथा का वाचन किया जाएगा।

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