दिनभर रहा दर्शन का इंतजार


मण्डफिया। प्रख्यात कृष्णधाम सांवलियाजी मन्दिर में सूर्य ग्रहण की समाप्ति के बाद भगवान के दर्शन करने के लिए श्रद्धालुओं की भारी भीड उमड पडी। अमावस्या के मासिक मेले की वजह से दिन भर श्रद्धालु मन्दिर के कपाट खुलने के इन्तजार में रहे।

भगवान संावलिया सेठ के मन्दिर में मासिक अमावस्या मेला होने के कारण वैसे तो श्रद्धालुओं का आने का क्रम धूप खिलने के साथ जारी था। इधर सुतक का प्रभाव होने के बाद अपरान्ह 3:15 बजे भगवान के मुख्य मन्दिर तथा पूरे मन्दिर परिसर को गंगा जल से धोया गया। बाद में भगवान सांवलिया सेठ की प्रतिमा को भी स्त्रान करा कर शृंगार कराया गया। भगवान सांवलियाजी के अमावस्या के भण्डारे की प्रसादी भी सुतक का प्रभाव समाप्त होने के बाद सायं चार बजे से कार्य आरम्भ हो पाया तथा प्रसाद वितरण का कार्यक्रम सायं सात बजे बाद आरम्भ हो पाया। इधर, प्राकट्य स्थल मन्दिर में भी 4 बजे बाद भगवान के दर्शन शुरू हो पाए, जबकि यहां पर भी प्रसादी का कार्य देरी से आरम्भ हुआ।

मासिक मेला शुरू

सांवलियाजी
कृष्णधाम सांवलियाजी में गुरुवार को मासिक मेले का शुभारंभ हुआ। इसमें पहले दिन भगवान की राजभोग आरती के बाद कड़ी सुरक्षा के बीच जयकारों के साथ भंडारा खोला गया। पुजारी नारायणदास ने भगवान को गंगाजल से स्नान करवा नवीन वस्त्राभूषण धारण करवाए। पिछवाई व गले में पुष्पाहार सजाए। इत्र चंदन अर्पितकर भोग धराया। भगवान के दर्शनों के लिए श्रद्धालुओं के आने का क्रम दिनभर जारी रहा। इनमें कई श्रद्धालु मकर संक्रांति पर दान-पुण्य करते नजर आए।

सूर्य ग्रहण से दर्शन काल प्रभावित
सांवलियाजी. प्रशासनिक अधिकारी भगवान चतुर्वेदी ने बताया कि शुक्रवार को सूर्यग्रहण के कारण मंदिर में दर्शन ग्रहण के मोक्ष के बाद होंगे। मंदिर को गंगाजल से धोया जाएगा। गर्भ गृह के पर्दे, भगवान के वस्त्रादि बदले जाएंगे व गंगाजल से स्नान करवाया जाएगा। ग्रहण के कारण शुक्रवार की मंगला आरती, राजभोग आरती, शृंगार व उत्थापन झांकी के दर्शन नहीं हो पाएंगे। शुद्धिकरण के बाद दर्शन खुलेंगे। ब्रह्मभोज का भंडारा रात आठ बजे शुरू होगा।

श्रद्धालुओं की उमडी भीड

28 दिसम्बर 2009, 23:37 hrs IST

मण्डफिया। प्रख्यात कृष्णधाम श्रीसांवलियाजी मन्दिर में रविवार को निम्बाहेडा के अम्बामाता सेवा समिति के श्रद्धालु व शीतकालीन अवकाश के कारण यहां पर रिकार्ड श्रद्धालुओं की आवक हुई। भगवान सांवलिया सेठ के मन्दिर में रविवार सवेरे से ही हजारो की संख्या में श्रद्धालुओं की भीड उमड पडी।
वैसे तो भगवान सांवलिया सेठ के मन्दिर में शीतकालीन अवकाश शुरू होते ही श्रद्धालुओं की हर दिन भीड बनी हुई है, लेकिन इस रविवार को लगभग आठ हजार श्रद्धालु निम्बाहेडा से पहुंचे। इससे कस्बे मे अमावस्या मेले का आभास हुआ। प्रदेश एवं पडोसी राज्यों के इन दिनों आ रहे श्रद्धालुओं के कारण यहां की सभी धर्मशालाएं व गेस्ट हाउस भरे हुए है। पार्किग स्थल पर वाहन खडे करने की भी जगह नहीं है। मन्दिर में पिछले तीन दिनों से सुबह से आरम्भ होने वाली कतारें शाम तक जारी रहती है।

मंडफिया तक की पदयात्रा
निम्बाहेडा। निम्बाहेडा के प्रमुख शक्ति पीठ श्रीअम्बामाता परिसर से रविवार तडके 3 बजे से आरंभ हुए पदयात्रियों के जत्थे सवेरे सात बजे तक सांवलियाजी के लिए रवाना होते देखे गए। निम्बाहेडा के विभिन्न चौराहोें पर पदयात्रियों के जत्थे सांवलिया सेठ की जय एवं अम्बिके मात की जय के नारे लगा रहे थे। श्रीअम्बामाता सेवा समिति के अध्यक्ष चैनसिंह चौहान, उपाध्यक्ष हिम्मतसिंह पंवार, शिवाजी राव मराठा, अजीत पुरोहित, महावीर सैन, सुरेश कालिया, सुरेश राहोरा आदि पदाघिकारियों के नेतृत्व में यह पदयात्रा निकाली गई। सम्पूर्ण पदयात्रा मार्ग पर एक दर्जन से अघिक स्थलों पर जलपान की व्यवस्था श्रद्धालुओं ने की। सांवलिया जी के देवकी सदन स्थल पर सभी पदयात्रियों के लिए प्रसाद की व्यवस्था की गई।

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