तिरंगा फहराने वाले जेल में
भदेसर। श्रीसांवलिया जी के तीन दिवसीय झलझुलनी एकादशी मेले के पहले दिन शुक्रवार रात रेफरल चिकित्सालय के मंच पर आयोजित अखिल भारतीय कवि सम्मेलन खूब जमा। मध्यप्रदेश के कवि सुरेश बैरागी ने भोपाल गैस त्रासदी पर 'रोते सिसयाते बच्चों के मां-बाप ढूंढने आया हंू, तब प्रशासन कहां सोया था यह पूछने आया हूं' पेश कर श्रोताओं को गैस काण्ड की काली रात याद ताजा कर दी।

सम्मेलन की शुरूआत कवयित्री अन्नु सपन्न ने सरस्वती वंदना 'हाथ जोड अपना शिश नवाऊं हाथ जोड' कविता सेकी। चित्तौडगढ के नवीन सारथी ने 'बलिदानों की धरती है यह, वीरों को जन्म दिया करते है', 'गौरव मान दियाधरती ने, शिश कट जाए झूकता नहीं' से श्रोताओं में जोश भर दिया।
रवीन्द्र जानी ने शत्रु से संघर्ष में हार नहीं मानी, कवयित्री शालिनीसरगम ने 'आपके शहर में प्यार लेकर आई हूं', शंकर सुखवाल नेसरपंचोे पर 'जिनके पास कल तक साइकिल भी नहीं थी' कवितापेश कर खुब दाद लूटी। उदयपुर के अजातशत्रु ने नैन बिचनैनमिलाती है लडकी' 'बेचारा पुलिसवाला' तथा 'प्यारी मुझे कुर्सीलागे, मुझे दिलादे गणपति बप्पा मोरिया' व्यंगात्मक रचनाएं पेशकी। कवयित्री अन्नू ने गीत 'कोयल बोली कूंहूं-कूंहूं, बोले पपीहापूहूं-पूहूं' गजल 'आप बिना जिन्दगी यह गजल हो गई, आप मिलगए तो यह सरल हो गई', 'चली-चली रे पवन पुरवाई,' 'इस तरह मुझे आप मत देखिए, भाव सूची नहीं बाजार की' सेतालियां बटोरी। धचक मुलतानी ने पैरोडियों से हास्य की चुटकियां ली।
उन्होंने 'दागी मंत्री घूम रहे है रेल में, तिरंगा फहराने वाले जा रहे जेल में', 'बेटी जैसी बहु जलाई जाती है तबकुछ-कुछ होता है' तथा 'देश का कानून चवन्नी में बिक गया' पेश की। मुम्बई के कवि ने 'अब की बार युद्ध हुआमतो इस्लामाबाद में तिरंगा गाड देंगे,' व 'आओ हम सब मिलकर बोले भारत माता की जय' से वीर रस उडेला।
आगरा की मंजू दीक्षित ने वृद्ध मां-बाप को बेसहारा छोडने वालों पर 'आश्रमों में लाकर छोड जाते है' तथा शराब कीखातिर पिता के पुत्री को बेचने पर एक पुत्री का मां को पत्र 'पत्र में अपनी कहानी लिख रही लली' कविताएं पेश की।संचालक सुरेश बैरागी ने भी कृष्ण व मीरां पर छंद से शुरूआत की। सम्मेलन के मुख्य अतिथि पूर्व सांसद श्रीचंदकृपलानी थे। विशिष्ट अतिथि डेयरी चेयरमैन बद्रीलाल जाट व पूर्व विधायक अर्जुनलाल जीनगर थे। मंदिर मण्डलके मुख्य निष्पादन अघिकारी अतिरिक्त कलक्टर अवधेशसिंह, मण्डल अध्यक्ष कन्हैयादास आदि ने अतिथियों वकवियों का अभिनन्दन किया। सम्मेलन के दौरान फडकों का प्रकोप रहा। श्रोता इससे परेशान रहे।
केसे पहुचे सांवलिया जी
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HOW TO REACH
1. | BY ROAD : | |
CHITTORGARH TO SANWALIA JI VIA BHADSODA CROSS ROAD 40 KM. | ||
UDAIPUR TO SANWALIA JI VIA BHADSODA CROSS ROAD 87 KM. | ||
MANDASOUR TO SANWALIA JI VIA NEEMUCH, NIMBAHERA 122 KM. | ||
CHITTORGARH TO SANWALIA JI VIA AWARI MATA JI 45 KM. | ||
KOTA TO SANWALIA JI VIA BHASODA CROSS ROADS. 218 KM. | ||
KAPASAN TO SANWALIA JI VIA BHADSODA CROSS ROADS. 32 KM. | ||
NATHDWARA TO SANWALIA JI. 115 KM. | ||
2. | BY RAILROAD : | |
TRAINS FROM DELHI , JAIPUR AND KOTA TO CHITTORGARH | ||
TRAINS FROM INDORE, UJJAIN, KHANDAWA AND RATLAM TO NIMBAHERA | ||
NOTE : FROM CHITTORGARH AND NIMBAHERA BUSES ARE AVAILABLE FOR SHRI SANWALIA JI |
3. | BY AIR : | |
FLIGHTS FROM DELHI AND MUMBAI TO DABOK (UDAIPUR) | ||
NOTE : FROM DABOK (UDAIPUR) BUSES ARE AVAILABLE FOR SHRI SANWALIAJI |
कहते हे ना एक से भले दो
सही हे एक वक्त था जब में अकेला श्री सांवलिया जी के ब्लॉग पर काम करता था किन्तु आज मुझे ये देख कर बहुत खुसी हुई की एक सज्जन भाई ने श्री सांवलिया सेठ पर एक नई और अत्याधुनिक वेब साईट बनाई जिस में श्री सांवलिया से सम्बंधित कई प्रकार की जानकारिया दी जा रही हें इस साईट पर जाने के लिए आप http://www.shreesanwaliyaji.com
यहाँ क्लिक करे
आशा हे भाई भविष्य में भी हम इसी प्रकार कई जानकारिय भक्त जनों को उपलब्ध करते रहेंगे |
भाई को बहुत बहुत बधाई |
शेखर कुमावत