हजारों यात्री पहुंचे सांवला के द्वार

सांवलियाजी
कृष्णधाम सांवलियाजी में रविवार को श्रद्धालुओं का सैलाब उमडऩे से दर्शनों के लिए दिनभर कतारें लगी रही। हाथों में पूजा की थाली और प्रसाद लिए कतारों में खड़े श्रद्धालु सांवलिया सेठ के जयकारों से समूचा मंदिर परिसर गूंज उठा।

मंगला आरती के बाद पुजारी नारायणदास वैष्णव ने भगवान को गंगाजल से स्नान करवा इत्रादि का लेप किया एवं नवीन वस्त्र धारण करवाए। पुष्पमाला, मोरपंख व छोगा आदि धारण करवा सुंदर शृंगार किया। मुख्य आरती के बाद राजभोग लगाया गया। शीतकालीन अवकाश, निम्बाहेड़ा के पैदलयात्रियों का समूह एवं रविवार होने से जल्दी सुबह से ही मंदिर में दर्शनों की कतारें लगना शुरू हो गई। मंदिर मंडल अध्यक्ष कन्हैयादास वैष्णव, भादसोड़ा थानाधिकारी मिट्ठूलाल मेघवाल, गणपतसिंह शेखावत व भगवानलाल चुतर्वेदी व्यवस्थाओं में लगे रहे।

शार्टकट श्रद्धालुओं ने किया परेशान

दर्शनों के लिए लगी कतारों को छोड़ अपने प्रभाव व रसूख के जोर पर शार्टकट दर्शनों के लिए घुसे श्रद्धालुओं से कतारों में लगे श्रद्धालुओं को परेशानी का सामना करना पड़ा। ड्यूटी पर तैनात कर्मचारियों द्वारा अपनी मनमर्जी से कई लोगों को दर्शनों के लिए सीधे अंदिर घुसाने से अन्य श्रद्धालुओं को नाराज होते देखा गया।

बालभोग प्रसाद की बिक्री ने तोड़ा रिकार्ड

कृष्णधाम सांवलियाजी मंदिर में श्रद्धालुओं के बढऩे के साथ ही बाल भोग प्रसाद की रिकार्ड बिक्री हो रही है। पिछले तीन दिनों से रोजाना एक लाख रुपए के प्रसाद की बिक्री हो रही है। व्यवस्थापक कालूलाल तेली ने बताया कि वर्तमान में इससे अधिक प्रसाद तैयार करना संभव नहीं है। कई श्रद्धालुओं को बिना प्रसाद लिए ही वापस लौटना पड़ा। गत अमावस्या पर साढ़े तीन लाख रुपए के प्रसाद की बिक्री हुई। मंदिर मंडल अध्यक्ष वैष्णव ने बताया कि राजस्थान, मध्यप्रदेश के साथ ही गुजराती श्रद्धालुओं की आवक में तेजी से बढ़ोतरी हुई है।

अंबामाता के भक्त उमड़े सांवलिया दरबार में

एक दशक से पदयात्रा कर सांवलियाजी पहुंचने वाले अंबा माता सेवा समिति निम्बाहेड़ा के पदयात्री रविवार को बड़ी संख्या में सांवलियाजी पहुंचे। समिति अध्यक्ष चेन सिंह ने बताया कि शनिवार रात तीन बजे अंबा माता के दर्शन कर पदयात्रियों को पहला जत्था सांवलियाजी के दर्शनों के लिए रवाना हुआ। उसके बाद सुबह छह बजे तक अलग-अलग जत्थों में पदयात्री रवाना होते रहे।

इस बार समिति के तत्वावधानमें १५ हजार से अधिक श्रद्धालुओं ने पदयात्रा कर भगवान सांवलिया सेठ के

दर्शन किए।

नंदजी का लाला एलबम का फिल्मांकन

Thursday, Nov 26th, 2009,
चित्तौडग़ढ़

समृद्धि फिल्मस एंड टेलीविजन की ओर से बनाई जा रही श्रीकृष्ण भजन नंदजी का लाला म्हाने झाला दे ग्यो एलबम की शूटिंग हुई। समृद्वि फिल्मस के सुनील जैन ने बताया कि फिल्म महिमा सांवलिया सेठ की सफलता के बाद कृष्ण भजन एलबम की शूटिंग समीपवर्ती घटियावली के आसपास तालाब, पहाडियों आदि जगहों पर की गई।

सांवलियाजी के दर्शनार्थ उमड़े श्रद्धालु

Monday, Dec 14th, 2009
कृष्णधाम सांवलियाजी मंदिर में दर्शनों के लिए रविवार को श्रद्धालुओं की भीड़ रहने से मेले जैसा माहौल रहा। श्रद्धालुओं की दिनभर आवाजाही रहने से बाजार में काफी चहल-पहल रही।

मंदिर के पुजारी नारायण दास ने बताया कि भगवान को गंगाजल से स्नान करवाकर नवीन वस्त्र धारण करवाए। गले में गुलाब की माला व सिर पर मोरपंख धारण करवाया गया। भगवान की छवि के दर्शनार्थ सुबह से ही श्रद्धालुओं के आने का क्रम शुरू हो गया, जो देर शाम तक जारी रहा। इस बीच दोपहर में शयन के बाद होने वाली उत्थापन झांकी के दर्शनार्थ बड़ी संख्या में श्रद्धालु एकत्रित हो जाने से लंबी कतारें लगी। जयकारों के साथ श्रद्धालुओं ने पूजा-अर्चना कर

भोग लगाया।

भजन-कीर्तन व झांकियों ने मन मोहा : विजयनगर के खंडेलवाल परिवार की ओर से यशोदा विहार धर्मशाला चौक में हवन व भजन-कीर्तन हुए। इसमें मंच पर सांवलिया सेठ, खाटूश्याम, भालेनाथ, बजरंग बली, दुर्गामाता आदि देवी-देवताओं की झांकियां

सजाई गई।

धूमधाम से हुआ सांवलिया सेठ का ब्याह

Bhaskar News Chittorgarh
फतहनगर, ११ दिस.(प्रासं)। मण्डफिया के सांवलिया सेठ का तुलसी संग विवाह शुक्रवार को धूमधाम से हुआ। विवाह की सारी रस्मों का इस अवसर पर निर्वहन किया गया तथा शाम के वक्त तुलसी को भावभीनी विदाई दी गई। विवाहोत्सव में बड़ी संख्या में नगरवासियों ने भाग लिया।
चित्तौडग़ढ़ जिले के मण्डफिया से सुबह साढ़े दस बजे सांवलिया सेठ की बारात यहां के सिद्ध हनुमान मंदिर में पहुंची जहां पर श्यामलाल सोनी, कालुलाल, रामेश्वरलाल सोनी तथा नगर के लोगों ने अगवानी की। सांवलिया सेठ के आते ही बैण्डबाजों पर भक्ति भजनों की सुमधुर स्वर लहरियों के बीच थिरकते भक्तों ने पुष्पवृष्टि की। दूल्हेा बने सांवलिया सेठ को मंदिर में ले जाया गया तथा सुसज्जित वेवाण में विराजित कर बारी-बारी से सबने सेवा अर्पित की। यहां बारात का अतिथि सत्कार किया गया। बारात में मण्डफिया के मुख्य पुजारी केशुदास तथा भक्तजन शामिल थे।
बारात की अगवानी के बाद बैण्डबाजों के साथ सांवलिया सेठ की नगर में बिंदोली निकाली गई। वेवाण में विराजे सांवलिया सेठ को रथ में विराजित किया गया। बिंदोली कृषि उपज मण्डी, रोड़वेज बस स्टेण्ड, सब्जी मण्डी, अस्पताल रोड़, मुख्य चौराहा,नया बाजार, पटेल स्टेडियम होते हुए जवाहर कॉलोंनी स्थित श्यामलाल सोनी के आवास पर पहुंची जहां पर विधिविधान से तोरण वंदन, पाणिग्रहण संस्कार आदि किया गया। जोड़े बैठे तथा वैदिक मन्त्रोच्चार के साथ ही कन्यादान की रस्म भी अदा की गई। कन्यादान आयोजक कुलथिया परिवार के सदस्यों ने किया। शाम को सांवलिया सेठ संग तुलसी को भावभिनी विदाई दी गई। इस नयनाभिराम दृश्य के सैंकड़ों श्रद्धालु साक्षी बने तथा भगवान के दर्शन का लाभ लिया।

अन्नकूट लूट में उमड़े श्रद्धालु

सांवलिया मंदिर में अन्नकूट महोत्सव
मण्डफिया, १९ अक्टू.( प्रासं)। राजस्थान के प्रमुख तीर्थस्थल सांवलियाजी मंदिर में अन्नकूट महोत्सव हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। इस अवसर पर रात्रि १०.३० बजे अन्नकूट लूट कार्यक्रम हुआ जिसमें हजारों भक्तों ने ''हाथी घोड़ा पाल की जय कन्हैयालाल की'' की गूंज के साथ खूब प्रसाद लूटने का आनन्द लिया।

पूरे गांव से लिया जाता है चन्दा

मंदिर बोर्ड चेयरमेन कन्हैयालाल वैष्णव के नेतृत्व में बोर्ड सदस्य सत्यनारायण शर्मा, कांग्रेस नेता भेरूलाल गुर्जर, मन्दिर के प्रशासनिक अधिकारी भगवान लाल चतुर्वेदी, पूर्व उप सरपंच आजाद हुसैन, लक्ष्मीलाल ओझा, कर्मचारी संघ के पूर्व अध्यक्ष गौतमलाल जैन, मंदिर के पूर्व चेयरमेन कालूराम गुर्जर, पं.स. सदस्य मनोहरलाल जैन, ममतेश शर्मा, अशोक कुमार बंसल, पटेल रामलाल गुर्जर सहित कई पंच-पटेलों ने पूरे कस्बे का भ्रमण कर घर-घर से अन्नकूट प्रसाद के लिए चन्दा उगाही की। परम्परागत पूरे गांव से चन्दा लिया जाता है। इस चन्दे में बगैर भेदभाव के हिन्दू और मुस्लिम भाई प्रेमपूर्वक चन्दा देते हैं। इससे साम्प्रदायिक सौहार्द्र की झलक देखी जा सकती है।
चन्दा उगाही में लोग अपनी इच्छानुसार चन्दा देते हैं और कोई नहीं भी देता है फिर भी समान रूप से सभी के घरों में चार शुद्ध घी के बने मालपुए का प्रसाद रात्रि १२ बजे के बाद भेजा जाता है। यह कार्यक्रम भौर तक जारी रहता है।
सांयकाल आस-पास के गांवों के लोगों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। रात्रि १०.३० बजे सांवलियाजी सेठ की आरती समाप्ति के बाद मंदिर में अन्नकूट लूट कार्यक्रम हुआ। इस मौके पर मन्दिर में हजारों लोग उमड़े। गरीब हो या अमीर, सभी ने बड़े उत्साह से प्रसाद लूटने का आनन्द लिया। इधर देवकी धर्मशाला में रात्रि ११ बजे बाद अन्नकूट भोज शुरू हुआ। जिसमें हजारों लोगों ने मालपुए सहित भोजन ग्रहण किया।
रात्रि १२.३० बजे कर्मचारी संघ के पूर्व अध्यक्ष कालूलाल तेली, दिनेश चन्द्र तिवारी सहित कई मन्दिर कर्मचारियों ने घर-घर जाकर मालपुए के पैकेट का वितरण किया।
इससे पूर्व दोपहर बाद ३.३० बजे मन्दिर प्रांगण में गौ पूजन हुआ। सांवलियाजी मन्दिर गौशाला की चुनिंदा गायों की मन्दिर चेयरमेन कन्हैयालाल वैष्णव, वार्ड सदस्य सत्यनारायण शर्मा, प्रशासनिक अधिकारी भगवानलाल तिवारी, केशियर नन्दकिशोर टेलर एवं पंडित विश्वनाथ आमेटा ने विधिवत पूजा कर गायों को लापसी खिलाई तत्पश्चात् आतिशबाजी से गायों को रिझाया गया। आतिशबाजी के दौरान हर साल की तरह इस बार भी शांति भंग हुई। कई जनें आपस में लडऩे लगे। कुछ शरारती तत्वों ने आड़े-तिरछे राकेट छोड़े। जिसमें कई लोग बाल-बाल बचे। परम्परा के नाम गायों पर जुल्म एवं आतिशबाजी गलत तरीके से होना ग्रामीणों को रास नहीं आ रहा है।

शरद पूर्णिमा पर्व मनाया


उदयपुर, ४ अक्टू.(प्रासं)। शरद पूर्णिमा पर्व अंचल के विभिन्न स्थानों पर मनाया गया। मंदिरों में विशेष पूजा अर्चना कर ठाकुरजी को खीर का भोग धराया गया।
शरद पूर्णिमा पर्व पर ऐसी मान्यता है कि चन्दामामा की धवल किरणें निकलकर खीर प्रसाद को अमृत बना देती हंै। ऐसा हमारे शास्त्रों में विदित है। आज के दिन भगवान कृष्ण द्वारिका से वृन्दावन गए और गोपियों के साथ रास रचाया।
शरदोत्सव पर घर-घर खीर बनाई गई। खीर बनाने के बाद खीर के पात्र को खुले आसमान तले खुला रख दिया। रात्रि १२ बजे तक चन्द्रमा की चंचल किरणों से खीर अमृतमय हुई। परिवार के लोगों ने सामूहिक रूप से छत पर बैठकर खीर का पान किया।
मण्डफिया के श्री सांवलियाजी सेठ के मन्दिर में एवं मण्डफिया कस्बे में शरदपूर्णिमा पर्व मनाया। श्री सांवलियाजी मन्दिर में रात्रि १२ बजे पूजा-अर्चना के बाद सभी भक्तों को खीर का प्रसाद वितरण किया जिसमें देर रात्रि तक भक्त इसका लुत्फ उठाते रहे। मन्दिर मण्डल की ओर से पांच क्विंटल दूध एवं बादाम पिस्ता युक्त खीर का भगवान श्री को भोग धराया गया। इस मौके पर मन्दिर मण्डल चेयरमेन कन्हैयालाल वैष्णव, सरपंच हजारीदास वैष्णव, प्रशासनिक अधिकारी भगवानलाल चतुर्वेदी, सहायक लेखाकार किशनलाल शर्मा सहित कई कर्मचारी व्यवस्थाओं के तहत उपस्थित थे। इस अवसर पर समाजसेवी बीमा अभिकत्र्ता आदम अली बोहरा ने सैंकड़ों श्वास (दमा) रोगियों को खीर से दवाई पिलाई।

भक्तिरस में डूबे रात भर

Wednesday 02 Sep, 2009 03:00 PM मण्डफिया। 'कभी राम बनके, कभी श्याम बनके चले आना' भजन सहित अन्य भजनों की पार्श्व गायिकासोनू व नेहा कक्कड ने श्री सांवलियाजी के जलझूलनी एकादशी मेले के मुख्य मंच पर सोमवार रात प्रस्तुत कर लोगों को भक्ति रस में डूबोए रखा। भजन संध्या मे अभिजीत घोंसले ने भी गीत प्रस्तुत किए। रेफरल अस्पताल के मंच पर हजारों श्र ��ताओं की मौजूदगी में रात 10 बजे भगवान सांवलिया सेठ की स्तुति के बाद भजन संध्या शुरू हुई। भजनों के साथ अभिजीत घोंसले ने 'तेरी आंखे भुल भुलईयां', आदि फिल्मी गीत प्रस्तुत किए।

भजन संध्या में नेहा व सोनू कक्कड के 'कभी राम बन के, कभी श्याम बनके' व 'जय हो पवन कुमार' नामक भजनों पर श्रोता जमकर नाचे। महेश मोहन द्वारा प्रस्तुत गीत 'बचना ए हसीनों ' व 'सांवरिया से मिलने का ' गीत व भजन प्रस्तुत किए। भजन संध्या के दौरान कलाकार मयूर ने चुटकुले सुना कर श्रोताओं को हंसा कर लौट पोट कर दिया।

ऎश्वर्या ने 'मेरा मन है नशीला', राकेश व रोमी ने 'दिवाना राधे का' व 'अरे-रे मेरी जान है राधा' नामक भजन व गाने प्रस्तुत किए। पार्श्व गायिका सोनु कक्कड ने 'बाबूजी जरा धीरे चलो' नामक गीत में सहयोगी कलाकारों के साथ नृत्य पेश किया।

सांवलियाजी का जलझूलनी मेला संपन्न

रंगारंग कार्यक्रम व भक्ति गीतों पर झूम उठे दर्शक
मण्डफिया, सित. भगवान श्री सांवलियाजी का जलझूलनी एकादशी का त्रिदिवसीय विशाल मेला हर्षोल्लास के साथ संपन्न हो गया।
मंदिर के सामने मंच पर समापन समारोह कपासन विधायक शंकरलाल बैरवा के मुख्य आतिथ्य में दीप प्रज्जवलन के साथ हुआ। इस अवसर पर सांवलियाजी मंदिर मण्डल चेयरमेन कन्हैयालाल वैष्णव कार्यपालक अधिकारी सुरेन्द्र माहेश्वरी एवं मण्डफिया-सरपंच हजारीदास वैष्णव ने अतिथियों का स्वागत किया।
इसके पश्चात रात १० बजे इसी मंच पर सांस्कृतिक कार्यक्रम विख्यात भजन गायक टंविकल एवं डायनेमिक इन्वेन्ट मूलचंदानी द्वारा प्रारंभ हुआ। जिसमें गायक महेश गोयल ने 'सिरड़ी वाले साईं बाबा आया हूं तेरे दर पे' सुनाया तो भक्त भाव विभोर हो गये गायिका प्रिया ने 'एक-राधा एक मीरा दोनों ने श्याम को चाहा'' सुनाकर दर्शकों का मनमोह लिया। इसके बाद युवतियों ने नृत्य में समां बांध दिया टी सीरीज की विख्यात गायिका रेखा राठौड़ 'भक्तों की भीड़ है अपार सांवरिया के मंदिर में 'सुना तो दर्शक झूमने लगे। गायक नरेन्द्र रूपाली ने फिल्मी गीत 'दिवाना दिल कहीं हो ना जाये, हमसे खता कोई हो जाये'' पर मनमोहक नृत्य प्रस्तुत किया। प्रसिद्ध गायिक ट्विटल ने 'जय हो मां जय हो मां, तू कितनी भक्तों की रखवाली है।
ट्विंकल स्वयं गाते हुए मंच के नीचे आकर मंदिर अध्यक्ष कन्हैयालाल वैष्णव, बोर्ड सदस्य सत्यनारायण शर्मा एवं विधायक शंकरलाल बैरवा एवं सांवलियाजी मंदिर के मुख्य पुजारी केशवदास वैष्णव, भाजपा युवा कार्यकर्ता भैरूलाल सोनी, रमेशचन्द्र पामेचा सहित कई भक्तों को नृत्य करने पर मजबूर कर दिया।
एक कलाकार ने सुदामा का रूप धरे प्रसिद्ध भजन गीत 'भटके-भटके जाने कहां से गरीब गया, अरे द्वारा पालो कन्हैया से कह दो सुदामा करीब गया' पर एक्टिंग की और एक कलाकार भगवान श्रीकृष्ण का रूप धरे सुदामा का चरण धोते-गले लगाते दृश्य में श्रोता इतने भाव विभोर हुए कि कईयों के आंसू छलक पड़े।
इसके पूर्व रात्रि १२.३० बजे मंदिर चेयरमेन कन्हैयालाल वैष्णव अतिरिक्त कलेक्टर सुरेन्द्र माहेश्वरी, विधायक शंकरलाल बैरवा, सरपंच हजारीदास वैष्णव बोर्ड सदस्य सत्यनाराय शर्मा एवं अन्य सदस्यों द्वारा विकलांगों को नि:शुल्क ट्राई सायकिलें वितरण की। समापन के मौके पर सरपंच हजारीदास वैष्णव, प्रशासनिक अधिकारी भगवानलाल चतुर्वेदी, सहायक लेखाकार किशनलाल शर्मा सहायक अभियन्ता डीसी व्यास, कनिष्ठ लेखाकार भवानी शंकर तिवारी, केशियर नन्द किशोर टेलर, हीरालाल गुर्जर एवं गांव के वरिष्ठ नागरिक भैरूलाल गुर्जर, आजाद हुसैन, मंदिर के पूर्व चेयरमेन कालुराम गुर्जर, भाजपा कार्यकर्ता भैरूलाल सोनी, रमेशचन्द्र पामेचा, प्रकाशचन्द पामेचा, लक्ष्मीलाल शर्मा, चतरसिंह सोलंकी, गौतम जैन सहित गांव के कई गणमान्य नागरिक एवं सैंकड़ों बाहर से आये श्रद्धालुजन एवं भारी पुलिस जाब्ता उपस्थित थे।

तेजस्वी आन न जाने दी..................




मण्डफिया। प्रख्यात कृष्णधाम सांवलियाजी में चल रहे तीन दिवसीय मेले के प्रथम दिन रविवार रात आयोजित अखिल भारतीय कवि सम्मेलन में भोर तक काव्य निशा का दौर चलता रहा।कवि सम्मेलन में कवियों व कवयित्रियों ने कविता, भजन, मुक्तक, पैरोडियों से श्रोताओं को गुदगुदाया तो देश प्रेम एवं चित्तौडगढ के इतिहास को इंगित किया।

कवि सम्मेलन के आरम्भ में श्वेता सरगम ने सर्वप्रथम सरस्वती वंदना पेश की। कवि सम्मेलन में कवि नरेन्द्र मिश्र ने चित्तौडगढ के इतिहास को अपनी कविताओं के माध्यम से वर्णित कर खूब दाद लूटी। नरेन्द्र मिश्र ने पद्मिनी के जौहर पर 'जिंदा जल गई मगर अपनी तेजस्वी आन न जाने दी, अपने जौहर से रानी ने मेवाडी मिट्टी की महक नहीं जाने दी' पेश की।

कवि सम्मेलन

में शालीनी सरगम में 'आधी उम्र कट चुकी है, प्रिय तेरे प्यार में' श्रृंगार रस की कविता पेश की। उदयपुर से आए अजातशत्रु ने 'कानों को प्यारी कुंवारी की बालिया', 'प्यारी कुर्सी मुझे भी दिलवादो, ओ गणपति बप्पा मोरिया' पेश की। कवि शंकर सुखवाल ने पैरोडी से शुरूआत करने के बाद 'देश के आकाओं करो युद्ध की तैयारी' कविता पेश की।

इस दौरान कवयित्री श्वेता सरगम, कवि मुजफ्फनगर अशोक ,बलवन्त बिल्लु, नरेन्द्र बंजारा, कवियित्री अर्चना अंजुम आदि ने कविताएं पेश की। कवि जानी बैरागी ने पैरोडियों से सबको गुदगुदाया तथ सुरेश बैरागी ने मंच का संचालन किया। कवि सम्मेलन में श्रोतागण भोर तक काव्य रस का आनन्द लेते रहे।

राजनीति से ऊपर उठकर निभाएं भागीदारी
राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष एवं सांसद डॉ. गिरिजा व्यास ने कहा कि सांवलियाजी मेले के आयोजन में जन भागीदारी राजनीति से उपर उठ कर सामाजिक सरोकार व धार्मिक आस्था के साथ निभाएं। डॉ. व्यास रविवार रात भगवान सांवलियाजी के जल-झूलनी एकादशी मेलेपर आयोजित कवि सम्मेलन में मुख्य अतिथि पद से सम्बोधित कर रही थी।

समारोह में मेवाड की धरती पर पधारे कवियों का सांसद व्यास ने स्वागत उद्बोधन के साथ एक कविता 'आकाश में उडते परिन्दे कैसे प्यास बुझाए' नामक प्रस्तुत की। कवि सम्मेलन की अध्यक्षता कर विधायक शंकरलाल बैरवा ने मेले में भाग लेने आए श्रद्धालु एवं कवियों का स्वागत किया। मन्दिर मण्डल अध्यक्ष कन्हैयादास वैष्णव, सदस्य सत्यनारायण शर्मा व सरपंच हजारीदास वैष्णव ने सांसद व्यास, विधायक बैरवा व कवियों का स्वागत किया।

प्राकट्य स्थल पर भी उमडा सैलाब
मण्डफिया। जिले के भादसौडा चौराहा स्थित श्री सांवलियाजी के प्राकटय स्थल मन्दिर के जल-झूलनी एकादशी मेले की रथ यात्रा का सानिध्य पाने के लिए श्रद्धालुओं का सैलाब उमड पडा। सोमवार को रथ यात्रा का शुभारंभ भादसौडा कस्बा स्थित भगवान सांवलियाजी के मन्दिर से हुआ। रथयात्रा में प्रात: 10 बजे भगवान के बाल स्वरूप को रथ पर स्थापित कर हाथी-घोडा पालकी के जय उद्घोष के साथ आरम्भ हुई।

सजे-धजे अश्व नृत्य करते हुए तो हाथी श्रद्धालुओं का अभिवादन करते हुए चल रहे थे। रथ यात्रा दोपहर 2 बजे जब चौराहा स्थित प्राकटय स्थल मन्दिर पर पहुंची। बाल स्वरूप भगवान को जल में झुलाया गया, इनकी विशेष आरती की गई। हजारों श्रद्धालुओं ने भगवान के संग फाग खेली। मन्दिर मण्डल उपाध्यक्ष बाबूलाल ओझा, गंगाराम चौधरी, कार्यपालक अधिकारी राजेन्द्र सोमाणी, उपसरपंच अशोक अग्रवाल, पूर्व सरपंच नरेन्द्र खेरादियों सहीत बडी संख्या में ट्रस्टी भी उपस्थित थे।


सांवरा के संग हजारों ने लगाई डुबकी
जलझूलनी एकादशी के अवसर पर निकाली गई रथ यात्रा में भगवान के साथ हजारों भक्तों ने सोमवार शाम डुबकी लगाई।


उपन्नों से किया स्वागत
जलझूलनी एकादशी मेले पर रथ यात्रा में सम्मिलित होने आए कस्बे के श्रद्धालुओं का मन्दिर परिसर में मन्दिर मण्डल अध्यक्ष ने उपन्ना [केसरिया पट्टी] पहना कर स्वागत किया।


पांच रेवाडियों का संगम
जलझूलनी पर सांवलिया घाट पर भगवान सांवलिया सेठ अकेले ही जल में झूलने नहीं जाते। कस्बे में कुरेठा नाका मन्दिर, राधाकृष्ण मन्दिर, नीम चौक मन्दिर, कार्तिक स्वामी मन्दिर व गिदाखेडा गांव के मन्दिर की रेवाडिया भी एक साथ जल में झूलने की परम्परा रही है।


आकाश पर टिकी नजरें
भगवान सांवलिया सेठ के जलझूलनी एकादशी मेले के रथ यात्रा समापन्न पर पूर्णिमा फायर वक्र्स जयपुर की ओर से सतरंगी आतिशबाजी कर हजारों श्रद्धालुओं को आनन्दित कर दिया। सोमवार को रात्रि मंदिर मण्डल की ओर से एक घंटे की रंगीन आतिशबाजी की गई। सुनहरी, अशरफी, सफेद व बैंगनी झरने, झाड एवं झूमर के रूप में आतिशबाजी की गई।


सांवलियाजी मन्दिर के बाहर स्थित मंच पर विनोद राठोड एवं दल द्वारा रात भर लोक भजनों एवं नृत्यों की प्रस्तुति के साथ रात भर श्रद्धालुओं को भक्ति में डूबोए रखा, इधर गोवर्धन बस स्टैण्ड के मंच पर सिमोन एवं पूजा ग्रुप का समृद्धि फिल्मस की ओर से रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम रात भर जमा रहा।

भजन संध्या व रंगारंग कार्यक्रमों में जमे रहे लोग

मण्डफिया, १ सित. (प्रासं)। राजस्थान के प्रमुख तीर्थ स्थल भगवान श्री सांवलियाजी सेठ के त्रिदिवसीय एकादशी मेेले के दूसरे दिन सोमवार रात्रि को मुख्य मेले के आगाज के साथ अनेक सांस्कृतिक मनोरंजन एवं भजन संध्या रातभर जारी रहे। करीब दो लाख श्रद्धालु जन इन्हीं कार्यक्रमों में रात भर डटे रहे। इस मौके पर विशाल भजन संध्या रेफरल चिकित्सालय मंच पर आयोजित हुई ।
रात्रि ११ बजे विधायक राजेन्द्र सिंह विदुडी के मुख्य अतिथ्य एवं विधायक शंकर लाल बैरवा की अध्यक्षता में मां सरस्वती एवं सांवरिया सेठ की प्रतिमा पर दीप प्रज्जवलन के साथ भजन संध्या का शुभारंभ हुआ। इस मौके पर मंदिर चेयरमेन कन्हैयालाल वैष्णव, मुख्यकार्यपालक अधिकारी सुरेन्द्र माहेश्वरी एवं सरपंच हजारी दास वैष्णव ने अतिथियों का माल्यार्पण कर स्वागत किया। प्रख्यात पाश्र्वगायक नेहा सोनू कक्कड़ एवं अभिजित घोषाल की भजन संध्या प्रारंभ हुई जिसमें पूजा राठौड़ एवं रोमी राजेश द्वारा -दिवाना राधा का, अरे मेरी जान है राधा, तेरे पर कुर्बान है राधा' सुनाया तो श्रोता भी साथ साथ झूमने लगे और गाने लगे। अभिजित घोषाल ने फिल्म फना का गीत चांद की सिफारिश एवं गेंगेस्टर का गीत सुनाया तो श्रोता भी साथ साथ गाने लगे। सोनू कक्कड़ ने बाबू जी जरा धीरे चलो और ओ मेरे सैंया सरवर पी गये' गायिका एश्वर्या ने 'कान में झुमका कमर में झूमका मेरी पतली कमर में लटके' सुनाया तो लोगों ने नकार दिया। नेहा कक्कड़ ने हो वंृद्धावन में बोले राधे-राधे सुनाया तो श्रोताओं की तालियों की गडगडाहट से पांडाल गूंज उठा। अभिजित घोषाल ने पुन: मंच पर आते हुए 'हरे राम हरे कृष्णा, सुनाया। बाद में एक फिल्मी डिस्को गाना, गाने लगा तो दर्शकों ने उठ खडे होकर उसको जाने को कहा। उसके बाद सोनू कक्कड़ ने 'कभी राम बनके कभी श्याम बनके चले आना' व 'लाल लंगोटो में वारी जाउं बालाजी ' और एक फिल्मी गीत नो एक्ट्री' कोईजान से गया।एवं कन्या भू्रण हत्या के खिलाफ एक संक्षिप्त गीत सुनाया । इसके बाद कुछ कलाकार आये लेकिन श्रोताओं ने नकार दिया । इसी प्रकार राउप्रावि मंच पर रामलीला एवं गोवर्धन दर्जन बस स्टेण्ड पर न्यू राजस्थानी आर्केस्ट्रा भजन संध्या एवं मंदिर मंच पर अल्फा ग्रुप नीमच द्वारा भजन संध्या का कार्यक्रम रातरात भर चला। मेले की व्यवस्था में मंदिर क ेप्रशासनिक अधिकारी भगवानलाल चतुर्वेदी सहित कई पुलिस के आलाअफसर मय जाप्ते क ेसाथ तैनात थे। इस मौके पर गांव के स्वयं सेवक एवं मंदिर कर्मचारी भी विभिन्नमेले खाद्य सामग्री के जांच के अभाव में मेले में घटिया सामग्री एवं सड़े गले फल फ्रुट खुब बिके।

भक्तिरस में डूबे रात भर

02 सितम्बर 2009, 22:56 hrs IST
मण्डफिया। 'कभी राम बनके, कभी श्याम बनके चले आना' भजन सहित अन्य भजनों की पार्श्व गायिकासोनू व नेहा कक्कड ने श्री सांवलियाजी के जलझूलनी एकादशी मेले के मुख्य मंच पर सोमवार रात प्रस्तुत कर लोगों को भक्ति रस में डूबोए रखा। भजन संध्या मे अभिजीत घोंसले ने भी गीत प्रस्तुत किए। रेफरल अस्पताल के मंच पर हजारों श्रोताओं की मौजूदगी में रात 10 बजे भगवान सांवलिया सेठ की स्तुति के बाद भजन संध्या शुरू हुई। भजनों के साथ अभिजीत घोंसले ने 'तेरी आंखे भुल भुलईयां', आदि फिल्मी गीत प्रस्तुत किए।

भजन संध्या में नेहा व सोनू कक्कड के 'कभी राम बन के, कभी श्याम बनके' व 'जय हो पवन कुमार' नामक भजनों पर श्रोता जमकर नाचे। महेश मोहन द्वारा प्रस्तुत गीत 'बचना ए हसीनों ' व 'सांवरिया से मिलने का ' गीत व भजन प्रस्तुत किए। भजन संध्या के दौरान कलाकार मयूर ने चुटकुले सुना कर श्रोताओं को हंसा कर लौट पोट कर दिया।

ऎश्वर्या ने 'मेरा मन है नशीला', राकेश व रोमी ने 'दिवाना राधे का' व 'अरे-रे मेरी जान है राधा' नामक भजन व गाने प्रस्तुत किए। पार्श्व गायिका सोनु कक्कड ने 'बाबूजी जरा धीरे चलो' नामक गीत में सहयोगी कलाकारों के साथ नृत्य पेश किया।

भजन संध्या में मुख्य अतिथि बेगूं विधायक राजेन्द्रसिंह बिधूडी ने कहा कि भगवान सांवलिया सेठ के प्रति प्रगाढ आस्था रखने वाले श्रद्धालुओं का कार्य सिद्ध होता है। इसीलिए लाखों श्रद्धालु यहां पहुंचते है। बिधूडी ने मेले में भाग लेने आए श्रद्धालुओं व कलाकारों का स्वागत किया। समारोह अध्यक्ष विधायक शंकरलाल बैरवा ने श्रद्धालुओं का अभिवादन किया। मन्दिर मण्डल अध्यक्ष कन्हैयादास वैष्णव व मुख्य निष्पादन अधिकारी सुरेन्द्र माहेश्वरी ने अतिथियों का स्वागत किया।

सांस्कृतिक कार्यक्रम
जलझूलनी एकादशी मेले में गोवर्धन बस स्टैण्ड मंच पर रात्रि 9 बजे फाल्गुनी ब्रह्मभट्ट दल ने व रात्रि 1 बजे न्यू राजस्थानी आर्केस्ट्रा पार्टी ने रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया। मन्दिर परिसर के मंच पर राजेश वारले व रात्रि एक बजे अल्फा म्यूजिकल ग्रुप नीमच ने रात भर सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए।

भक्तों ने भगवान संग जमकर खेला फाग

सांवलिया सेठ की रजत रथयात्रा में उमड़ा अपार जनसैलाब
hindi newpaperमण्डफिया, ३१ अग. (प्रासं)। देवझूलनी एकादशी पर सोमवार को मण्डफिया धाम पर श्रद्धा एवं भक्ति का जनसैलाब उमड़ा। भगवान सांवलिया सेठ की रथयात्रा में उमड़े भक्तजनों के अपार उत्साह के चलते पूरा क्षेत्र सांवलिया सेठ के जयकारों से गूंज उठा।
देवझूलनी एकादशी मेले के दूसरे दिन सोमवार को भगवान की विशाल रथयात्रा निकाली गई। दोपहर १२ बजे मंदिर प्रांगण से प्रारंभ हुई रथयात्रा में रजतजडि़त रथ में सांवलिया सेठ की छवि विराजित कर मंदिर बोर्ड चेयरमेन कन्हैयालाल वैष्णव, अतिरिक्त कलेक्टर (प्रशासन) सुरेन्द्र माहेश्वरी, सरपंच हजारीदास वैष्णव, बोर्ड सदस्य सत्यनारायण शर्मा ने विधिवत पूजा-अर्चना कर भगवान सांवलिया सेठ की अगवानी की। इस मौके पर अपार जनसमूह उमड़ पड़ा। इस बीच 'हाथी-घोड़ा पालकी जय कन्हैयालाल की' जयघोष से समूचा वातावरण कृष्ण भक्ति में ओतप्रोत हो गया। रथयात्रा में सजे-धजे ऊं ट, घोड़ा, हाथी एवं ऊं टों पर नगाड़े बजाते हुए और ढोलक की थाप पर भक्तों का नृत्य वातावरण को आनंदमयी बना रहा था। इधर विभिन्न बैण्ड पार्टियों द्वारा भक्तिमय धुनें रथयात्रा की अलग ही शोभा बढ़ा रहे थे।
रथयात्रा काफी देर मंदिर प्रांगण ही रूकी रही। यहां से रथयात्रा करीब चार बजे विभिन्न मार्गों से गुजरते हुए सरोवर पहुंची। इस बीच गली-मोहल्ले में ग्रामवासियों ने रथयात्रा का जगह-जगह फूल-मालाओं से स्वागत किया। रथयात्रा में मण्डफिया कस्बे के राधाकृष्ण, चारभुजा मंदिर सहित सभी मंदिरों के बेवाण भी रथयात्रा में साथ चल रहे थे। इसके बाद सरोवर में भगवान की रथयात्रा का पड़ाव हुआ। यहां भगवान के छविग्रह को स्नान करा पूजा-अर्चना की गई। पूजा-अर्चना के बाद रथयात्रा पुन: विभिन्न मागों से गुजरती हुई मंदिर प्रांगण पहुंची। यहां आतिशबाजी की गई। इससे पूर्व रथयात्रा में रंगबिरंगी गुलाल-अबीर और गुलाब की पंखुडिय़ों की वर्षा से समूचा वातावरण मनमोहक हो उठा। इस मौके पर हजारों श्रद्धालुओं ने भी गुलाल की बौछार से होली खेली। इस मौके का दृश्य बड़ा ही मनोरम लग रहा था जैसे ब्रज में भक्त भगवान संग फाग खेल रहे है।
सांवलियाजी धर्मशालाओं, निजी गेस्ट हाउसों, स्कूलों एवं मार्गों में यात्रियों की रेलमपेल होने से लोगों का इधर-उधर गुजरना भी मुश्किल हो रहा था। चप्पे-चप्पे पर पुलिस बल तैनात था। इस दौरान रतनलाल गाडरी, पोखरलाल जाट, किशनलाल अहीर, मंदिर के प्रशासनिक अधिकारी भगवानलाल चतुर्वेदी, डी.सी. व्यास, किशनलाल शर्मा, भवानीशंकर तिवारी, नंदकिशोर टेलर, हीरालाल गुर्जर, चतरसिंह सोलंकी, गौतम जैन, गांव के वरिष्ठ नागरिक इंद्रमल तिवारी, मदनलाल तिवारी, कालूलाल गुर्जर, मन्नालाल शर्मा, भेरूलाल गुर्जर, लक्ष्मीलाल शर्मा, नारायणलाल भडाना सहित कई नागरिक भगवान की सेवा में लगे रहे।
एकादशी पर्व होने से आसपास के गांवों के लोगों का भी सैलाब उमड़ पड़ा। इस अवसर पर रात्रि में रामलीला, आर्केस्ट्रा कार्यक्रम, न्यू राजस्थानी आर्केस्ट्रा, भजन संध्या एवं विभिन रंगारंग कार्यक्रम भी हुए। मंगलवार को मेले का समापन होगा। मंदिर चेयरमेन कन्हैयालाल वैष्णव ने बताया कि समापन के मौके पर विकलांगों को नि:शुल्क ट्राईसाइकिल वितरण मंदिर प्रांगण मंच पर होगा। सांस्कृतिक कार्यक्रम ट्विंकल एवं डायनोमिक इवेंट इंदौर द्वारा होगा। साथ ही राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय मंच पर रामलीला का आयोजन होगा।
इधर भगवान श्री सांवलियाजी के त्रिदिवसीय मेले के प्रथम दिन रात्रि १०.३० बजे महिला आयोग की राष्ट्रीय अध्यक्षा एवं सांसद डा. गिरिजा व्यास ने यहां रेफरल चिकित्सालय मंच पर मेले का उद्घाटन किया। इस अवसर पर विधायक शंकरलाल बैरवा भी मौजूद थे। उनका मंदिर चेयरमेन कन्हैयालाल वैष्णव एवं अतिरिक्त कलेक्टर सुरेंद्र माहेश्वरी ने मंदिर परंपरा के अनुसार स्वागत किया।

भोर तक जमा कवि सम्मेलन ..............................

चित्तौडग़ढ़, ३१ अग. (प्रासं)। मेवाड़ के प्रसिद्व कृष्णधाम मण्डफिया स्थित श्रीसांवलियाजी के त्रि-दिवसीय जलझूलनी एकादशी मेले के अवसर पर रविवार रात्रि को श्रीसांवलियाजी मन्दिर मण्डल द्वारा रेफरल चिकित्सालय परिसर में आयोजित अखिल भारतीय विराट कवि सम्मेलन में देश के कौने कौने से आए कवियों एवं कवयित्रियों द्वारा प्रस्तुत रचनाओं का श्रोताओं ने भोर तक खूब आनन्द उठाया।
विराट कवि सम्मेलन का शुभारम्भ दिल्ली की श्वेता सरगम की सरस्वती वन्दना से हुआ। कवि सम्मेलन में चितौडग़ढ़ के वीर रस के कवि पं. नरेन्द्र मिश्र द्वारा प्रस्तुत इतिहास बदलता जाता था, तारीख बदलती जाती थी औजस्वी रचना प्रस्तुत की तो उपस्थित श्रोताओं के रोंगटे खड़े हो गए। मालवा की माटी से मेवाड़ की धरती पर आई इन्दौर की कवियित्री अर्चना अन्जुम द्वारा प्रस्तुत श्रृंगार रस की रचनाओं के साथ ही समाज में व्याप्त कुरीति भ्रूणहत्या को रोकने के प्रति जनचेतना का सन्देश देने वाली रचना मां देखन दे संसार को सुनकर श्रोता भावविव्हल हो गए।
कवि सम्मेलन में हास्य व्यंग के रचनाकार ऋषभदेव के बलवन्त बल्लू, ओजस्वी कवि जानी बेरागी, दिल्ली के अशोक हंगामा ने अपनी रचनाओं से श्रोताओं को खूब गुदगुदाया जबकि अशोक साहिल की हिन्दी उर्दु की रचनाओं को श्रोताओं ने खूब पसन्द किया। कवि सम्मेलन में दिल्ली की कवियित्री श्वेता सरगम व शालिनी सरगम की श्रृगांर रस की कविताओं को श्रोताओं ने तालियों की गडग़ड़ाहट के साथ खूब पसन्द किया। नरेन्द्र बंजारा की राष्ट्रभक्ति से ओतप्रोत रचना ने वातावरण को देश भक्ति मय बना दिया। कवि सम्मेलन का सफल संचालन मन्दसौर के कवि सुरेश बेरागी ने किया।
कवि सम्मेलन राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष एवं क्षेत्रीय सांसद डा. गिरिजा व्यास के मुख्य आतिथ्य एवं कपासन विधायक शंकर बैरवा की अध्यक्षता में आयोजित अखिल भारतीय विराट कवि सम्मेलन के प्रारंभ में अतिथियों ने श्रीसांवलिया सेठ एवं मां सरस्वती की छवि पर माल्यार्पण कर दीप प्रज्जवलन किया तथा डा. व्यास एवं बैरवा एवं श्रीसांवलियाजी मन्दिर मण्डल के अध्यक्ष कन्हैयादास वैष्णव व मुख्य कार्यपालक अधिकारी सुरेन्द्र माहेश्वरी ने कवियों का माल्यार्पण एवं उपरना ओढ़ा कर स्वागत किया तथा सांवलियाजी का प्रसाद भेंट किया।

भादवा में फागुन के रंग

chittorgarh

मण्डफिया। मण्डफिया स्थित प्रख्यात कृष्णधाम भगवान सांवलिया सेठ के जलझूलनी एकादशी मेले की शुरूआत रविवार को शोभायात्रा के साथ हुई। भक्तों ने भगवान के संग फाग खेली और गुलाल उडी तो महौल फाल्गुनी और भक्तिमय हो गया।

भगवान के दोपहर शयन के बाद मुख्य मंदिर के कपाट खुलने के साथ पुजारी जानकीदास व रामदास वैष्णव ने भगवान कृष्ण के बाल स्वरूप को मुख्य पुजारी केशवदास के सान्निध्य में सिंहासन पर बिराजमान कराया व प्रभु को गुलाब व गंगा जल से स्नान कराने के बाद इत्र का छिडकाव किया। अपराह्न 3 बजे मंदिर के पुजारी व श्रद्धालु भगवान के बाल स्वरूप को ज्योहीं बाहर लाए, सांवलिया सेठ के जयकारे गूंज उठे।

मन्दिर के काष्ट बैवाण मे भगवान सांवलिया सेठ की विशाल छवि के साथ इस सिंहासन को बिराजमान कराया गया। बाल स्वरूप भगवान की छवि की अगवानी मन्दिर मण्डल के पूर्व अध्यक्ष मन्नालाल शर्मा, सरपंच जानकीदास, मनोहर जैन व हजारो श्रद्धालुओं ने की। शोभायात्रा 4 बजे मन्दिर चौक से आरम्भ हुई।

इस शोभायात्रा में विजय के प्रतीक के रूप में आठ निशान चल रहे थे। इनके पीछे शिक्षण संस्थाओं की झांकियां थी। शोभायात्रा में सजे-धजे दो ऊंट भी थे। शोभायात्रा रात 8 बजे पुन: मन्दिर चौक में पहुंच सम्पन्न हुई।

सांस्कृतिक कार्यक्रम
सोमवार को गोवर्धन बस स्टैण्ड परिसर मंच पर रात्रि 9 बजे फाल्गुनी ब्रrाभट्ट व इसी मंच पर रात्रि 1 बजे राजस्थान आर्केस्ट्रा द्वारा रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम, मन्दिर के सामने मंच पर राजेश वारले म्यूजिकल ग्रुप व रात्रि 1 बजे अल्फा म्यूजिकल ग्रुप द्वारा सांस्ंकृतिक कार्यक्रम, रेफरल चिकित्सालय मंच पर रात्रि 9 बजे नेहा कक्कड,सोनू कक्कड व अभिजीत द्वारा भजन प्रस्तुति होगी

आज निकलेगी रथयात्रा
सोमवार को धार्मिक आयोजनों में रथ यात्रा प्रमुख आकर्षण का केन्द्र होगी। इस मुख्य दिवस पर भगवान सांवलिया सेठ के मन्दिर में राजभोग आरती के पश्चात दोपहर 12 बजे रथ यात्रा आरम्भ होगी। रथयात्रा शाम 4 बजे सांवलिया घाट पर पहुंचेगी। यहां भगवान के साथ हजारों भक्त जल में डुबकी लगाएंगे। रात 8 बजे मंदिर में आतिशबाजी होगी।

बैण्ड की धुन पर थिरके भक्त
शोभायात्रा में नीमच के सुभाष बैण्ड, कानोड व मण्डफिया का सांवलिया बैण्ड व काल्याखेडी गांव का श्याम सुन्दर बैण्ड भगवान के भक्ति गीतों की फिल्मी धूनों पर तैयार किए गए भजनों की स्वर लहरियां बिखेरते चल रहे थे। श्रद्धालु गीतों पर भक्ति मे मगन होकर नाच रहे थे। इधर, करतब दिखाते चल रहे 6 अश्व शोभायात्रा में शोभा बढा रहे थेे। भगवान सांवलियाजी की शोभायात्रा पर पुलिस की चौकस निगाहे थी। साथ ही मुख्य निष्पादन अधिकारी सुरेन्द्र माहेश्वरी, मन्दिर मण्डल अध्यक्ष कन्हैयादास, मेला मजिस्टे्रट कमलेश आबूसारिया, सहायक मजिस्ट्रेट मांगीलाल रैगर भी हर स्थिति पर नजर रखे थे। शोभायात्रा में शिक्षण संस्थाओं की झांकिया प्रमुख आकर्षण का केन्द्र रही। सांवलिया आदर्श विद्यालय की राम-लखन जानकी, बालिका माध्यमिक विद्यालय की श्रवण कुमार, सांवलिया शिक्षण संस्थान की चीर हरण नामक झांकियां प्रमुख आकर्षण का केन्द्र रही।

भादवा में फागुन के रंग



मण्डफिया। मण्डफिया स्थित प्रख्यात कृष्णधाम भगवान सांवलिया सेठ के जलझूलनी एकादशी मेले की शुरूआत रविवार को शोभायात्रा के साथ हुई। भक्तों ने भगवान के संग फाग खेली और गुलाल उडी तो महौल फाल्गुनी और भक्तिमय हो गया।
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भगवान के दोपहर शयन के बाद मुख्य मंदिर के कपाट खुलने के साथ पुजारी जानकीदास व रामदास वैष्णव ने भगवान कृष्ण के बाल स्वरूप को मुख्य पुजारी केशवदास के सान्निध्य में सिंहासन पर बिराजमान कराया व प्रभु को गुलाब व गंगा जल से स्नान कराने के बाद इत्र का छिडकाव किया। अपराह्न 3 बजे मंदिर के पुजारी व श्रद्धालु भगवान के बाल स्वरूप को ज्योहीं बाहर लाए, सांवलिया सेठ के जयकारे गूंज उठे।

मन्दिर के काष्ट बैवाण मे भगवान सांवलिया सेठ की विशाल छवि के साथ इस सिंहासन को बिराजमान कराया गया। बाल स्वरूप भगवान की छवि की अगवानी मन्दिर मण्डल के पूर्व अध्यक्ष मन्नालाल शर्मा, सरपंच जानकीदास, मनोहर जैन व हजारो श्रद्धालुओं ने की। शोभायात्रा 4 बजे मन्दिर चौक से आरम्भ हुई।

इस शोभायात्रा में विजय के प्रतीक के रूप में आठ निशान चल रहे थे। इनके पीछे शिक्षण संस्थाओं की झांकियां थी। शोभायात्रा में सजे-धजे दो ऊंट भी थे। शोभायात्रा रात 8 बजे पुन: मन्दिर चौक में पहुंच सम्पन्न हुई।

सांस्कृतिक कार्यक्रम
सोमवार को गोवर्धन बस स्टैण्ड परिसर मंच पर रात्रि 9 बजे फाल्गुनी ब्रrाभट्ट व इसी मंच पर रात्रि 1 बजे राजस्थान आर्केस्ट्रा द्वारा रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम, मन्दिर के सामने मंच पर राजेश वारले म्यूजिकल ग्रुप व रात्रि 1 बजे अल्फा म्यूजिकल ग्रुप द्वारा सांस्ंकृतिक कार्यक्रम, रेफरल चिकित्सालय मंच पर रात्रि 9 बजे नेहा कक्कड,सोनू कक्कड व अभिजीत द्वारा भजन प्रस्तुति होगी

आज निकलेगी रथयात्रा
सोमवार को धार्मिक आयोजनों में रथ यात्रा प्रमुख आकर्षण का केन्द्र होगी। इस मुख्य दिवस पर भगवान सांवलिया सेठ के मन्दिर में राजभोग आरती के पश्चात दोपहर 12 बजे रथ यात्रा आरम्भ होगी। रथयात्रा शाम 4 बजे सांवलिया घाट पर पहुंचेगी। यहां भगवान के साथ हजारों भक्त जल में डुबकी लगाएंगे। रात 8 बजे मंदिर में आतिशबाजी होगी।

बैण्ड की धुन पर थिरके भक्त
शोभायात्रा में नीमच के सुभाष बैण्ड, कानोड व मण्डफिया का सांवलिया बैण्ड व काल्याखेडी गांव का श्याम सुन्दर बैण्ड भगवान के भक्ति गीतों की फिल्मी धूनों पर तैयार किए गए भजनों की स्वर लहरियां बिखेरते चल रहे थे। श्रद्धालु गीतों पर भक्ति मे मगन होकर नाच रहे थे। इधर, करतब दिखाते चल रहे 6 अश्व शोभायात्रा में शोभा बढा रहे थेे। भगवान सांवलियाजी की शोभायात्रा पर पुलिस की चौकस निगाहे थी। साथ ही मुख्य निष्पादन अधिकारी सुरेन्द्र माहेश्वरी, मन्दिर मण्डल अध्यक्ष कन्हैयादास, मेला मजिस्टे्रट कमलेश आबूसारिया, सहायक मजिस्ट्रेट मांगीलाल रैगर भी हर स्थिति पर नजर रखे थे। शोभायात्रा में शिक्षण संस्थाओं की झांकिया प्रमुख आकर्षण का केन्द्र रही। सांवलिया आदर्श विद्यालय की राम-लखन जानकी, बालिका माध्यमिक विद्यालय की श्रवण कुमार, सांवलिया शिक्षण संस्थान की चीर हरण नामक झांकियां प्रमुख आकर्षण का केन्द्र रही।

जलझूलनी एकादशी मेले की रंगत बढ़ी



मण्डफिया, ३० अग. (प्रास.) राजस्थान के प्रमुख तीर्थ स्थल भगवान श्री सांवलियाजी सेठ का त्रिदिवसीय जलझूलनी एकादशी का विशाल मेला रविवार को शोभायात्रा के साथ प्रारम्भ हुआ सांवलियाजी मन्दिर प्रांगण में दोपहर दो बजे भगवान सांवलिया सेठ की मनोहारी छवि को बैवाण यात्रा में विराजित किया इस दौरान शोभायात्रा को मन्दिर चेयरमेन कन्हैयालाल वैष्णव, अतिरिक्त कलेक्टर सुरेन्द्र माहेश्वरी एवं मण्डफिया सरपंच हजारीदास वैष्णव ने पूजा-अर्चना कर रवाना किया शोभायात्रा में भक्तजन चँवर ढुलाते, भजन कीर्तन करते, गीत गाते हुए चल रहे थे इससे पूर्व शोभायात्रा के मन्दिर प्रांगण से प्रारम्भ होते ही समुचा वातावरण सांवलिया सेठ के जयकारे से गूंज उठा शोभायात्रा में गुलाब-अबीर और गुलाब की पंखुडिय़ों की वर्षा से पूरा वातावरण कृष्णमयी हो गया शोभायात्रा में बैवाण के आगे भक्तों का नाचना एवं भक्तों के आगे विभिन्न बैण्ड पार्टियों का बजना और ढोलक की थाप पर भक्तजनों का झूमते हुए चलना यह दृश्य बड़ा ही मनोरम लग रहा था इस अवसर पर बोर्ड सदस्य सत्यनारायण शर्मा, किशनलाल अहीर, मन्दिर के प्रशासनिक अधिकारी भगवानलाल चतुर्वेदी, मन्दिर के सहायक लेखाकार किशन लाल शर्मा, मन्दिर के केशियर नन्दकिशोर टेलर, कर्मचारी संघ के अध्यक्ष लेहरीलाल गाडरी, गोतम जैन, गांव के वरिष्ठ नागरिक इन्द्रमल तिवारी, मदनलाल तिवारी, मन्दिर के पूर्व खजांची भेरूलाल गुर्जर एवं पूर्व अध्यक्ष मन्नालाल शर्मा सहित कई नागरिक उपस्थित थे
शोभायात्रा मन्दिर प्रांगण से धीमी गति से चलते हुए विभिन्न मार्गों से गुजरती हुई पुन: मन्दिर प्रांगण पहुंची यहां फायर वक्र्स जयपुर द्वारा भव्य रंग-बिरंगी आतिशबाजी की गई इधर इस मौके पर मेले में बाहर से आए दुकानदारों एवं स्थानीय दुकानदारों ने विभिन्न स्टालें सजाकर मेलार्थियों से मनमाना पैसा वसूला माप तौल एवं खाद्य निरीक्षक के अभाव में व्यापारियों ने घटिया सामग्री भी कम तौल कर खूब पैसा बटोरा रात्रि में मन्दिर प्रांगण, गोवर्धन बस स्टेण्ड, रेफरल चिकित्सालय मंच पर विभिन्न सांस्कृतिक कार्यकक्र एवं रामलीला सम्पन्न हुई इस अवसर पर हजारों यात्रियों की रेलमपेल रही इससे पूर्व शोभायात्रा में मण्डफिया कस्बे के विभिन्न राजकीय एवं निजी स्कूलों के छात्र-छात्राओं द्वारा विभिन्न झांकियों का प्रदर्शन किया गया इस अवसर पर मण्डफिया कस्बे में विशाल द्वार बनाए गए पूरे कस्बे को विद्युत लाइटों से सजाया गया मन्दिर कर्मचारी एवं गांव के स्वयं सेवक विभिन्न व्यवस्थाओं में लगे हुए थे इधर कानून व्यवस्थाओ के तहत पुलिस के आला अफसर भी मय पुलिस बल के तैनात है। मन्दिर चेयरमेन कन्हैयालाल वैष्णव ने बताया कि सोमवार को मुख्य मेला आयोजित होगा जिसमें भगवान की विशाल रथ यात्रा निकलेगी रात्रि में रेफरल चिकित्सालय मंच पर पाश्र्व गायिका नेहा कक्कड़ एवं सोनु कक्कड़ अभिजित घोसले मुम्बई एवं डाइनेमिक इवेंट इन्दौर द्वारा रंगारंग एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया जायेगा

दुल्हन की तरह दमकेगा मण्डफिया


मण्डफिया । सांवलियाजी सेठ की ओर से आयोजित होने वाले जलझूलनी एकादशी मेले की तैयारियां जोर-शोर से चल रही है। मण्डफिया कस्बे को दुल्हन की तरह सजाया जा रहा है। इस मौके पर मंदिर बोर्ड चेयरमेन कन्हैयालाल वैष्णव एवं अतिरिक्त कलेक्टर (प्रशासन) एवं मंदिर के मुख्य निष्पादन अधिकारी सुरेन्द्र माहेश्वरी यहां उपस्थित रहकर विभिन्न व्यवस्थाओं के तहत कर्मचारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दे रहे है। सांवलियाजी मंदिर के प्रशासनिक अधिकारी भगवानलाल चतुर्वेदी ने बताया कि भगवान की शोभायात्रा एवं रथयात्रा के लिये मार्ग को ठीक किया जा रहा है। मण्डफिया कस्बे में साफ-सफाई युद्ध स्तर पर चल रही है। मेले में कानून व्यवस्था के तहत पुलिस का पुख्ता इंतजाम किया गया है एवं कई ग्रामवासी एवं मंदिर कर्मचारी स्वयंसेवक के रूप में भी अपने सेवायें देंगे। उन्होंने बताया कि सांवलियाजी मंदिर-धर्मशालाओं एवं मण्डफिया कस्बे को विद्युत चलित रंगबिरंगी लाईटों से सजाया गया।

भगवान को डेढ लाख की पोशाक



मण्डफिया। चित्तौडगढ जिले में भादसोडा चौराहे के निकट स्थित भगवप्राकट्य स्थल मन्दिर में एक श्रद्धालु ने स्वर्ण व हीरे से जडित रजत वागा (पौशाक) भेंट की है।


मन्दिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी राजेन्द्र सोमाणी ने बताया कि एक श्रद्धालु ने लगभग 77 ग्राम स्वर्ण तथा 1.500 किलो से ज्यादा चांदी व हीरे से जडित वागा भेंट किया। इस वागे के पहनाने के बाद प्रतिमा का आकर्षक शृंगार किया गया। इस वागे की कीमत करीब डेढ लाख रूपए है।

मेले की सभी तैयारियां अंतिम चरण में

जयपुर, जागरण संवाद केंद्र : मेवाड़ के प्रसिद्ध कृष्णधाम मंडफिया स्थित भगवान श्रीकृष्ण की भव्य पीठ श्रीसांवलिया सेठ का त्रि-दिवसीय जलझूलनी एकादशी मेला 30 अगस्त से एक सितंबर तक आयोजित किया जाएगा। मेले की सभी आवश्यक तैयारियां अंतिम चरण में हैं। श्रीसांवलियाजी मंदिर मंडल के अध्यक्ष कन्हैया दास वैष्णव ने बताया कि इस मेले में आने वाले लाखों श्रद्धालुओं के लिए हर प्रकार की सुविधा के हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। यात्रियों की आवास व्यवस्था के लिए मंडफिया क्षेत्र के समस्त विद्यालयों, महाविद्यालय एवं धर्मशालाओं, विश्रान्ति गृहों में कमरों की व्यवस्था की गई है वहीं यात्रियों को शुद्घ पेयजल उपलब्ध कराने के लिए विभिन्न स्थानों पर प्याऊ लगाई जा रही है तथा मन्दिर मंडल की सभी धर्मशालाओं में पानी की टंकियों की सफाई करवाई गई है। उन्होंने बताया कि अक्षरधाम की तर्ज पर बनने वाले श्रीसांवलिया सेठ के भव्य एवं विशाल मन्दिर के साथ-साथ यहां प्रति वर्ष बढ़ रही मेलार्थियों की संख्या को देखते हुए मंदिर परिसर के विस्तार, धर्मशाला के निर्माण एवं पर्याप्त वाहन पार्किग स्थल के लिए और अधिक भूमि की आवश्यकता है, जिसके लिए प्रयास किए जा रहे हैं।

मंदिर मंडल के मुख्य कार्यपालक अधिकारी सुरेंद्र माहेश्वरी ने बताया कि मेले की व्यवस्थाओं के लिए अधिकारियों की बैठक लेकर उन्हें आवश्यक दिशा निर्देश प्रदान कर दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि मेलार्थियों के आवागमन के लिए राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम को चितौड़गढ़ एवं उदयपुर से मंडफिया के लिए नियमित बसों के अलावा लगभग 25 बसें अतिरिक्त लगाने के निर्देश दिए गए हैं। माहेश्वरी ने बताया कि मेले में मुख्य रूप से पार्किग व्यवस्था पर जोर दिया गया है, जिसमें निजी बसों, रोडवेज बसों एवं हल्के वाहनों के लिए अलग-अलग पार्किग व्यवस्था की गई है।

भगवान सांवलिया सेठ के दर्शनार्थ आने वाले यात्रियों की भारी संख्या के मद्देनजर मंदिर परिसर में बेरीकेडिंग व्यवस्था कर पंक्तिबद्ध दर्शन कराने की व्यवस्था की गई है। उन्होंने बताया कि मेले के दौरान कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए पर्याप्त मात्रा में पुलिस बल एवं होम गार्ड के जवान तैनात किए जाएंगे।

जलझूलनी पर निकलेंगे बैवाण


उदयपुर, २९ अग. (कासं)। जलझूलनी एकादशी सोमवार को श्रद्धा से मनाई जाएगी। इस अवसर पर प्रभुको बैवाण में विराजमान कर गंगा स्थान हेतु सरोवर नदी किनारे ले जाया जाएगा । इस अवसर पर खासकर गांवों में विशेष माहौल रहेगा। इधर कई श्रद्धालु इन दिनों चारभुजा (गढ़बोर) के लिए रवाना हो रहे है।
रेलमगरा नगर से देवझूलनी एकादशी पर प्रभु के अलौकिक दर्शनों को पाने व अपनी मनकामनाओं को पूर्ण करने के लिए कई युवा, बुजुर्ग तथा महिलाओं के जत्थे रवाना हुए। ये जत्थे सोमवार को प्रभु श्री चारभुजा नाथ व सांवलिया सेठ के अलौकिक श्रंगार के दर्शनों का लाभ लेंगे।
मावली : जल झूलनी एकादशी पर क्षेत्र के फतहपुरा गांव में शिवदल मेवाड़ द्वारा कई आयोजन किए जाएंगे । अध्यक्ष कन्हैयालाल डांगी ने बताया कि सोमवार को नगर में चारभुजा जी की विशाल शोभायात्रा निकाली जाएगी। शाम को विशाल भजन संध्या आयोजित की जाएगी। जिसमें आवरी माता के तथा क्षेत्रीय कलाकारों द्वारा भजनों की प्रस्तुति दी जाएगी।
ऋषभदेव के निज मंदिरों से राम रेवाडियों की भव्य शोभायात्रा निकाली जाएगी। श्री केशरियाजी मंदिर प्रबंधक लालसिंह ने बताया कि वैष्णव नवयुवक मण्डल के तत्वावधान में निकलने वाली मंदिर की मुख्य राम रेवाड़ी के साथ श्री राममंदिर नाहरगढ़, सत्यनारायण मंदिर, लक्ष्मीनारायण मंदिर, ज्वाला माता मंदिर के साथ कई समाजों एवं संगठनों की रेवाडियां सम्मिलित होगी। मुख्य रेवाडी के देवविमान के साथ आदिवासी अंचल के ग्रामीण भजन कीर्तन संगीत, नृत्य, लोक भजन की प्रस्तुतियां देंगे।
इस अवसर पर क्षेत्र में कई स्थानों पर गरबों तथा मटकी फोड़ कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। शोभायात्रा सायं कृष्णघाट पहुंचेगी जहां कुंवारिका नदी क ेतट पर सभी देव विमानों की विशेष पूजा जलमा पूजा होगी। मुख्य आरती देवस्थान विभाग के प्रभारी अधिकारी गणपत सिंह राठौड़ द्वारा की जाएगी। शोभायात्रा पुन: नाचते गाते देर रात्रि केशरियाजी के निज मंदिर में प्रवेश करेगी।
आमेट : जलझूलनी एकादशी पर भगवान चारभुजानाथ के दरबार में जाने वाले पदयात्रियों के जत्थों की संख्या लगातार बढ़ रही है। भीलवाड़ा के कोट, बोराणा, रायपुर, चान्दरास, तथा चित्तौड़ जिले के ग्रामों से बड़ी संख्या में पदयात्रियों के जत्थे आमेट से होकर जा रहे है।

सांवलिया जी का भव्य जलझूलनी एकादशी मेला ३० से

मेले के प्रमुख कार्यक्रम
३० अग. : शोभायात्रा, कवि सम्मेलन, भजन संध्या
३१ अग. : भव्य रथ यात्रा, नेहा-सोनू कक्कड़, फाल्गुनी ब्रह्मभट्ट तथा राजस्थानी ऑर्केस्ट्रा का रंगारंग कार्यक्रम
१ सित. : विकलांगों को ट्राई साइकिल वितरण, डायनेमिक इवेंट द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम
मण्डफिया, २७ अग. (प्रासं)। राजस्थान के प्रमुख तीर्थ स्थल भगवान श्री सांवलियाजी सेठ का विशाल त्रिदिवसीय जलझूलनी एकादशी मेला आगामी ३० अगस्त०९ से एक सितम्बर तक आयोजित होगा।
अतिरिक्त कलेक्टर (प्रशासन) एवं मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी सुरेन्द्र माहेश्वरी ने मण्डफिया स्थित सांवलियाजी गोकुल विश्रांति ग्रह में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में पत्रकारों को बताया कि मेले में प्रतिदिन लाखों श्रद्धालु एवं भक्तजन भगवान श्री सांवलियाजी सेठ के दर्शनों का लाभ उठायेंगे। मेले में अनेक सांस्कृतिक कार्यक्रम एवं धार्मिक कार्यक्रम दर्शकों के मनोरंजन हेतु प्रस्तुत किये जायेंगे।

 

 
अतिरिक्त कलेक्टर माहेश्वरी ने बताया कि मेले के प्रथम दिन ३० अगस्त को भगवान श्री सांवलियाजी सेठ की भव्य शोभायात्रा के साथ मेले का श्रीगणेश होगा। इसी दिन रात्रि में रंग-बिरंगी आतिशबाजी एवं रात्रि को रेफरल चिकित्सालय प्रांगण में अखिल भारतीय विराट कवि सम्मेलन आयोजित होगा जिसमें भारत के जाने माने कवि जानी वैरागी (धार), phool dor fastival (3) copyसुरेश बैरागी मंदशौर, श्वेता सरगम (दिल्ली), शालिनी सरगम(दिल्ली), अर्चना अंजुम (इन्दौर), पंडित नरेन्द्र मिश्र (चित्तौडग़ढ़), अशोक हंगामा (दिल्ली), गौरव शर्मा (मुम्बई), बलवन्तबलु (रिषभ देव), नरेन्द्र बंजारा द्वारा काव्य पाठ किया जायेगा। इसी दिन मंदिर के सामने मंच पर विनोद राठौड एण्ड पार्टी नीमच द्वारा भजन संध्या कार्यक्रम phool dor fastival (0) copyप्रस्तुत किया जायेगा। इसी दिन गोवर्धन बस स्टेण्ड मंच पर समृद्धि फिल्मस एवं टेलिविजन द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत होगा। माहेश्वरी ने phool dor fastival (1) copyबताया कि मुख्य मेला ३१ अगस्त एकादशी को आयोजित होगा जिसमें भगवान की भव्य रथ यात्रा निकलेगी। यह भव्य रथ यात्रा सरोवर पहुंचेगी जहां भगवान के विग्रह को स्नान एवं पूजा अर्चना के बाद रात्रि ८ बजे पुन: मंदिर प्रांगण पहुंचेगी। इसी दिन रात्रि ९ बजे रेफरल चिकित्सालय प्रांगण में पाश्र्व गायिका नेहा कक्कड़ एवं सोनू कक्कड़, अभिजीत घोषलों मुंबई द्वारा सांस्कृतिक रंगारंग कार्यक्रम प्रस्तुत किया जायेगा। गोवर्धन बस स्टेण्ड परिसर में फाल्गुनी ब्रहम भट्ट एवं दल मुम्बई द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम एवं इसके पश्चात इसी मंच पर न्यू राजस्थानी आर्केस्ट्रा द्वारा रंगारंग कार्यक्रम पेश होगा। इसी दिन मंदिर के सामने मंच पर राजेश वारले म्यूजिकल ग्रुप द्वारा भजन संध्या कार्यक्रम एवं इसके पश्चात इसी मंच पर अल्का म्युजिकल ग्रुप नीमच द्वारा भजन संध्या कार्यक्रम आयोजित होगा। मेले का समापन एक सितम्बर को होगा जिसमें विकलांगों क ो नि:शुल्क ट्राईसाइकिल वितरण की जायेगी एवं मंदिर के सामने मंच पर ट्विंटल एवं डायनेमिक इंवेट इन्दौर द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया जायेगा । इस मौके पर सांवलियाजी मंदिर बोर्ड चेयर मेन कन्हैयालाल वैष्णव एवं प्रशासनिक अधिकारी भगवान लाल चतुर्वेदी भी उपस्थित थे। वैष्णव ने बताया कि मेले मे यात्रियों की सुविधाओं के लिये पर्याप्त व्यवस्था की गई है।

जलझूलनी मेले की जोरदार तैयारियां

मण्डफिया । प्रमुख तीर्थ स्थल भगवान श्री सांवलियाजी सेठ की ओर से आयोजित होने वाले जलझूलनी मेले की तैयारियां जोर-शोर से जारी है सांवलिया जी मंदिर बोर्ड चेयर मेन कन्हैयालाल वैष्णव ने गोकुल विश्रांति ग्रह में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में पत्रकारों को बताया कि मेले के अवसर पर दर्शनाथियों के लिये स्थानीय धर्मशाला, स्कूलों एवं चिकारडा एवं भादसोडा चौराहे पर स्थित विश्रांति ग्रहों में आवास की व्यवस्था की गई है। वैष्णव ने बताया कि मेले में यात्रियों को शुद्ध पेयजल के लिए जगह-जगह वाटर कूलर एवं प्याउ लगाई गई है। इसी प्रकार आवागमन हेतू चित्तौडग़ढ़ एवं उदयपुर आगार को २५ अतिरिक्त बसें लगाने बाबत निर्देशित किया गया। वैष्णव ने बताया कि मेले में गन्दगी नहीं फेले इसके लिये जगह-जगह कचरा पात्र लगाये जाएगे। इसी प्रकार सफाई व्यवस्था के लिये टोलियां गठित की गई। जो मण्डफिया कस्बे में घूमकर साफ सफाई करेंगे। मेले में मुख्य रूप से जोर पार्किंग व्यवस्था पर दिया गया जिसमें निजी बसें, रोडवेज बसों एवं हल्के वाहनों हेतु अलग पार्किंग व्यवस्था की गई। मेले में यात्रियों को भरपेट भोजन मात्र १० रूपये में मिलेगा। मेले में २४ घण्टे मेडिकल टीम मय दवाईयों के साथ तैेनात रहेगी। मंदिर चेयरमेन कन्हैयालाल वैष्णव ने बताया कि इस भव्य एकादशी मेले में लगभग ५० लाख रूपये खर्च होने का अनुमान है।

आयोजन के बिचौलियों को हाथ लगी निराशा

चित्तौडग़ढ़, २५ अग. (प्रासं)। जिले के सांवलियाजी कस्बें में आगामी ३० अगस्त से प्रारम्भ होने वाले जल झुलनी एकादशी मेले के दौरान आयोजित होने वाले विभिन्न कार्यक्रमों के लिए अपनी जेबे गर्म करने वाले बिचोलियों को इस वर्ष निराशा हाथ लगी।
सांवलियाजी में आगामी ३० अगस्त से एक सितम्बर तक जल झुलनी एकादशी का विशाल मेला आयोजित किया जा रहा है। मेले के दौरान अखिल भारतीय कवि सम्मेलन, आर्केस्ट्रा कार्यक्रम, भजन संध्या समेत अन्य कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। प्रति वर्ष आयोजित होने वाले इस मेले के प्रारम्भ होने से कुछ समय पूर्व ही कई ऐसे बिचोलिए इन आयोजनों को आयोजित करवाने के लिए सक्रिय हो जाते थे।
इस वर्ष आयोजित किए जाने वाले कवि सम्मेलन एवं अन्य आयोजनों के लिए बिना किसी बिचोलियों का सहारा लिए श्री सांवलिया मन्दिर मण्डल के मुख्य निष्पादन अधिकारी एवं अपर कलेक्टर सुरेन्द्र माहेश्वरी ने अनूठा तरीका अपनाया। उन्होने इसके लिए विभिन्न वेब साईट का सहारा ले कर विभिन्न कवियों, रंगारंग कार्यक्रम आयोजित करने वाले कलाकारों आदि के बारे में जानकारी प्राप्त कर सीधा उनसे सम्पर्क कर पारिश्रमिक के बारे में जानकारी प्राप्त की। इसी आधार पर कई कवियों आदि को मेले के लिए आमत्रित किया गया। इस अनूठी पहल की वजह से मन्दिर मण्डल का काफी पैसा बच गया।

सांवलियाजी में जलझूलनी एकादशी मेला ३० से

कवि सम्मेलन, भजन संध्या व रंगारंग कार्यक्रम होंगे
मण्डफिया़, २४ अग. (प्रासं)। राजस्थान के प्रमुख तीर्थ स्थल भगवान श्री सांवलिया सेठ का जल झूलनी एकादशी पर्व का त्रिदिवसीय विशाल मेला आगामी ३० अगस्त से एक सितम्बर तक आयोजित किया जा रहा है सांवलियाजी मंदिर मंडल के प्रशासनिक अधिकारी भगवानलाल चतुर्वेदी ने बताया कि
तीन दिवसीय इस मेले में अनेक रंगारंग कार्यक्रम के साथ कवि सम्मेलन भी आयोजित किया जाएगा। मेले के प्रथम दिन ३० अगस्त को भगवान श्री सांवलिया सेठ की विशाल शोभायात्रा के साथ मेले का श्री गणेश होगा। मेले में प्रथम दिन रात्रि में अखिल भारतीय विराट कवि सम्मेलन आयोजित होगा, जिसमें देश के जाने माने कवि अपनी रचना प्रस्तुत करेंगे। इसी दिन आर्केस्ट्रा कार्यक्रम एंव भजन संध्या विभिन्न स्थानों पर आयोजित होंगे।
मुख्य मेला ३१ अगस्त एकादशी को आयोजित होगा, जिसमे दोपहर १२ बजे भगवान की रथ यात्रा निकलेगी जो मुख्य मार्गे से गुजरती हुई सरोवर पहुंचेगी, जहां भगवान श्री सांवलियाजी की छविगृह प्रतिमा का स्नान कर पुन: मन्दिर प्रांगण पहुंच, यहां रात्रि में जयपुर पूॢणमा फायर वक्र्स द्वारा रंग बिरंगी आतिशबाजी होगी। इसी दिन आर्केस्ट्रा कार्यक्रम एवं भजन संध्या में राजेश वारले म्यूजिकल उज्जैन एवं सोनाली ङ्क्षसह भाग लेंगी। मेले का समापन एक सितम्बर को विकलांगो को नि:शुल्क ट्राई साईकिलों एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम में प्रसिद्ध भजन गायक टंविकल एवं डाईनोमिक इवेंट इन्दौर भाग लेंगे।
मेले की तैयारियों जोर शोर से चल रही है, इससे पूर्व ३१ अगस्त को विख्यात भजन गायक नेहा, सोनू कक्कड़ एवं फिल्मी गायक अभिजीत घौषाल द्वारा रेफरल चिकित्सालय प्रांगण में रंगारंग कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा।

रामरसोड़े का समापन

मण्डफिया, १८ अग. (प्रासं)। भेरूनाथ मंदिर चित्तौडग़ढ़ में सवा महीने चले रामरसोड़े का समापन मंगलवार को मण्डफिया में सांवलियाजी मंदिर प्रांगण में हुआ। इस मौके पर भव्य प्रसादी के आयोजन में सैंकड़ों सांवलिया भक्तों ने भोजन ग्रहण किया। इससे पूर्व भेरूनाथ मंदिर के संचालक बद्रीलाल सुथार के नेतृत्व में मंदिर पुजारी सत्यनारायण वैष्णव, मुरलीधर सुखवाल, मुकेश कुमार छाजेड़, शंभूगिरी गोस्वामी सहित बड़ी संख्या में सांवलियाजी भक्तों ने चित्तौडग़ढ़ से पैदल आकर भगवान के दर्शन किए।

सांवलिया मंदिर में श्रद्धालुओं का तांता

मण्डफिया, १८ अग. (प्रासं)। प्रमुख तीर्थस्थल भगवान सांवलियाजी मंदिर में इन दिनों यात्रियों का तांता लगा हुआ है। प्रशासनिक अधिकारी भगवानलाल चतुर्वेदी ने बताया कि भारी भीड़ को देखते हुए मंदिर की ओर से पर्याप्त व्यवस्था की गई है वही सभी यात्रियों को पंक्तिबद्ध क्रम से दर्शन कराए गए। मण्डफिया कस्बे में यात्रियों की भीड़ मंदिर प्रांगण-धर्मशालाओं में एवं निजी गेस्ट हाउस में भी देखी गई।

जलझूलनी मेले के लिए भूमि का संकट!


मण्डफिया। श्रीसांवलियाजी मन्दिर विस्तार योजना के दूसरे चरण की भूमि अवाप्ति की कार्रवाई मंद गति से चलने एवं इस वर्ष मन्दिर का 'कोरिडोर' निर्माणाधीन होने से मेला स्थल की भूमि कम पडने से श्रद्धालुओं को परेशानी हो सकती है। मन्दिर में पिछले एक दशक से जिस गति से श्रद्धालुओं की आवक बढ रही है।

उसी के अनुरूप मन्दिर प्रशासन भूमि अवाप्त कर रहा है। प्रथम चरण में अवाप्त की गई भूमि पर पिछले आठ-दस वर्षो से मेले के सांस्कृतिक कार्यक्रम व आतिशबाजी होती रही है। लेकिन इस वर्ष इस खाली भूमि पर मन्दिर प्रशासन ने कोरिडोर का निर्माण शुरू कर दिया। इससे अब मेला स्थल के लिए पर्याप्त भूमि का अभाव हो गया है।


अवार्ड जारी नहीं हुआ
मन्दिर प्रशासन ने मन्दिर विस्तार एवं मेला स्थल विकसित करने के लिए दो वर्ष पूर्व सौ बीघा से ज्यादा भूमि अवाप्ति की कार्रवाई शुरू की थी। प्रशासन ने सभी प्रक्रिया पूरी कर दी, इसके बावजूद भी अवार्ड आज तक जारी नहीं हो पाया है। जबकि यह प्रक्रिया छह माह पूर्व ही पूरी हो जानी थी। यदि अवार्ड जारी करने की प्रक्रिया समय पर पूरी हो जाती तो मेला इस अवाप्त शुदा भूमि पर आयोजित हो सकता था।


दो किलोमीटर दूर होते हैं सांस्कृतिक कार्यक्रम
सांवलियाजी मन्दिर मण्डल के पास मेले में होने वाले कवि सम्मेलन व भजन संध्या के लिए दो लाख लोगों के बैठने की क्षमता वाले स्थान की कमी होने से दोनों ही कार्यक्रम मंदिर परिसर से करीब दो किलोमीटर दूर सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र परिसर में आयोजित होते हैं।


सत्ता परिवर्तन का प्रभाव
मन्दिर प्रशासन द्वारा अवाप्त की जाने वाली भूमि की अवाप्ति की दूसरी चरण की कार्रवाई मे सत्ता परिवर्तन का प्रभाव नजर आया। जो लोग भूमि अवाप्ति की कार्रवाई को पहले भेदभाव पूर्ण बता रहे थे, वहीं लोग आज सत्ता में आकर अवाप्ति की पूरी कार्रवाई को स्थगित कराने के उ“ा स्तरीय प्रयास में जुटे हुए है।

यह सही है कि कोरिडोर निर्माण के बाद मेला स्थल के लिए भूमि अपर्याप्त होगी। मेला स्थल, पार्किग व धर्मशाला निर्माण के लिए जमीन अवाप्त करना प्रस्तावित है। इस सम्बन्ध में भूमि अर्जन अधिकारी व निम्बाहेडा उपखण्ड अधिकारी मेले के बाद अवार्ड जारी करेंगे।'
-कन्हैयादास वैष्णव अध्यक्ष, मन्दिर मण्डल मण्डफिया

Sri saanwariya seth

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Sri sanwalia ji
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Sri sanwara seth

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सांवलिया धाम में उमडी 'श्रद्धा'

21 अगस्त 2009, 23:18 hrs IST
मण्डफिया। प्रख्यात कृष्णधाम सांवलियाजी मंदिर के दो दिवसीय भादवी अमावस्या के मेले में श्रद्धालुओं का सैलाब उमड पडा। जन्माष्टमी से अब तक करीब दस लाख से ज्यादा श्रद्धालु भगवान के दर्शन कर चुके हैं।

भादवी अमावस्या के मेले में चतुर्दशी से ही श्रद्धालुओं की भीड उमड पडी। बुधवार प्रात: पांच बजे से ही श्रद्धालुओं की कतारें लगना आरम्भ हो गई। प्रात: साढे ग्यारह बजे राजभोग आरती के बाद मंदिर मण्डल के मुख्य निष्पादन अधिकारी सुरेन्द्र माहेश्वरी, मंदिर मण्डल अध्यक्ष कन्हैयादास वैष्णव, मंदिर मण्डल के सदस्यों एवं कर्मचारियों की उपस्थिति में भण्डार खोला गया। रात करीब दस बजे तक नोटों की गिनती चलती रही।

गुरूवार को मंगला आरती में श्रद्धालुओं की भीड लग गई। प्रात: साढे दस बजे तक दर्शन के लिए मंदिर के बाहर दो-तीन किलोमीटर लम्बी श्रद्धालुओं की कतारें लग गई। यहां किसी भी धर्मशाला में श्रद्धालुओं को रूकने के लिए जगह नहीं मिली। यहां तक सांवलियाजी बस स्टैण्ड पर भी भीड लग गई। वाहनों की भी लम्बी-लम्बी कतारें लग गई तथा बसों को बस स्टैण्ड पर ही रोक लिया गया। मंदिर में दर्शन के लिए बेरिकेट्स लगाए हैं, जिससे श्रद्धालु दो कतारों में दर्शन के लिए प्रवेश कर रहे हैं।

लगाया जाप्ता, रोके वाहन
भादवी अमावस्या के मेले पर यहां पुलिस लाइन चित्तौडगढ तथा आसपास के थानों से अतिरिक्त पुलिसकर्मी तथा महिला कांस्टेबल तैनात किए है। यातायात व्यवस्था को देखते हुए एक एएसआई तथा कांस्टेबल को नियुक्त किया है, जो दुपहिया वाहनों को मंदिर सीमा से बाहर ही रोक रहे हैं।

गोकुलमय सांवलिया धाम

मण्डफिया। जन्माष्टमी पर्व प्रख्यात कृष्ण धाम सांवलियाजी मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड उमड पडी। जयकारे लगाते आ रहे श्रद्धालुओं के जत्थों से पूरा माहौल गोकुलमय बन गया। सुबह सवा दस बजे राजभोग आरती तक तो यह कतारें दो-तीन किलोमीटर दूर तक चली गई। दिन उगने के साथ श्रद्धालुओं की भीड भी बढती गई।

मंदिर के गर्भ गृह तथा मुख्य मंदिर में गुलाब के फूलों की सजावट की गई। कस्बे में शुक्रवार को बजरंग व्यायामशाला उज्जैन के पहलवानों ने अखाडा प्रदर्शन कर मटकियां फोडी। कस्बे में दोपहर बारह बजे से जुलूस निकाला, जो विभिन्न मार्गो से होते हुए सांवलियाजी मंदिर पर समाप्त हुआ। मार्ग में अखाडा के पहलवान ढोल नंगाडों की थाप पर अखाडा प्रदर्शन करते हुए चल रहे हैं।

चित्तौडगढ। क्षेत्र में जन्माष्टमी पर्व परम्परा एवं हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। मंदिरों में विशेष सजावट की तथा दर्शनार्थ श्रद्धालुओं की भीड उमड पडी। मंदिरों में विद्युत चलित झांकियां सजाई गई तथा भजन संध्याओं का आयोजन किया गया। रात्रि में विशेष आरती के बाद पंजेरी का प्रसाद वितरित किया गया।

जन्माष्टमी पर शहर में माहौल कृष्णमय बना रहा। शहर में पावटा चौक स्थित सब्जी मण्डी में विद्युत चलित झांकियां सजाई गई। झांकियां देखने के लिए शहर सहित आसपास के लोगों की भीड उमड पडी। विद्युत सजावट से सब्जी मण्डी का क्षेत्र रोशनी से नहा उठा। लोगों की भीड को देखते हुए यहां विशेष सुरक्षा व्यवस्था के इंतजाम किए गए। दुपहिया वाहनों को गोल प्याऊ के यहीं रोक लिया गया। सब्जी मण्डी क्षेत्र में मेले जैसा माहौल बन गया था।

सब्जी मण्डी में भगवान कृष्ण जन्म, बाल लीला, बकासुर वध, रासलीला, कृष्ण-सुदामा आदि की विद्युत चलित झांकियां सभी को आकर्षित कर रही थी। वहीं शहर के विभिन्न मंदिरों तथा मोहल्लों में भी झांकियां सजाई गई। अर्द्ध रात्रि बाद भगवान कृष्ण की विशेष आरती कर पंजेरी का प्रसाद चढाया गया। निकटवर्ती ओछडी गांव में चारभुजा मंदिर पर विद्युत सजावट की गई। गुरूवार रात रात्रि में आठ बजे से भजन संध्या का आयोजन किया।

आदर्श विद्यालय निकेतन माध्यमिक विद्यालय में जन्माष्टमी पर्व पर कृष्ण बनों प्रतियोगिता, कृष्ण भजन संध्या तथा भगवान कृष्ण की झांकियां सजाई गई। भीलवाडा मार्ग स्थित गोपाल गोशाला में जन्माष्टमी पर्व ब्रज गोपिका सेवा मिशन की ओर से धूमधाम से मनाया गया। प्रात: सात से ग्यारह बजे तक विशेष संकीर्तन, आध्यात्मिक प्रश्नोत्तर भोग आरती का आयोजन हुआ। गोशाला में ही 11 बजे से भजन संध्या का अयोजन हुआ, जिसमें मधु त्रिलोक छाबडा, तेजस्विता छाबडा, जगदीश वैष्णव तथा जगदीश बैरागी आदि ने भजनों की प्रस्तुति दी। भगवान कृष्ण की मनमोहक झांकी एवं झूला भी सजाया गया।

किया रक्तदान

श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर्व पर अहीर समाज ने शुक्रवार को सांवलियाजी चिकित्सालय में 54 युवाओं ने रक्तदान किया। प्रादेशिक परिवहन अघिकारी सत्यवीरसिंह यादव ने रक्तदान कर शिविर का शुभारम्भ किया। इस अवसर पर पूर्व नरगपालिकाध्यक्ष नीरूदेवी अहीर, छात्रावास कमेटी के किशनलाल अहीर, माधव अडाणा, नारायणलाल, देवीलाल, घनश्याम अहीर, उदयलाल फाचर, घटा क्षेत्र के उंकारलाल, नारायणलाल, अम्बालाल, सहित कई लोगों ने सांवलियाजी चिकित्सालय में भी भगवान कृष्ण की पूजा की।

इमली वाले बावजी

सांवलिया सेठ मन्दिर प्रांगण के उत्तर - पश्चिम भाग में एक गोल चबूतरा निर्मित हें , जिसके केन्द्र में इमली का पेड़ लगा हुआ हें | वही दक्षिण की ओर मुंह किए लगभग 1x1 फीट की काले पत्थर की प्रतिमा प्रतिष्ठित हें | पीढी दर पीढी सेवा करते आए पुजारियों से ज्ञात हुआ हें की उन्हें ' इमली वाले बावजी ' के नाम से जाना जाता हें | उक्त मूर्ति की स्थापना प्रभु सांवलिया जी के साथ ही हुई थी | सदेव धार्मिक आयोजनों में मुख्य मन्दिर की पूजा - अर्चना से पूर्व अत्यन्त चमत्कारी ' इमली वाले बावजी ' का पूजन होता हें एवं पुजारी परिवार अपने - अपने क्रमानुसार (ओसरा ) सांवलिया सेठ के साथ - साथ इनकी भी तन मन से सेवा करते हें |

लेखक
(अमृत 'वाणी')

संवारा सेठ चालीसा पेज क्रमांक 59 से लिया गया हे |

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