चित्तौडग़ढ़, ३१ अग. (प्रासं)। मेवाड़ के प्रसिद्व कृष्णधाम मण्डफिया स्थित श्रीसांवलियाजी के त्रि-दिवसीय जलझूलनी एकादशी मेले के अवसर पर रविवार रात्रि को श्रीसांवलियाजी मन्दिर मण्डल द्वारा रेफरल चिकित्सालय परिसर में आयोजित अखिल भारतीय विराट कवि सम्मेलन में देश के कौने कौने से आए कवियों एवं कवयित्रियों द्वारा प्रस्तुत रचनाओं का श्रोताओं ने भोर तक खूब आनन्द उठाया।
विराट कवि सम्मेलन का शुभारम्भ दिल्ली की श्वेता सरगम की सरस्वती वन्दना से हुआ। कवि सम्मेलन में चितौडग़ढ़ के वीर रस के कवि पं. नरेन्द्र मिश्र द्वारा प्रस्तुत इतिहास बदलता जाता था, तारीख बदलती जाती थी औजस्वी रचना प्रस्तुत की तो उपस्थित श्रोताओं के रोंगटे खड़े हो गए। मालवा की माटी से मेवाड़ की धरती पर आई इन्दौर की कवियित्री अर्चना अन्जुम द्वारा प्रस्तुत श्रृंगार रस की रचनाओं के साथ ही समाज में व्याप्त कुरीति भ्रूणहत्या को रोकने के प्रति जनचेतना का सन्देश देने वाली रचना मां देखन दे संसार को सुनकर श्रोता भावविव्हल हो गए।
कवि सम्मेलन में हास्य व्यंग के रचनाकार ऋषभदेव के बलवन्त बल्लू, ओजस्वी कवि जानी बेरागी, दिल्ली के अशोक हंगामा ने अपनी रचनाओं से श्रोताओं को खूब गुदगुदाया जबकि अशोक साहिल की हिन्दी उर्दु की रचनाओं को श्रोताओं ने खूब पसन्द किया। कवि सम्मेलन में दिल्ली की कवियित्री श्वेता सरगम व शालिनी सरगम की श्रृगांर रस की कविताओं को श्रोताओं ने तालियों की गडग़ड़ाहट के साथ खूब पसन्द किया। नरेन्द्र बंजारा की राष्ट्रभक्ति से ओतप्रोत रचना ने वातावरण को देश भक्ति मय बना दिया। कवि सम्मेलन का सफल संचालन मन्दसौर के कवि सुरेश बेरागी ने किया।
कवि सम्मेलन राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष एवं क्षेत्रीय सांसद डा. गिरिजा व्यास के मुख्य आतिथ्य एवं कपासन विधायक शंकर बैरवा की अध्यक्षता में आयोजित अखिल भारतीय विराट कवि सम्मेलन के प्रारंभ में अतिथियों ने श्रीसांवलिया सेठ एवं मां सरस्वती की छवि पर माल्यार्पण कर दीप प्रज्जवलन किया तथा डा. व्यास एवं बैरवा एवं श्रीसांवलियाजी मन्दिर मण्डल के अध्यक्ष कन्हैयादास वैष्णव व मुख्य कार्यपालक अधिकारी सुरेन्द्र माहेश्वरी ने कवियों का माल्यार्पण एवं उपरना ओढ़ा कर स्वागत किया तथा सांवलियाजी का प्रसाद भेंट किया।
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