लाखों श्रद्धालुओं की आस्था के केन्द्र करोड़पति श्रीसांवलिया सेठ के मंदिर व नगरी को पर्याप्त सुरक्षा की दरकार है। सुरक्षा के नाम पर अंगुलियों की पोरों पर गिनने लायक पुलिसकर्मी और सुरक्षाकर्मी सांवरे के धाम की बढ़ती महिमा के अनुरुप अपर्याप्त हैं।
श्रीसांवलियाजी के मंदिर में औसतन १०-१५ हजार दर्शनार्थी रोजाना आते हैं। इनमें से करीब १० प्रतिशत का रात्रि विश्राम यहीं होता है। सांवलियाजी की महिमा दिन दोगुनी-रात चौगुनी बढ़ रही है। इससे उनके श्रद्धालुओं और चढ़ावे की राशि में भी उसी अनुरुप इजाफा हो रहा है। इसके अलावा यहां जलझूलनी एकादशी पर तीन दिवासीय समेत हर महीने दो दिवसीय मेला भरता है, जिसमें हजारों श्रद्धालुओं की अतिरिक्त आवक होती है। सांवलियाजी के भंडार से निकली राशि की गणना के दौरान अब तक कई बार गणना में लगे कर्मचारियों द्वारा रुपए चुराने की घटनाएं हो चुकी हैं।
कस्बे व मंदिर की पुलिस सुरक्षा के नाम पर यहां पुलिस चौकी स्थापित है, जिसमें हाल ही में यहां एक सब इंस्पेक्टर राकेशकुमार जोशी की नियुक्ति की गई। वर्तमान में यहां एक एसआई के अलावा पांच कांस्टेबल तैनात हैं। चौकी में वायरलैस, टेलीफोन व एक सरकारी मोटरसाइकिल है, लेकिन जीप नहीं है। कस्बे की करीब पांच हजार आबादी व मंदिर की सुरक्षा के मद्देनजर इस चौकी पर एक सब इंस्पेक्टर, एक एएसआई व एक हैडकांस्टेबल समेत सात कांस्टेबलों की आवश्यकता है, जिनमें कम से कम तीन महिला पुलिसकर्मी हो। साथ ही चौकी पर चौपहिया वाहन तथा अत्याधुनिक तकनीक के हथियार मिलेें।
दूसरी ओर, मंदिर मंडल प्रशासन का कहना है कि उनकी ओर से यहां एक सुरक्षा अधिकारी व ३२ सुरक्षा गार्ड नियुक्त हैं। सुरक्षाकर्मियों के पास तीन १२ बोर बंदूक रहती हैं। आठ वाकीटाकी सुरक्षा अधिकारी व कंट्रोल रूम समेत हर दरवाजे पर तैनात सुरक्षाकर्मी के पास रहते हैं। चार डोर फे्रम मेटल डिटेक्टर व आठ हैंड मेटल डिटेक्टर हैं, जिनसे मंदिर में जाने वाले श्रद्धालुओं की जांच की जाती है, वहीं मंदिर के कोने-कोने में १२ क्लोज सर्किट कैमरे हर समय चालू रहते हैं। मंदिर मंडल की ओर से नियुक्त गार्डों का कोई प्रशिक्षण नहीं होता। इनके पास अत्याधुनिक हथियारों व नए संचार साधनों का अभाव है।
मंदिर प्रशासन का कहना है कि जिस प्रकार राज्य सरकार ने श्रीनाथजी मंदिर नाथद्वारा को सुरक्षा के लिए राशि उपलब्ध कराई है, वैसे ही सांवलियाजी मंदिर की सुरक्षा के लिए राशि व अन्य साधन उपलब्ध कराए।
सामानघर नहीं, संदिग्ध वस्तु अंदर जाने का खतरा
दर्शनार्थियों के बैग या अन्य सामान रखवाने के लिए सामानघर (क्लार्करूम) का अभाव है। हालांकि सुरक्षाकर्मी दरवाजे पर श्रद्धालुओं के पास मौजूद बैग, सामान से रोकते हैं, पर इसमें सख्ती नहीं है।
नफरी को तरसती है पुलिस चौकी
बताया गया कि सांवलियाजी पुलिस चौकी पर एक एसआई तथा एएसआई या हैडकांस्टेबल के अलावा आठ कांस्टेबल की नियुक्ति करीब दो-तीन साल से प्रस्तावित है। इसके मुकाबले यहां एक एसआई व पांच कांस्टेबल हीतैनात हैं। कई विशेष मौकों पर चौकी के स्टाफ को भी भादसोड़ा थाने या जिला मुख्यालय पर बुला लेने से स्टाफ की कमी बनी रहती है।
सीआईडी यूनिट स्थापना : पूर्व डीजीपी ने स्वीकारा, मौजूदा ने नकारा
सांवलियाजी मंदिर वीआईपी श्रेणी का है। इसके मद्देनजर राज्य सरकार की ओर से यहां सीआईडी यूनिट की स्थापना प्रस्तावित है। करीब ढाई-पौने तीन साल पहले तत्कालीन पुलिस महानिदेशक ए.एस. गिल के सांवलियाजी दौरे के बाद से इसकी चर्चा चल रही है, मगर अभी तक इस संबंध में कोई कार्रवाई शुरू नहीं हो पाई। खुद गिल ने सीआईडी यूनिट की जरुरत स्वीकार की थी। बताया गया कि सीआईडी यूनिट में एक सब इंस्पेक्टर, एक हैडकांस्टेबल व तीन कांस्टेबल की नियुक्ति की जा सकती है। इधर, हाल ही में चित्तौडग़ढ़ दौरे पर आए राज्य के पुलिस महानिदेशक हरीशचंद्र मीणा ने सीआईडी यूनिट के विचाराधीन प्रस्ताव की बात को ही साफ नकार दिया।
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