झुमने के लिये सारी रात कम पड़ गई विनोद अग्रवाल जी के भजनों पर

"क्यूँ कर रो रहा है गोविन्द की गली में "
भजन से अपने धमाकेदार भजनों की शुरुआत की और पांडाल में बैठा कोई भी ऐसा शक्स बाकी नहीं रहा जो भजन संध्या में एक भी बार नाचा ना हो विनोद जी की आवाज में वाकई में वो जादुई करिश्मा है जिसे सुन कर इन्सान झुमने को मजबूर हो जाता है, 12/July/2010 को श्री सवालिया जी मंदिर प्रांगण में एक भजन संध्या का आयोजन रखा गया जिसमे से श्री विनोद जी द्वारा भाव प्रवाह किया गया , वहां के कुछ फोटो आप के लिये


















भजन संध्या के बीच कवि "अमृतवाणी" द्वारा स्वरचित पुस्तक " सांवरा सेठ चालीसा " विनोद अग्रवाल जी को भेट करते हुए






































:- "शेखर कुमावत "

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