सांवलियाजी में सजी छप्पन भोग की झांकी

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कृष्णधाम सांवलियाजी में रविवार को सांवलिया सेठ का विशेष शृंगार करने के साथ ही विभिन्न आयोजन हुए। इसमें भाग लेने के लिए मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं कतार लग गई।

रविवार सुबह पुजारी नारायणदास ने भगवान को गंगाजल से स्नान करवाकर नवीन वस्त्र धारण करवाए। इधर कलकत्तावासी एक श्रद्धालु किशनगोपाल मोहता ने छप्पन भोग की झांकी सजाई। मंदिर मंडल के प्रशासनिक अधिकारी किशन शर्मा ने बताया कि श्रद्धालु परिवार द्वारा मंदिर के विभिन्न द्वारों को पुष्प गुच्छों व मालाओं से सजाया कर श्रीकृष्ण के विभिन्न रूपों के चित्र लगाए गए।

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निम्बाहेड़ा की अंबामाता सेवा समिति के सदस्य इस वर्ष भी पदयात्रा कर सांवलियाजी के दर्शन किए। सुबह राजभोग आरती से पूर्व ही पूर्व सांसद श्रीचंद कृपलानी, पूर्व विधायक अशोक नवलखा सहित समिति अध्यक्ष चैनसिंह व सदस्यों ने सांवलिया सेठ के दर्शन किए।

सांवलिया सेठ मन्दिर में आने वाले जगन्नाथ पहले राष्ट्रपति

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भदेसर । मॉरिशस के राष्ट्रपति अनिरूद्ध जगन्नाथ ने प्रख्यात कृष्णधाम मण्डफिया स्थित भगवान सांवलिया सेठ के दर्शन किए। जगन्नाथ को सांवलियाजी के दर्शन करने वाले पहले राष्ट्राध्यक्ष का गौरव प्राप्त हुआ है।

राष्ट्रपति अनिरूद्ध जगन्नाथ ने सुबह 11:20 बजे सांवलियाजी पहुंचे जहां पर जिला कलक्टर आरूषि मलिक, मन्दिर मण्डल के मुख्य निष्पादन अघिकारी अवधेशसिंह, तहसीलदार घनश्याम शर्मा व मन्दिर मण्डल अध्यक्ष कन्हैयादास वैष्णव ने उनकी अगुवानी की। मन्दिर में राजभोग झांकी के दर्शन किए, इस अवसर पर मन्दिर के ओसरा पुजारी चुन्नीदास वैष्णव ने उन्हे उपन्ना, छवि व प्रसाद भेंट किया।
जगन्नाथ ने मॉरिशस के खुशहाली की कामना की। मन्दिर दर्शन के बाद जगन्नाथ ने सांवलियाजी मन्दिर की विजिट बुक में अपनी यात्रा व दर्शन के सम्बन्ध में खुशी जाहिर की। अब-तक किसी भी राष्ट्राध्यक्ष ने यहां के दर्शन नहीं किए है।


सांवलियाजी मंदिर को सुरक्षा की दरकार

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लाखों श्रद्धालुओं की आस्था के केन्द्र करोड़पति श्रीसांवलिया सेठ के मंदिर व नगरी को पर्याप्त सुरक्षा की दरकार है। सुरक्षा के नाम पर अंगुलियों की पोरों पर गिनने लायक पुलिसकर्मी और सुरक्षाकर्मी सांवरे के धाम की बढ़ती महिमा के अनुरुप अपर्याप्त हैं।

श्रीसांवलियाजी के मंदिर में औसतन १०-१५ हजार दर्शनार्थी रोजाना आते हैं। इनमें से करीब १० प्रतिशत का रात्रि विश्राम यहीं होता है। सांवलियाजी की महिमा दिन दोगुनी-रात चौगुनी बढ़ रही है। इससे उनके श्रद्धालुओं और चढ़ावे की राशि में भी उसी अनुरुप इजाफा हो रहा है। इसके अलावा यहां जलझूलनी एकादशी पर तीन दिवासीय समेत हर महीने दो दिवसीय मेला भरता है, जिसमें हजारों श्रद्धालुओं की अतिरिक्त आवक होती है। सांवलियाजी के भंडार से निकली राशि की गणना के दौरान अब तक कई बार गणना में लगे कर्मचारियों द्वारा रुपए चुराने की घटनाएं हो चुकी हैं।

कस्बे व मंदिर की पुलिस सुरक्षा के नाम पर यहां पुलिस चौकी स्थापित है, जिसमें हाल ही में यहां एक सब इंस्पेक्टर राकेशकुमार जोशी की नियुक्ति की गई। वर्तमान में यहां एक एसआई के अलावा पांच कांस्टेबल तैनात हैं। चौकी में वायरलैस, टेलीफोन व एक सरकारी मोटरसाइकिल है, लेकिन जीप नहीं है। कस्बे की करीब पांच हजार आबादी व मंदिर की सुरक्षा के मद्देनजर इस चौकी पर एक सब इंस्पेक्टर, एक एएसआई व एक हैडकांस्टेबल समेत सात कांस्टेबलों की आवश्यकता है, जिनमें कम से कम तीन महिला पुलिसकर्मी हो। साथ ही चौकी पर चौपहिया वाहन तथा अत्याधुनिक तकनीक के हथियार मिलेें।

दूसरी ओर, मंदिर मंडल प्रशासन का कहना है कि उनकी ओर से यहां एक सुरक्षा अधिकारी व ३२ सुरक्षा गार्ड नियुक्त हैं। सुरक्षाकर्मियों के पास तीन १२ बोर बंदूक रहती हैं। आठ वाकीटाकी सुरक्षा अधिकारी व कंट्रोल रूम समेत हर दरवाजे पर तैनात सुरक्षाकर्मी के पास रहते हैं। चार डोर फे्रम मेटल डिटेक्टर व आठ हैंड मेटल डिटेक्टर हैं, जिनसे मंदिर में जाने वाले श्रद्धालुओं की जांच की जाती है, वहीं मंदिर के कोने-कोने में १२ क्लोज सर्किट कैमरे हर समय चालू रहते हैं। मंदिर मंडल की ओर से नियुक्त गार्डों का कोई प्रशिक्षण नहीं होता। इनके पास अत्याधुनिक हथियारों व नए संचार साधनों का अभाव है।

मंदिर प्रशासन का कहना है कि जिस प्रकार राज्य सरकार ने श्रीनाथजी मंदिर नाथद्वारा को सुरक्षा के लिए राशि उपलब्ध कराई है, वैसे ही सांवलियाजी मंदिर की सुरक्षा के लिए राशि व अन्य साधन उपलब्ध कराए।

सामानघर नहीं, संदिग्ध वस्तु अंदर जाने का खतरा

दर्शनार्थियों के बैग या अन्य सामान रखवाने के लिए सामानघर (क्लार्करूम) का अभाव है। हालांकि सुरक्षाकर्मी दरवाजे पर श्रद्धालुओं के पास मौजूद बैग, सामान से रोकते हैं, पर इसमें सख्ती नहीं है।

नफरी को तरसती है पुलिस चौकी

बताया गया कि सांवलियाजी पुलिस चौकी पर एक एसआई तथा एएसआई या हैडकांस्टेबल के अलावा आठ कांस्टेबल की नियुक्ति करीब दो-तीन साल से प्रस्तावित है। इसके मुकाबले यहां एक एसआई व पांच कांस्टेबल हीतैनात हैं। कई विशेष मौकों पर चौकी के स्टाफ को भी भादसोड़ा थाने या जिला मुख्यालय पर बुला लेने से स्टाफ की कमी बनी रहती है।

सीआईडी यूनिट स्थापना : पूर्व डीजीपी ने स्वीकारा, मौजूदा ने नकारा

सांवलियाजी मंदिर वीआईपी श्रेणी का है। इसके मद्देनजर राज्य सरकार की ओर से यहां सीआईडी यूनिट की स्थापना प्रस्तावित है। करीब ढाई-पौने तीन साल पहले तत्कालीन पुलिस महानिदेशक ए.एस. गिल के सांवलियाजी दौरे के बाद से इसकी चर्चा चल रही है, मगर अभी तक इस संबंध में कोई कार्रवाई शुरू नहीं हो पाई। खुद गिल ने सीआईडी यूनिट की जरुरत स्वीकार की थी। बताया गया कि सीआईडी यूनिट में एक सब इंस्पेक्टर, एक हैडकांस्टेबल व तीन कांस्टेबल की नियुक्ति की जा सकती है। इधर, हाल ही में चित्तौडग़ढ़ दौरे पर आए राज्य के पुलिस महानिदेशक हरीशचंद्र मीणा ने सीआईडी यूनिट के विचाराधीन प्रस्ताव की बात को ही साफ नकार दिया।


श्री सॉवलिया सेठ की भव्य रजत रथ यात्रा में अपार जनसैलाब उमड़ा

अबीर गुलाल एवं पुष्प वर्षा से मण्डफिया नगरी ने गोकुल का स्वरूप लिया..




चित्तौड़गढ़- मेवाड़ के प्रसिद्ध कृष्णधाम स्थित श्री सॉवलिया सेठ के त्रिदिवसीय जलझूलनी एकादशी मेले के मुख्य दिवस भाद्रपद शुक्ला एकादशी शनिवार को आयोजित श्री सॉवलियाजी की रजत रथयात्रा में अपार जनसैलाब उमड़ पड़ा सम्पूर्ण मण्डफिया नगरी में भक्तों के अपार रैले ने ऐसी जनगंगा प्रवाहित की कि जिस और भी नजर गयी भक्तों की भीड़ ही दिखायी दे रही थी भगवान श्री सॉवलियाजी के मुख्य मंदिर से दोपहर लगभग 12 बजे ज्योहि मंदिर के मुख्य पुजारी केशवदास जी के पौत्र श्री कमलेशदास ने श्री सॉवलियाजी का विग्रह निज मंदिर के गर्भगृह से लेकर मुख्य मंदिर के चैक में रखे रजत बैवाण में विराजित किया तथा परम्परानुसार अध्यक्ष श्री कन्हैयादास वैष्णव एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी श्री अवधेशसिंह द्वारा भगवान श्रीसॉवलियाजी के विग्रह पर गुलाब के पुष्पों की माला चढाकर नमन किया तत्पश्चात् श्री सिंह,अति0 कलेक्टर (प्रशासन) एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी,श्रीसॉवलियाजी मंदिर मण्डल,मण्डफिया द्वारा मंदिर के मुख्य पुजारी तथा उपस्थित पुजारियों को उपरना ओंढाने के साथ ही समूचा मंदिर और परिसर सॉवलिया सेठ के जयकारों से गुंज उठा रजत बैवाण में विराजित श्री सॉवलियाजी के विग्रह को जयकारों के साथ मुख्य मंदिर से श्री सॉवलियाजी के बैवाण को कंधो पर उठाये रजत रथ में स्थापित करते समय मंदिर के मुख्य पुजारी केशवदास की उपस्थिति में सभी पूजारियों ने श्री सॉवलियाजी की विधि विधान से पूजा अर्चना की वहीं मंदिर मण्डल के अध्यक्ष कन्हैयादास वैष्णव मुख्य कार्यपालक अधिकारी अवधेशसिंह, मंदिर मण्डल के सदस्य पोखर जाट, किशनलाल अहिर, सत्यनारायण शर्मा सहित गॉव के गणमान्य नागरिको ने श्री सॉवलिया सेठ की अगवानी करते हुए उनकी पूजा अर्चना कर गुलाल अबीर से सॉवलियाजी के साथ फाग खेला मंदिर में अध्यक्ष श्री वैष्णव ने मण्डफिया के गणमान्य नागरिकों एवं भक्तों का उपरना ओढ़ाकर अभिनन्दन किया इसी समय मंदिर के बाहर अपार जन समुदाय ने श्री सॉवलिया सेठ के जयकारे के बीच हाथी घोड़ा पालकी जय कन्हैयालाल की का उद्घोष करते हुए अपने अराध्य की मनभावन अगवानी की इस रजत रथ यात्रा के साथ मण्डफिया कस्बे के राधाकृष्ण मंदिर, कुरेठा नाका मंदिर , नीमचैक मंदिर , कुम्हारों का मोहल्ला का मंदिर का बैवाण शामिल हुआ तथा सॉवलिया एनिकट पर गिद्दा खेड़ा से आये बैवाण की भागीदारी रही रथयात्रा में सजेधजे हाथी तथा दो ऊॅटो पर परम्परागत नक्कारखाना लगभग 11 सजे धजे अश्व , 5 बैण्ड,दो दर्जन से अधिक मालवी ढोल, घ्वज निशान रजत छड़ी घौटा भजन मण्डलियां जब शामिल हुई मुख्य मंदिर से बहुत ही मंथर गति से यह रथयात्रा घण्टाघर पहुॅची तो अनवरत पुष्प वर्षा से ऐसा लगा मानो सॉवलिया सेठ गुलाब की पांखुड़ियो से होली खेल रहे हो इसी दौरान रंग बिरंगी गुलाल और अबीर से सम्पूर्ण वातावरण रंगीन हो गया तो पुष्प वर्षा से भीनी भीनी सुगंध से सम्पूर्ण मण्डफिया नगरी महक उठी यह रथयात्रा घण्टाघर से सदरबाजार, राधाकृष्ण मंदिर , गढ़ी का देवरा, मस्जिद के पास होते हुए कबूतर खाना पहुॅची इस दौरान मार्ग के दोनो और छतो से रथ यात्रा पर पुष्प वर्षा और अबीर गुलाल उड़ायी गयी रथ यात्रा के सॉवलिया एनिकट पर पहुॅचने पर मुख्य पुजारी केशवदास द्वारा श्री सॉवलियाजी के विग्रह को तथा अन्य मंदिरो के पुजारियों द्वारा अपने अपने विग्रहों को जल में झूलाकर विधि विधान से स्नान करवाया और उसके पश्चात् पूजा अर्चना की गयी यह रथ यात्रा पुनः कबूतर खाना ब्रहमपुरी, जैन मंदिर सदर बाजार जैन मोहल्ला होते हुये पुनः मुख्य मंदिर पहुॅची।
मनोहारी झांकियॉ- राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय की पार्वती महिमा, आदर्श विद्या निकेतन विद्यालय कीभगवान विष्णु शेष शैया परश्री सॉवलिया शिक्षण संस्थान कीश्री कृष्ण की बाल लीलाराजकीय बालिकामाध्यमिक विद्यालय की कृष्ण शारद-नारद झांकी एवं राजकीय आदर्श उच्च प्राथमिक विद्यालय की कृष्ण-सुदामा कीमनमोहक झांकियों ने शोभायात्रा को द्विगुणीत कर दिया
मण्डफिया ने गोकुल नगरी का स्वरूप लिया- भगवान श्री कृष्ण के सॉवलिया स्वरूप लिये श्री सॉवलियाजी कीमण्डफिया नगरी जलझूलनी एकादशी मेले पर गोकुल स्वरूप में दिखाई दे रही थी यहॉ मेले में भाग लेने आये लाखोंश्रद्धालुओं में से हजारो श्रद्धालु गोपी भाव से नृत्य कर अपने अराध्य सॉवलियाजी को रिझाने में कोई कोर कसर नहीं रखरहे थे ढोल की थाप और बैण्ड की भजना नन्दी मुधुर धुनों पर हर आयु वर्ग के नर नारी ऐसे नृत्य कर रहे थे मानो वहसॉवलियाजी के रंग में डूब जाने को आतुर हो
भादव मास में फागुन की अनुभूति- यंू तो फाल्गून मास में होली के दिनो में फाग खेला जाता है लेकिन जलझूलनीएकादशी के पावन अवसर पर अरारोठ की 10 क्विण्टल शुद्ध गुलाल से खेले गये फाग नें भादो मास ने फाल्गुन कीस्मृतियां ताजा कर दी सतरंगी गुलाल से समुचा वातावरण रंगीन हो गया तो मण्डफिया नगरी की हर गली रंगो सेसराबोर हो गयी भक्त भी अपने भगवान के साथ फाग खेलकर ऐसे एकाकार हो रहे थे कि मानो भक्त और भगवानमिलकर इस वातावरण में फाग खेलने का आनन्द ले रहे है ढोल की थाप से गूंुज उठा मण्डफिया- आप कल्पना करोपॉच मालवी ढोल की थाप से ही वातावरण गुंजायमान हो जाता है ऐसे में श्री सॉवलियाजी जलझूलनी एकादशी मेले मेंदो दर्जन से अधिक मालवी ढोल पर जब एक साथ थाप दी जाये तो कैसा लगेगा यानि इतने मालवी ढोल की एक साथथाप से सम्पूर्ण मण्डफिया गूंज उठा वहीं हर मेलार्थी ढोल की थाप के बाद नहीं चाहते हुए भी नृत्यरत हो गया यानि हरभक्त नृत्य करने को आतुर दिखाई दे रहा था
महक उठी मण्डफिया नगरी- श्री सॉवलियाजी की रथयात्रा के दौरान मंदिर मण्डल द्वारा मंगवाये गये 10 क्वि0 गुलाबकी पंखुड़ियो से जब पुष्प वर्षा की गयी तो वह दृश्य तो मनोहारी था ही लेकिन इस पुष्प वर्षा से सम्पूर्ण मण्डफिया नगरीभीनी भीनी सुगंध से महक उठाी चारों और गुलाब की महक से हर भक्त प्रफुल्लित हो गया भक्तों की लम्बी कतारेलगी- जन जन के आराध्य श्री सॉवलिया सेठ की एक झलक पाने के लिए आतुर भक्तों की लम्बी लम्बी कतारे लगी हुईथी हर भक्त अपनी बारी की प्रतिक्षा करते हुए अपलक अपने अराध्य की छवि को अपने नैत्रों के माध्यम से आत्मा तकपहुॅचाने को आतुर लग रहा था श्री सॉवलियाजी की मनोहारी छवि दर्शनार्थी को देखने को मिली तो उसे देखकर हरभक्त अपने आप को धन्य धन्य कह उठा ।अश्व नृत्य और करतब- मंदिर के चैक में मालवी ढोल की थाप पर प्रशिक्षितअश्वों ने ऐसा मनभावन नृत्य किया कि दर्शक दांतो तले उंगलिया दबाने पर विवश हो गये और सेैकड़ो लोगो नेतालिया बजाकर अश्व पालको का उत्साहवद्र्वन किया इससे पूर्व शोभा यात्रा में भाग लेने आये 11 अश्वों ने श्री सॉवलियासेठ को नमन कर अपनी श्रृद्धा प्रकट करते हुए करतब प्रदर्शन में पारगंत होने की कामना की वही बाजोट पर अश्वों कानृत्य, अश्व पर पलंग रखकर चरवादार का नृत्य काफी मनमोहक था खुब हुई खरीददारी- श्री सॉवलियाजी के लक्खीमेले में देश के कौने कौने से आये श्रद्धालुओं ने खुब खरीददारी की किसी ने श्रंगार प्रसाधन लिये तो कई मेलार्थियों नेपूजा अर्चना की सामग्री, भजनो के केसेट, सॉवलियाजी की छवि, प्रसाद तो बच्चो ने अपने मन पसन्द खिलोने लेने मेंखूब रूचि ली। श्री कल्लाजी वेदपीठ की प्रदर्शनी में भीड़ उमडी- मेवाड के प्रसिद्ध श्री शेषावतार कल्लाजी वेद पीठकल्याण नगरी,निम्बाहेडा द्वारा स्थानीय गोवर्धन बस स्टेण्ड पर लगाई गयी प्रदर्शनी में दर्शकों की भीड उमड पडी इसप्रदर्शनी में प्रदर्शित वेदपीठ के 5 वर्ष के कार्यकाल में आयोजित धार्मिक अनुष्ठानों,ठाकुरजी के विविध स्वरूप ओरनिर्माणाधीन देश के प्रथम वैदिक विश्व विद्यालय के रंगीन छाया चित्र ओर चारों वेदों की प्राचीन शाखाओं तथा वर्तमानमें उपलब्ध शाखाओं को लेक्स के माध्यम से प्रदर्शित किया गया जिन्हें देखने में कई लोग गहरी रूची ले रहे थे मेले कासमापन समारोह रविवार को- श्री सॉवलिया सेठ के त्रिदिवसीय जलझूलनी एकादशी मेले को समापन समारोह रविवारको रात्रि 8.00 बजे प्रारम्भ होगा जिसमें निःशक्तजनों को मंदिर मण्डल की ओर से ट्राईसाइकिल वितरण करने के साथही मेले के दौरान श्रेष्ठ सेवाएॅ देने वालों को भी पुरूस्कृत किया जाएगा मंदिर परिसर के सामने वाले रंगमंच पर रात्रि 9.00 बजे डायनेमिक इन्वेन्ट,इन्दौर के नेतृत्व में मनभावन भजनों की सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किये जायेगें


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उमडा श्रद्धा का ज्वार

patrika News Chittorgarh
Sunday, 19 Sep 2010
भदेसर कृष्णधाम मण्डफिया स्थित भगवान सांवलिया सेठ के जलझूलनी एकादशी मेले में शनिवार को रथ यात्रा में श्रद्धा का ज्वार उमड पडा। रंग-गुलाल तथा गुलाब की पंखुडियों से सराबोर भक्त भगवान ने फाग खेली तथा भादवा में फाल्गुन का एहसास करवा दिया।

राजभोग आरती के बाद दोपहर 12 बजे मुख्य पुजारी केशवदास तथा ओसरा पुजारी कमलेशदास वैष्णव ने भगवान के बाल स्वरूप को सिंहासन में विराजित कर विशेष पूजा की। बाद में भगवान को रजत बेवाण में बिराजमान किया।

श्रद्धालु 'हाथी घोडा पालकी, जय कन्हैयालाल की' का उद्घोष करते हुए निकले। 12:15 बजे जैसे ही बाल स्वरूप को सिंहासन पर विराजित किया, आसपास का वातावरण थाली मांदल की थाप से गुंजायमान हो गया। श्रद्धालु नाचने लगे। बेवाण के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं ने सुरक्षा का घेरा तोड दिया।

भवन, मकान, घंटाघर, मन्दिर ही नहीं पेडों पर चढकर श्रद्धालुओं ने भगवान के दर्शन किए। इससे पूर्व सांवलिया सेठ की प्रतिमा को गुलाब व गंगा जल तथा इत्रों से स्नान कराया तथा स्वर्ण वागा पहनाकर सुन्दर झांकी सजाई गई। रथ यात्रा राधा कृष्ण मन्दिर, गढी का देवरा, कबूतर खाना पहुंची। रथ लवाजमे को छोड कर एक किलोमीटर दूर सांवलिया घाट पहुंचा। यहां पर पुजारी ने भगवान को जल में झुलाया तथा जलवा पूजन की विशेष आरती की। रात 8 बजे मन्दिर चौक रथ यात्रा सम्पन्न होने के रंगीन आतिशबाजी से नहा उठा।

तिरंगा फहराने वाले जेल में

समाचार :- राजस्थान पत्रिका
भदेसर। श्रीसांवलिया जी के तीन दिवसीय झलझुलनी एकादशी मेले के पहले दिन शुक्रवार रात रेफरल चिकित्सालय के मंच पर आयोजित अखिल भारतीय कवि सम्मेलन खूब जमा। मध्यप्रदेश के कवि सुरेश बैरागी ने भोपाल गैस त्रासदी पर 'रोते सिसयाते बच्चों के मां-बाप ढूंढने आया हंू, तब प्रशासन कहां सोया था यह पूछने आया हूं' पेश कर श्रोताओं को गैस काण्ड की काली रात याद ताजा कर दी।

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सम्मेलन की शुरूआत कवयित्री अन्नु सपन्न ने सरस्वती वंदना 'हाथ जोड अपना शिश नवाऊं हाथ जोड' कविता सेकी। चित्तौडगढ के नवीन सारथी ने 'बलिदानों की धरती है यह, वीरों को जन्म दिया करते है', 'गौरव मान दियाधरती ने, शिश कट जाए झूकता नहीं' से श्रोताओं में जोश भर दिया।

रवीन्द्र जानी ने शत्रु से संघर्ष में हार नहीं मानी, कवयित्री शालिनीसरगम ने 'आपके शहर में प्यार लेकर आई हूं', शंकर सुखवाल नेसरपंचोे पर 'जिनके पास कल तक साइकिल भी नहीं थी' कवितापेश कर खुब दाद लूटी। उदयपुर के अजातशत्रु ने नैन बिचनैनमिलाती है लडकी' 'बेचारा पुलिसवाला' तथा 'प्यारी मुझे कुर्सीलागे, मुझे दिलादे गणपति बप्पा मोरिया' व्यंगात्मक रचनाएं पेशकी। कवयित्री अन्नू ने गीत 'कोयल बोली कूंहूं-कूंहूं, बोले पपीहापूहूं-पूहूं' गजल 'आप बिना जिन्दगी यह गजल हो गई, आप मिलगए तो यह सरल हो गई', 'चली-चली रे पवन पुरवाई,' 'इस तरह मुझे आप मत देखिए, भाव सूची नहीं बाजार की' सेतालियां बटोरी। धचक मुलतानी ने पैरोडियों से हास्य की चुटकियां ली।

उन्होंने 'दागी मंत्री घूम रहे है रेल में, तिरंगा फहराने वाले जा रहे जेल में', 'बेटी जैसी बहु जलाई जाती है तबकुछ-कुछ होता है' तथा 'देश का कानून चवन्नी में बिक गया' पेश की। मुम्बई के कवि ने 'अब की बार युद्ध हुआमतो इस्लामाबाद में तिरंगा गाड देंगे,' 'आओ हम सब मिलकर बोले भारत माता की जय' से वीर रस उडेला।

आगरा की मंजू दीक्षित ने वृद्ध मां-बाप को बेसहारा छोडने वालों पर 'आश्रमों में लाकर छोड जाते है' तथा शराब कीखातिर पिता के पुत्री को बेचने पर एक पुत्री का मां को पत्र 'पत्र में अपनी कहानी लिख रही लली' कविताएं पेश की।संचालक सुरेश बैरागी ने भी कृष्ण मीरां पर छंद से शुरूआत की। सम्मेलन के मुख्य अतिथि पूर्व सांसद श्रीचंदकृपलानी थे। विशिष्ट अतिथि डेयरी चेयरमैन बद्रीलाल जाट पूर्व विधायक अर्जुनलाल जीनगर थे। मंदिर मण्डलके मुख्य निष्पादन अघिकारी अतिरिक्त कलक्टर अवधेशसिंह, मण्डल अध्यक्ष कन्हैयादास आदि ने अतिथियों कवियों का अभिनन्दन किया। सम्मेलन के दौरान फडकों का प्रकोप रहा। श्रोता इससे परेशान रहे।

मेरे मन मंदिर में


जब से बसा लिया मन, सांवरिया तेरी गली में |
पी लिया अमृत मैने, तेरी बांसुरी की धुन में ||

तोड़ दिए है मैने सारे नाते, इस बैरी जग के |
अब जाओ मनमोहन, मेरे मन मंदिर में |


:-Shekhar Kumawat

नंद के आनंद भयो...

Bhaskar & patrika News Chittorgarh
03 सितम्बर 2010,
भदेसर. प्रख्यात कृष्णधाम श्री सांवलियाजी मन्दिर में जन्माष्टमी पर्व पर बुधवार मध्य रात्रि में भगवान की जन्मकीझांकी के दर्शन पाने के लिए श्रद्धालुओं का सैलाब उमड पडा। मन्दिर परिसर ने गोकुल, वृंदावन का आभास करादिया।प्रात: से ही मन्दिर में दर्शन के लिए श्रद्धालुओं का पहुंचना शुरू हो गया था। मन्दिर के सामने कई बार कतारेंलग गई।मध्यरात्रि में मन्दिर के दोनों ही प्रवेश द्वारो पर हजारों कीसंख्या में श्रद्धालुओ की भीड जमा थी। इनश्रद्धालुओं में पैदलयात्री भी थे।
रात 12 बजे मंदिर के प्रवेश द्वार खुले तो श्रद्धालुओं का सैलाब उमड पडा। मुख्य मन्दिर में भगवान कृष्ण के जन्म के बाद बाल स्वरूप प्रतिमा को स्नान, सुगंघित इत्र का छिडकाव कर भगवान सांवलिया सेठ की प्रतिमा को बाल स्वरूप के वस्त्र धारण करवाकर मुख्य मन्दिर के कपाट खुले तो हाथी घोडा पालकी, जय कन्हैयालाल की जयकारो से मंदिर गूंज उठा। इस दौरान आधे घंटे की विशेष आरती की गई। बाद में पंजेरी व पंचामृत का प्रसाद वितरित किया गया। पूरे मन्दिर को आम, केले के पत्तो एवं बनावटी फूलों से सजाया गया। बाहरी क्षेत्र में आकर्षक विद्युत सज्ाा की गई। प्राकट्य स्थल मन्दिर में बडी संख्या में श्रद्धालुओं ने महा आरती में भाग लिया। भदेसर में गुरूवार को चारभुजा व लक्ष्मीनाथ मन्दिर की आकर्षक सजावट की गई। मण्डफिया में दूसरे दिन भी श्रद्धालुओं की भीड रही। इधर, मंडफिया में सांवलियाजी मित्र मण्डल इन्दौर द्वारा आयोजित भजन संध्या में जगदीश वैष्णव ने भजन की प्रस्तुति देकर भक्ति रस में डूबोए रखा। प्राकट्य स्थल मन्दिर के मंच पर न्यू राजस्थान आर्केस्ट्रा द्वारा भजनों की नृत्य के साथ प्रस्तुति से श्रोताओं को मंत्र मुग्ध कर दिया।

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शेखर कुमावत

जन्माष्टमी की आप सभी को बहुत बहुत बधाई

नमस्कार ,

जन्माष्टमी की आप सभी को बहुत बहुत बधाई

इस मोके पर आप सभी के लिए श्री सांवरिया सेठ चालीसा (सांवरा सेठ चालीसा ) भगवन श्री कृष्ण आप सभी की मनोकामना पूरी करे |

जय श्री कृष्ण * जय सांवरा सेठ *


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झुमने के लिये सारी रात कम पड़ गई विनोद अग्रवाल जी के भजनों पर

"क्यूँ कर रो रहा है गोविन्द की गली में "
भजन से अपने धमाकेदार भजनों की शुरुआत की और पांडाल में बैठा कोई भी ऐसा शक्स बाकी नहीं रहा जो भजन संध्या में एक भी बार नाचा ना हो विनोद जी की आवाज में वाकई में वो जादुई करिश्मा है जिसे सुन कर इन्सान झुमने को मजबूर हो जाता है, 12/July/2010 को श्री सवालिया जी मंदिर प्रांगण में एक भजन संध्या का आयोजन रखा गया जिसमे से श्री विनोद जी द्वारा भाव प्रवाह किया गया , वहां के कुछ फोटो आप के लिये


















भजन संध्या के बीच कवि "अमृतवाणी" द्वारा स्वरचित पुस्तक " सांवरा सेठ चालीसा " विनोद अग्रवाल जी को भेट करते हुए






































:- "शेखर कुमावत "

सांवलिया मंदिर में श्रद्धा का सैलाब

मण्डफिया, १५ मार्च (प्रासं)। मेवाड़ के प्रसिद्ध तीर्थस्थल भगवान सांवलियाजी मंदिर में सोमवती अमावस्या का दो दिवसीय मेला हर्षोल्लास के साथ सम्पन्न हुआ। इस मौके पर प्रात: मंगला आरती में सैंकड़ों लोगों ने भगवान के दर्शन किए।
मेले के प्रथम दिन रविवार को भगवान का भण्डार खोला गया। मेले में दूर-दराज के हजारों लोगों ने शिरकत की। इस मौके पर मंदिर अध्यक्ष कन्हैयालाल वैष्णव, अतिरिक्त कलेक्टर (प्रशासन) डी.सी. जैन, बोर्ड सदस्य सत्यनारायण शर्मा, पूर्व सरपंच हजारीदास वैष्णव, प्रशासनिक अधिकारी भगवानलाल चतुर्वेदी, केशियर नंदकिशोर टेलर सहित अन्य उपस्थित थे। अमावस्या सांय ब्रह्मभोज का आयोजन हुआ।

सांवलिया मंदिर में फूल डोल महोत्सव

मण्डफिया, २ मार्च. (प्रासं)।  राजस्थान के प्रमुख तीर्थ स्थल भगवान श्री सांवलियाजी मन्दिर में फूलडोल महोत्सव धूमधाम से मनाया गया। रात्रि १० बजे मन्दिर में होली का फाग खेला गया जिसमें सैकड़ों लोगों ने गुलाल अबीर केशर और केशरिया रंगों से भगवान संग होली खेलने का आनन्द लिया। इस मौके का दृश्य बड़ा ही मनोरम लग रहा था। इस मौके पर मन्दिर अध्यक्ष कन्हैयालाल वैष्णव, पूर्व सरपंच हजारीदास वैष्णव, प्रशासनिक अधिकारी भगवानलाल चतुर्वेदी, मजदूर संघ के तहसील संयोजक चतरसिंह सोलंकी सहित सैकड़ों ग्रामीणजन एवं बाहर से आए दर्शनार्थी उपस्थित थे। फागोत्सव के बाद रात्रि को मीठी पकोड़ी बांटी गई। इससे पूर्व सायं देवकी धर्मशाला में परम्परागत ब्रह्मभोज हुआ, जिसमें सभी भक्तों ने प्रेम पूर्वक भोजन ग्रहण किया।

सांवलिया मंदिर में फूल डोल महोत्सव

Bhaskar News Chittorgarh
मण्डफिया, २ मार्च. (प्रासं)। राजस्थान के प्रमुख तीर्थ स्थल भगवान श्री सांवलियाजी मन्दिर में फूलडोल महोत्सव धूमधाम से मनाया गया। रात्रि १० बजे मन्दिर में होली का फाग खेला गया जिसमें सैकड़ों लोगों ने गुलाल अबीर केशर और केशरिया रंगों से भगवान संग होली खेलने का आनन्द लिया। इस मौके का दृश्य बड़ा ही मनोरम लग रहा था। इस मौके पर मन्दिर अध्यक्ष कन्हैयालाल वैष्णव, पूर्व सरपंच हजारीदास वैष्णव, प्रशासनिक अधिकारी भगवानलाल चतुर्वेदी, मजदूर संघ के तहसील संयोजक चतरसिंह सोलंकी सहित सैकड़ों ग्रामीणजन एवं बाहर से आए दर्शनार्थी उपस्थित थे। फागोत्सव के बाद रात्रि को मीठी पकोड़ी बांटी गई। इससे पूर्व सायं देवकी धर्मशाला में परम्परागत ब्रह्मभोज हुआ, जिसमें सभी भक्तों ने प्रेम पूर्वक भोजन ग्रहण किया।

अमावस्या का दो दिवसीय मेला संपन्न

मण्डफिया, १४ फर. (प्रासं.)। राज्य के प्रमुख तीर्थस्थल भगवान सांवलियाजी मंदिर में अमावस्या का दो दिवसीय मेला रविवार को हर्षोल्लास के साथ संपन्न हुआ।
मेले में शनिवार देर रात्रि तक भजन-कीर्तन एवं मारवाड़ी खेल के कार्यक्रम चले। रविवार को सुबह मंगला आरती में हजारों श्रद्धालुओं ने भाग लिया। दो दिवसीय इस मेले में हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने भाग लिया। वहीं शनि अमावस्या होने के कारण शनि महाराज की ओर जाने वाले श्रद्धालुओं ने भी इस मेले में भाग लिया। हर बार चौदस को खोला जाने वाला विशाल भंडार नहीं खोला गया। बताया गया कि परंपरागत यह भण्डार आगामी होली के मौके पर ही खोला जाएगा।
इस अवसर पर मंदिर चैयरमेन एवं स्थानीय सरपंच कन्हैयालाल वैष्णव, हजारीदास वैष्णव, एडीएम दिनेश चन्द्र जैन, प्रशासनिक अधिकारी भगवानलाल चतुर्वेदी, सहायक लेखाधिकारी किशनलाल शर्मा सहित अनेक श्रद्धालु उपस्थित थे।

केसे पहुचे सांवलिया जी


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HOW TO REACH

1. BY ROAD :

CHITTORGARH TO SANWALIA JI VIA BHADSODA CROSS ROAD

40 KM.

UDAIPUR TO SANWALIA JI VIA BHADSODA CROSS ROAD

87 KM.

MANDASOUR TO SANWALIA JI VIA NEEMUCH, NIMBAHERA

122 KM.

CHITTORGARH TO SANWALIA JI VIA AWARI MATA JI

45 KM.

KOTA TO SANWALIA JI VIA BHASODA CROSS ROADS.

218 KM.

KAPASAN TO SANWALIA JI VIA BHADSODA CROSS ROADS.

32 KM.

NATHDWARA TO SANWALIA JI.

115 KM.

2. BY RAILROAD :
TRAINS FROM DELHI , JAIPUR AND KOTA TO CHITTORGARH
TRAINS FROM INDORE, UJJAIN, KHANDAWA AND RATLAM TO NIMBAHERA
NOTE : FROM CHITTORGARH AND NIMBAHERA BUSES ARE AVAILABLE FOR SHRI SANWALIA JI
3. BY AIR :
FLIGHTS FROM DELHI AND MUMBAI TO DABOK (UDAIPUR)
NOTE : FROM DABOK (UDAIPUR) BUSES ARE AVAILABLE FOR SHRI SANWALIAJI

कहते हे ना एक से भले दो

कहते हे ना एक से भले दो

सही हे एक वक्त था जब में अकेला श्री सांवलिया जी के ब्लॉग पर काम करता था किन्तु आज मुझे ये देख कर बहुत खुसी हुई की एक सज्जन भाई ने श्री सांवलिया सेठ पर एक नई और अत्याधुनिक वेब साईट बनाई जिस में श्री सांवलिया से सम्बंधित कई प्रकार की जानकारिया दी जा रही हें इस साईट पर जाने के लिए आप http://www.shreesanwaliyaji.com
यहाँ क्लिक करे

आशा हे भाई भविष्य में भी हम इसी प्रकार कई जानकारिय भक्त जनों को उपलब्ध करते रहेंगे |

भाई को बहुत बहुत बधाई |

शेखर कुमावत

श्री सांवलिया सेठ की कथा




दिनभर रहा दर्शन का इंतजार


मण्डफिया। प्रख्यात कृष्णधाम सांवलियाजी मन्दिर में सूर्य ग्रहण की समाप्ति के बाद भगवान के दर्शन करने के लिए श्रद्धालुओं की भारी भीड उमड पडी। अमावस्या के मासिक मेले की वजह से दिन भर श्रद्धालु मन्दिर के कपाट खुलने के इन्तजार में रहे।

भगवान संावलिया सेठ के मन्दिर में मासिक अमावस्या मेला होने के कारण वैसे तो श्रद्धालुओं का आने का क्रम धूप खिलने के साथ जारी था। इधर सुतक का प्रभाव होने के बाद अपरान्ह 3:15 बजे भगवान के मुख्य मन्दिर तथा पूरे मन्दिर परिसर को गंगा जल से धोया गया। बाद में भगवान सांवलिया सेठ की प्रतिमा को भी स्त्रान करा कर शृंगार कराया गया। भगवान सांवलियाजी के अमावस्या के भण्डारे की प्रसादी भी सुतक का प्रभाव समाप्त होने के बाद सायं चार बजे से कार्य आरम्भ हो पाया तथा प्रसाद वितरण का कार्यक्रम सायं सात बजे बाद आरम्भ हो पाया। इधर, प्राकट्य स्थल मन्दिर में भी 4 बजे बाद भगवान के दर्शन शुरू हो पाए, जबकि यहां पर भी प्रसादी का कार्य देरी से आरम्भ हुआ।

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