सांवलियाजी में सजी छप्पन भोग की झांकी
कृष्णधाम सांवलियाजी में रविवार को सांवलिया सेठ का विशेष शृंगार करने के साथ ही विभिन्न आयोजन हुए। इसमें भाग लेने के लिए मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं कतार लग गई।
रविवार सुबह पुजारी नारायणदास ने भगवान को गंगाजल से स्नान करवाकर नवीन वस्त्र धारण करवाए। इधर कलकत्तावासी एक श्रद्धालु किशनगोपाल मोहता ने छप्पन भोग की झांकी सजाई। मंदिर मंडल के प्रशासनिक अधिकारी किशन शर्मा ने बताया कि श्रद्धालु परिवार द्वारा मंदिर के विभिन्न द्वारों को पुष्प गुच्छों व मालाओं से सजाया कर श्रीकृष्ण के विभिन्न रूपों के चित्र लगाए गए।
निम्बाहेड़ा की अंबामाता सेवा समिति के सदस्य इस वर्ष भी पदयात्रा कर सांवलियाजी के दर्शन किए। सुबह राजभोग आरती से पूर्व ही पूर्व सांसद श्रीचंद कृपलानी, पूर्व विधायक अशोक नवलखा सहित समिति अध्यक्ष चैनसिंह व सदस्यों ने सांवलिया सेठ के दर्शन किए।
सांवलिया सेठ मन्दिर में आने वाले जगन्नाथ पहले राष्ट्रपति
राष्ट्रपति अनिरूद्ध जगन्नाथ ने सुबह 11:20 बजे सांवलियाजी पहुंचे जहां पर जिला कलक्टर आरूषि मलिक, मन्दिर मण्डल के मुख्य निष्पादन अघिकारी अवधेशसिंह, तहसीलदार घनश्याम शर्मा व मन्दिर मण्डल अध्यक्ष कन्हैयादास वैष्णव ने उनकी अगुवानी की। मन्दिर में राजभोग झांकी के दर्शन किए, इस अवसर पर मन्दिर के ओसरा पुजारी चुन्नीदास वैष्णव ने उन्हे उपन्ना, छवि व प्रसाद भेंट किया।
जगन्नाथ ने मॉरिशस के खुशहाली की कामना की। मन्दिर दर्शन के बाद जगन्नाथ ने सांवलियाजी मन्दिर की विजिट बुक में अपनी यात्रा व दर्शन के सम्बन्ध में खुशी जाहिर की। अब-तक किसी भी राष्ट्राध्यक्ष ने यहां के दर्शन नहीं किए है।
सांवलियाजी मंदिर को सुरक्षा की दरकार
लाखों श्रद्धालुओं की आस्था के केन्द्र करोड़पति श्रीसांवलिया सेठ के मंदिर व नगरी को पर्याप्त सुरक्षा की दरकार है। सुरक्षा के नाम पर अंगुलियों की पोरों पर गिनने लायक पुलिसकर्मी और सुरक्षाकर्मी सांवरे के धाम की बढ़ती महिमा के अनुरुप अपर्याप्त हैं।
श्रीसांवलियाजी के मंदिर में औसतन १०-१५ हजार दर्शनार्थी रोजाना आते हैं। इनमें से करीब १० प्रतिशत का रात्रि विश्राम यहीं होता है। सांवलियाजी की महिमा दिन दोगुनी-रात चौगुनी बढ़ रही है। इससे उनके श्रद्धालुओं और चढ़ावे की राशि में भी उसी अनुरुप इजाफा हो रहा है। इसके अलावा यहां जलझूलनी एकादशी पर तीन दिवासीय समेत हर महीने दो दिवसीय मेला भरता है, जिसमें हजारों श्रद्धालुओं की अतिरिक्त आवक होती है। सांवलियाजी के भंडार से निकली राशि की गणना के दौरान अब तक कई बार गणना में लगे कर्मचारियों द्वारा रुपए चुराने की घटनाएं हो चुकी हैं।
कस्बे व मंदिर की पुलिस सुरक्षा के नाम पर यहां पुलिस चौकी स्थापित है, जिसमें हाल ही में यहां एक सब इंस्पेक्टर राकेशकुमार जोशी की नियुक्ति की गई। वर्तमान में यहां एक एसआई के अलावा पांच कांस्टेबल तैनात हैं। चौकी में वायरलैस, टेलीफोन व एक सरकारी मोटरसाइकिल है, लेकिन जीप नहीं है। कस्बे की करीब पांच हजार आबादी व मंदिर की सुरक्षा के मद्देनजर इस चौकी पर एक सब इंस्पेक्टर, एक एएसआई व एक हैडकांस्टेबल समेत सात कांस्टेबलों की आवश्यकता है, जिनमें कम से कम तीन महिला पुलिसकर्मी हो। साथ ही चौकी पर चौपहिया वाहन तथा अत्याधुनिक तकनीक के हथियार मिलेें।
दूसरी ओर, मंदिर मंडल प्रशासन का कहना है कि उनकी ओर से यहां एक सुरक्षा अधिकारी व ३२ सुरक्षा गार्ड नियुक्त हैं। सुरक्षाकर्मियों के पास तीन १२ बोर बंदूक रहती हैं। आठ वाकीटाकी सुरक्षा अधिकारी व कंट्रोल रूम समेत हर दरवाजे पर तैनात सुरक्षाकर्मी के पास रहते हैं। चार डोर फे्रम मेटल डिटेक्टर व आठ हैंड मेटल डिटेक्टर हैं, जिनसे मंदिर में जाने वाले श्रद्धालुओं की जांच की जाती है, वहीं मंदिर के कोने-कोने में १२ क्लोज सर्किट कैमरे हर समय चालू रहते हैं। मंदिर मंडल की ओर से नियुक्त गार्डों का कोई प्रशिक्षण नहीं होता। इनके पास अत्याधुनिक हथियारों व नए संचार साधनों का अभाव है।
मंदिर प्रशासन का कहना है कि जिस प्रकार राज्य सरकार ने श्रीनाथजी मंदिर नाथद्वारा को सुरक्षा के लिए राशि उपलब्ध कराई है, वैसे ही सांवलियाजी मंदिर की सुरक्षा के लिए राशि व अन्य साधन उपलब्ध कराए।
सामानघर नहीं, संदिग्ध वस्तु अंदर जाने का खतरा
दर्शनार्थियों के बैग या अन्य सामान रखवाने के लिए सामानघर (क्लार्करूम) का अभाव है। हालांकि सुरक्षाकर्मी दरवाजे पर श्रद्धालुओं के पास मौजूद बैग, सामान से रोकते हैं, पर इसमें सख्ती नहीं है।
नफरी को तरसती है पुलिस चौकी
बताया गया कि सांवलियाजी पुलिस चौकी पर एक एसआई तथा एएसआई या हैडकांस्टेबल के अलावा आठ कांस्टेबल की नियुक्ति करीब दो-तीन साल से प्रस्तावित है। इसके मुकाबले यहां एक एसआई व पांच कांस्टेबल हीतैनात हैं। कई विशेष मौकों पर चौकी के स्टाफ को भी भादसोड़ा थाने या जिला मुख्यालय पर बुला लेने से स्टाफ की कमी बनी रहती है।
सीआईडी यूनिट स्थापना : पूर्व डीजीपी ने स्वीकारा, मौजूदा ने नकारा
सांवलियाजी मंदिर वीआईपी श्रेणी का है। इसके मद्देनजर राज्य सरकार की ओर से यहां सीआईडी यूनिट की स्थापना प्रस्तावित है। करीब ढाई-पौने तीन साल पहले तत्कालीन पुलिस महानिदेशक ए.एस. गिल के सांवलियाजी दौरे के बाद से इसकी चर्चा चल रही है, मगर अभी तक इस संबंध में कोई कार्रवाई शुरू नहीं हो पाई। खुद गिल ने सीआईडी यूनिट की जरुरत स्वीकार की थी। बताया गया कि सीआईडी यूनिट में एक सब इंस्पेक्टर, एक हैडकांस्टेबल व तीन कांस्टेबल की नियुक्ति की जा सकती है। इधर, हाल ही में चित्तौडग़ढ़ दौरे पर आए राज्य के पुलिस महानिदेशक हरीशचंद्र मीणा ने सीआईडी यूनिट के विचाराधीन प्रस्ताव की बात को ही साफ नकार दिया।
श्री सॉवलिया सेठ की भव्य रजत रथ यात्रा में अपार जनसैलाब उमड़ा
उमडा श्रद्धा का ज्वार
Sunday, 19 Sep 2010
भदेसर । कृष्णधाम मण्डफिया स्थित भगवान सांवलिया सेठ के जलझूलनी एकादशी मेले में शनिवार को रथ यात्रा में श्रद्धा का ज्वार उमड पडा। रंग-गुलाल तथा गुलाब की पंखुडियों से सराबोर भक्त व भगवान ने फाग खेली तथा भादवा में फाल्गुन का एहसास करवा दिया।
राजभोग आरती के बाद दोपहर 12 बजे मुख्य पुजारी केशवदास तथा ओसरा पुजारी कमलेशदास वैष्णव ने भगवान के बाल स्वरूप को सिंहासन में विराजित कर विशेष पूजा की। बाद में भगवान को रजत बेवाण में बिराजमान किया।
श्रद्धालु 'हाथी घोडा पालकी, जय कन्हैयालाल की' का उद्घोष करते हुए निकले। 12:15 बजे जैसे ही बाल स्वरूप को सिंहासन पर विराजित किया, आसपास का वातावरण थाली मांदल की थाप से गुंजायमान हो गया। श्रद्धालु नाचने लगे। बेवाण के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं ने सुरक्षा का घेरा तोड दिया।
भवन, मकान, घंटाघर, मन्दिर ही नहीं पेडों पर चढकर श्रद्धालुओं ने भगवान के दर्शन किए। इससे पूर्व सांवलिया सेठ की प्रतिमा को गुलाब व गंगा जल तथा इत्रों से स्नान कराया तथा स्वर्ण वागा पहनाकर सुन्दर झांकी सजाई गई। रथ यात्रा राधा कृष्ण मन्दिर, गढी का देवरा, कबूतर खाना पहुंची। रथ लवाजमे को छोड कर एक किलोमीटर दूर सांवलिया घाट पहुंचा। यहां पर पुजारी ने भगवान को जल में झुलाया तथा जलवा पूजन की विशेष आरती की। रात 8 बजे मन्दिर चौक रथ यात्रा सम्पन्न होने के रंगीन आतिशबाजी से नहा उठा।
तिरंगा फहराने वाले जेल में
भदेसर। श्रीसांवलिया जी के तीन दिवसीय झलझुलनी एकादशी मेले के पहले दिन शुक्रवार रात रेफरल चिकित्सालय के मंच पर आयोजित अखिल भारतीय कवि सम्मेलन खूब जमा। मध्यप्रदेश के कवि सुरेश बैरागी ने भोपाल गैस त्रासदी पर 'रोते सिसयाते बच्चों के मां-बाप ढूंढने आया हंू, तब प्रशासन कहां सोया था यह पूछने आया हूं' पेश कर श्रोताओं को गैस काण्ड की काली रात याद ताजा कर दी।
सम्मेलन की शुरूआत कवयित्री अन्नु सपन्न ने सरस्वती वंदना 'हाथ जोड अपना शिश नवाऊं हाथ जोड' कविता सेकी। चित्तौडगढ के नवीन सारथी ने 'बलिदानों की धरती है यह, वीरों को जन्म दिया करते है', 'गौरव मान दियाधरती ने, शिश कट जाए झूकता नहीं' से श्रोताओं में जोश भर दिया।
रवीन्द्र जानी ने शत्रु से संघर्ष में हार नहीं मानी, कवयित्री शालिनीसरगम ने 'आपके शहर में प्यार लेकर आई हूं', शंकर सुखवाल नेसरपंचोे पर 'जिनके पास कल तक साइकिल भी नहीं थी' कवितापेश कर खुब दाद लूटी। उदयपुर के अजातशत्रु ने नैन बिचनैनमिलाती है लडकी' 'बेचारा पुलिसवाला' तथा 'प्यारी मुझे कुर्सीलागे, मुझे दिलादे गणपति बप्पा मोरिया' व्यंगात्मक रचनाएं पेशकी। कवयित्री अन्नू ने गीत 'कोयल बोली कूंहूं-कूंहूं, बोले पपीहापूहूं-पूहूं' गजल 'आप बिना जिन्दगी यह गजल हो गई, आप मिलगए तो यह सरल हो गई', 'चली-चली रे पवन पुरवाई,' 'इस तरह मुझे आप मत देखिए, भाव सूची नहीं बाजार की' सेतालियां बटोरी। धचक मुलतानी ने पैरोडियों से हास्य की चुटकियां ली।
उन्होंने 'दागी मंत्री घूम रहे है रेल में, तिरंगा फहराने वाले जा रहे जेल में', 'बेटी जैसी बहु जलाई जाती है तबकुछ-कुछ होता है' तथा 'देश का कानून चवन्नी में बिक गया' पेश की। मुम्बई के कवि ने 'अब की बार युद्ध हुआमतो इस्लामाबाद में तिरंगा गाड देंगे,' व 'आओ हम सब मिलकर बोले भारत माता की जय' से वीर रस उडेला।
आगरा की मंजू दीक्षित ने वृद्ध मां-बाप को बेसहारा छोडने वालों पर 'आश्रमों में लाकर छोड जाते है' तथा शराब कीखातिर पिता के पुत्री को बेचने पर एक पुत्री का मां को पत्र 'पत्र में अपनी कहानी लिख रही लली' कविताएं पेश की।संचालक सुरेश बैरागी ने भी कृष्ण व मीरां पर छंद से शुरूआत की। सम्मेलन के मुख्य अतिथि पूर्व सांसद श्रीचंदकृपलानी थे। विशिष्ट अतिथि डेयरी चेयरमैन बद्रीलाल जाट व पूर्व विधायक अर्जुनलाल जीनगर थे। मंदिर मण्डलके मुख्य निष्पादन अघिकारी अतिरिक्त कलक्टर अवधेशसिंह, मण्डल अध्यक्ष कन्हैयादास आदि ने अतिथियों वकवियों का अभिनन्दन किया। सम्मेलन के दौरान फडकों का प्रकोप रहा। श्रोता इससे परेशान रहे।
नंद के आनंद भयो...
Bhaskar & patrika News Chittorgarh |
जन्माष्टमी की आप सभी को बहुत बहुत बधाई
नमस्कार ,
जन्माष्टमी की आप सभी को बहुत बहुत बधाई
इस मोके पर आप सभी के लिए श्री सांवरिया सेठ चालीसा (सांवरा सेठ चालीसा ) भगवन श्री कृष्ण आप सभी की मनोकामना पूरी करे |
जय श्री कृष्ण * जय सांवरा सेठ *
झुमने के लिये सारी रात कम पड़ गई विनोद अग्रवाल जी के भजनों पर
भजन से अपने धमाकेदार भजनों की शुरुआत की और पांडाल में बैठा कोई भी ऐसा शक्स बाकी नहीं रहा जो भजन संध्या में एक भी बार नाचा ना हो विनोद जी की आवाज में वाकई में वो जादुई करिश्मा है जिसे सुन कर इन्सान झुमने को मजबूर हो जाता है, 12/July/2010 को श्री सवालिया जी मंदिर प्रांगण में एक भजन संध्या का आयोजन रखा गया जिसमे से श्री विनोद जी द्वारा भाव प्रवाह किया गया , वहां के कुछ फोटो आप के लिये
:- "शेखर कुमावत "
सांवलिया मंदिर में श्रद्धा का सैलाब
मेले के प्रथम दिन रविवार को भगवान का भण्डार खोला गया। मेले में दूर-दराज के हजारों लोगों ने शिरकत की। इस मौके पर मंदिर अध्यक्ष कन्हैयालाल वैष्णव, अतिरिक्त कलेक्टर (प्रशासन) डी.सी. जैन, बोर्ड सदस्य सत्यनारायण शर्मा, पूर्व सरपंच हजारीदास वैष्णव, प्रशासनिक अधिकारी भगवानलाल चतुर्वेदी, केशियर नंदकिशोर टेलर सहित अन्य उपस्थित थे। अमावस्या सांय ब्रह्मभोज का आयोजन हुआ।
सांवलिया मंदिर में फूल डोल महोत्सव
सांवलिया मंदिर में फूल डोल महोत्सव
मण्डफिया, २ मार्च. (प्रासं)। राजस्थान के प्रमुख तीर्थ स्थल भगवान श्री सांवलियाजी मन्दिर में फूलडोल महोत्सव धूमधाम से मनाया गया। रात्रि १० बजे मन्दिर में होली का फाग खेला गया जिसमें सैकड़ों लोगों ने गुलाल अबीर केशर और केशरिया रंगों से भगवान संग होली खेलने का आनन्द लिया। इस मौके का दृश्य बड़ा ही मनोरम लग रहा था। इस मौके पर मन्दिर अध्यक्ष कन्हैयालाल वैष्णव, पूर्व सरपंच हजारीदास वैष्णव, प्रशासनिक अधिकारी भगवानलाल चतुर्वेदी, मजदूर संघ के तहसील संयोजक चतरसिंह सोलंकी सहित सैकड़ों ग्रामीणजन एवं बाहर से आए दर्शनार्थी उपस्थित थे। फागोत्सव के बाद रात्रि को मीठी पकोड़ी बांटी गई। इससे पूर्व सायं देवकी धर्मशाला में परम्परागत ब्रह्मभोज हुआ, जिसमें सभी भक्तों ने प्रेम पूर्वक भोजन ग्रहण किया।
अमावस्या का दो दिवसीय मेला संपन्न
मेले में शनिवार देर रात्रि तक भजन-कीर्तन एवं मारवाड़ी खेल के कार्यक्रम चले। रविवार को सुबह मंगला आरती में हजारों श्रद्धालुओं ने भाग लिया। दो दिवसीय इस मेले में हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने भाग लिया। वहीं शनि अमावस्या होने के कारण शनि महाराज की ओर जाने वाले श्रद्धालुओं ने भी इस मेले में भाग लिया। हर बार चौदस को खोला जाने वाला विशाल भंडार नहीं खोला गया। बताया गया कि परंपरागत यह भण्डार आगामी होली के मौके पर ही खोला जाएगा।
इस अवसर पर मंदिर चैयरमेन एवं स्थानीय सरपंच कन्हैयालाल वैष्णव, हजारीदास वैष्णव, एडीएम दिनेश चन्द्र जैन, प्रशासनिक अधिकारी भगवानलाल चतुर्वेदी, सहायक लेखाधिकारी किशनलाल शर्मा सहित अनेक श्रद्धालु उपस्थित थे।
केसे पहुचे सांवलिया जी
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HOW TO REACH
1. | BY ROAD : | |
CHITTORGARH TO SANWALIA JI VIA BHADSODA CROSS ROAD 40 KM. | ||
UDAIPUR TO SANWALIA JI VIA BHADSODA CROSS ROAD 87 KM. | ||
MANDASOUR TO SANWALIA JI VIA NEEMUCH, NIMBAHERA 122 KM. | ||
CHITTORGARH TO SANWALIA JI VIA AWARI MATA JI 45 KM. | ||
KOTA TO SANWALIA JI VIA BHASODA CROSS ROADS. 218 KM. | ||
KAPASAN TO SANWALIA JI VIA BHADSODA CROSS ROADS. 32 KM. | ||
NATHDWARA TO SANWALIA JI. 115 KM. | ||
2. | BY RAILROAD : | |
TRAINS FROM DELHI , JAIPUR AND KOTA TO CHITTORGARH | ||
TRAINS FROM INDORE, UJJAIN, KHANDAWA AND RATLAM TO NIMBAHERA | ||
NOTE : FROM CHITTORGARH AND NIMBAHERA BUSES ARE AVAILABLE FOR SHRI SANWALIA JI |
3. | BY AIR : | |
FLIGHTS FROM DELHI AND MUMBAI TO DABOK (UDAIPUR) | ||
NOTE : FROM DABOK (UDAIPUR) BUSES ARE AVAILABLE FOR SHRI SANWALIAJI |
कहते हे ना एक से भले दो
सही हे एक वक्त था जब में अकेला श्री सांवलिया जी के ब्लॉग पर काम करता था किन्तु आज मुझे ये देख कर बहुत खुसी हुई की एक सज्जन भाई ने श्री सांवलिया सेठ पर एक नई और अत्याधुनिक वेब साईट बनाई जिस में श्री सांवलिया से सम्बंधित कई प्रकार की जानकारिया दी जा रही हें इस साईट पर जाने के लिए आप http://www.shreesanwaliyaji.com
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आशा हे भाई भविष्य में भी हम इसी प्रकार कई जानकारिय भक्त जनों को उपलब्ध करते रहेंगे |
भाई को बहुत बहुत बधाई |
शेखर कुमावत
दिनभर रहा दर्शन का इंतजार
मण्डफिया। प्रख्यात कृष्णधाम सांवलियाजी मन्दिर में सूर्य ग्रहण की समाप्ति के बाद भगवान के दर्शन करने के लिए श्रद्धालुओं की भारी भीड उमड पडी। अमावस्या के मासिक मेले की वजह से दिन भर श्रद्धालु मन्दिर के कपाट खुलने के इन्तजार में रहे।
भगवान संावलिया सेठ के मन्दिर में मासिक अमावस्या मेला होने के कारण वैसे तो श्रद्धालुओं का आने का क्रम धूप खिलने के साथ जारी था। इधर सुतक का प्रभाव होने के बाद अपरान्ह 3:15 बजे भगवान के मुख्य मन्दिर तथा पूरे मन्दिर परिसर को गंगा जल से धोया गया। बाद में भगवान सांवलिया सेठ की प्रतिमा को भी स्त्रान करा कर शृंगार कराया गया। भगवान सांवलियाजी के अमावस्या के भण्डारे की प्रसादी भी सुतक का प्रभाव समाप्त होने के बाद सायं चार बजे से कार्य आरम्भ हो पाया तथा प्रसाद वितरण का कार्यक्रम सायं सात बजे बाद आरम्भ हो पाया। इधर, प्राकट्य स्थल मन्दिर में भी 4 बजे बाद भगवान के दर्शन शुरू हो पाए, जबकि यहां पर भी प्रसादी का कार्य देरी से आरम्भ हुआ।