Sunday, 19 Sep 2010
भदेसर । कृष्णधाम मण्डफिया स्थित भगवान सांवलिया सेठ के जलझूलनी एकादशी मेले में शनिवार को रथ यात्रा में श्रद्धा का ज्वार उमड पडा। रंग-गुलाल तथा गुलाब की पंखुडियों से सराबोर भक्त व भगवान ने फाग खेली तथा भादवा में फाल्गुन का एहसास करवा दिया।
राजभोग आरती के बाद दोपहर 12 बजे मुख्य पुजारी केशवदास तथा ओसरा पुजारी कमलेशदास वैष्णव ने भगवान के बाल स्वरूप को सिंहासन में विराजित कर विशेष पूजा की। बाद में भगवान को रजत बेवाण में बिराजमान किया।
श्रद्धालु 'हाथी घोडा पालकी, जय कन्हैयालाल की' का उद्घोष करते हुए निकले। 12:15 बजे जैसे ही बाल स्वरूप को सिंहासन पर विराजित किया, आसपास का वातावरण थाली मांदल की थाप से गुंजायमान हो गया। श्रद्धालु नाचने लगे। बेवाण के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं ने सुरक्षा का घेरा तोड दिया।
भवन, मकान, घंटाघर, मन्दिर ही नहीं पेडों पर चढकर श्रद्धालुओं ने भगवान के दर्शन किए। इससे पूर्व सांवलिया सेठ की प्रतिमा को गुलाब व गंगा जल तथा इत्रों से स्नान कराया तथा स्वर्ण वागा पहनाकर सुन्दर झांकी सजाई गई। रथ यात्रा राधा कृष्ण मन्दिर, गढी का देवरा, कबूतर खाना पहुंची। रथ लवाजमे को छोड कर एक किलोमीटर दूर सांवलिया घाट पहुंचा। यहां पर पुजारी ने भगवान को जल में झुलाया तथा जलवा पूजन की विशेष आरती की। रात 8 बजे मन्दिर चौक रथ यात्रा सम्पन्न होने के रंगीन आतिशबाजी से नहा उठा।
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