सात प्रकार के होंगे यज्ञ
महायज्ञ के दौरान सात प्रकार के यज्ञ कराए जाएंगे। इनमें अश्वमेघ, राजसूयी, लक्ष चंडी, इंद्र, देवनारायण, रुद्र तथा नवग्रह महायज्ञ हैं। अश्वमेघ यज्ञ के बाद सफेद घोड़े का पूजन कर छोड़ा जाएगा। अश्वमेघ यज्ञ प्रधान आचार्य डॉ. बद्रीनारायण पंचोली संपन्न कराएंगे।
यज्ञशाला पर खर्च होंगे सवा 11 लाख: सचिव गजराज सिंह कानावत ने बताया कि विश्व कल्याण के लिए होने वाले 55८ कुंडीय महायज्ञ में 11 लाख 11 हजार रुपए की लागत से यज्ञशाला तैयार की जा रही है। 60 हजार रुपए की लागत से चबूतरा निर्माण व सवा लाख रुपए की लागत से हवन कुंड तैयार कराए जा रहे हैं।
सांवलियाजी. पत्रकार वार्ता में महायज्ञ की जानकारी देते पदाधिकारी व उपस्थित खड़ेश्वरी महाराज।
कलशयात्रा के साथ होगा यज्ञ का शुभारंभ, भागवत कथा होगी, समापन पर सांवलिया सेठ की झांकी सजाकर भोग लगाया जाएगा
भास्कर न्यूज & सांवलियाजी
राष्ट्र में शांति, विश्व कल्याण व सुवृष्टि की कामना के लिए भीलवाड़ा के बैकुंठधाम मंदिर के संत खड़ेश्वरी महाराज के सानिध्य में नौ मई से 55८ कुंडीय महायज्ञ होगा। यज्ञ की पूर्णाहुति 17 मई को होगी। बाईपास पर बनाए गए यज्ञ नगर में महायज्ञ की तैयारी चल रही है जहां भव्य यज्ञशाला का निर्माण किया जा रहा है।
यज्ञ आयोजन समिति अध्यक्ष व मंडफिया सरपंच कन्हैया दास वैष्णव ने पत्रकार वार्ता में बताया कि नौ मई को कलशयात्रा व जुलूस के साथ महायज्ञ शुरू होगा। प्रतिदिन सुबह नौ से दो बजे तक यज्ञ में आहुतियां दी जाएंगी। महायज्ञ के प्रमुख आचार्य पंडित बद्रीनारायण पंचोली होंगे। वैष्णव ने बताया कि अश्वमेघ यज्ञ के लिए सफेद घोड़ा लाकर उसकी पूजा की जाएगी। महायज्ञ में दोपहर तीन बजे से शाम छह बजे तक बाल न्यास रसिक बिहारी महाराज के मुखारबिंद से भागवत कथा का वाचन होगा। यज्ञ में हवन के लिए बैठने वालों का पंजीकरण चल रहा है। नौ दिन तक घी की आहुति देने वाले यजमान जोड़े से 5100 तथा साकल्य की आहुति देने वाले जोड़े के लिए 2100 रुपए सहयोग राशि निर्धारित की गई है। यज्ञ में प्राप्त होने वाली सहयोग राशि में से शेष बचने वाली राशि को यज्ञ समापन के बाद गौशाला को दान स्वरूप दी जाएगी। महायज्ञ का समापन 17 मई पूर्णिमा को होगा। इस दिन भगवान सांवलिया सेठ की झांकी सजाकर छप्पन भोग लगाया जाएगा।
वैष्णव ने बताया कि महायज्ञ में प्रतिदिन लगभग 10 हजार लोगों के शामिल होने का अनुमान है। उसी के अनुसार तैयारियां की जा रही हैं। यज्ञकर्ताओं, यजमानों, पंडितों के साथ बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए भोजन प्रसादी की व्यवस्था यज्ञ नगर में की जाएगी। भोजनशाला का निर्माण रैफरल अस्पताल परिसर में होगा। जिले के अब तक के सबसे भव्य महायज्ञ आयोजन के लिए जिलेभर सहित आसपास के गांव, कस्बों के लोगों द्वारा तन, मन,धन से सहयोग किया जा रहा है। इस अवसर पर यज्ञ समिति मंत्री मोतीलाल तिवारी, सत्यनारायण शर्मा, मनोहर जैन, भगवानलाल सोनी, शंकरलाल जाट, रतनसिंह गंठेड़ी, केसरीमल साहू, सुनील लोढ़ा, शंकर शर्मा चित्तौडगढ़़ सहित कई लोग उपस्थित थे।
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