sri sanwalia ji mander

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लक्खा के भजनों पर झूम उठे श्रोता


प्रमुख तीर्थ स्थल भगवान श्री सांवलिया जी के त्रिदिवसीय मेले के दूसरे दिन एकादशी को यहां रेफरल चिकित्सालय प्रांगण में आयोजित मुम्बई के प्रख्यात भजन गायक लखबीर सिंह लक्खा की भजन संध्या देर रात्रि तक चली।
इससे पूर्व रात्रि ११ बजे मंदिर अध्यक्ष कन्हैयालाल वैष्णव एवं अतिरिक्त कलेक्टर एवं मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी बाबू लाल कोठारी ने लखबीर सिंह एवं उनके दल को उपरना ओढ़ा कर स्वागत किया। लखबीर सिंह की भजन संध्या रात्रि ११.३० बजे शुरू हुई। लक्खा ने ``ए मण्डफिया वाले तेरी जय'' के साथ कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए ``सांवलियो बैठो है जो लेनो है जो मांग लो'' सुनाया तो भक्त भी हाथ खड़े करते हुए नाचने लगे। दुसरे भजन में ``सांवलिया सेठ की शान मन को मोह लेने वाली'' धूम मची है की धुन में सुना कर भक्तों की वाही-वाही लूटी। लक्खा ने ``सेठों के सांवलियो मारे मन में भायो, इं दुनिया में कई सेठ यो जगत सेठ कहलायो'' सुनाया तो भक्त भी झूम उठे।
लक्खा ने सबसे सुन्दर भजन कृष्ण-सुदामा का प्रेम का सुनाया ``अरे द्वारपालों कन्हैया से कह दो, भटकते-भटकते तुम्हारे महल के करीब आ गया, ना सर पर है पगड़ी ना तन पर पाजामा भटकते-भटकते ये मेहमां कैसा अजीब आ गया।'' सुनाया तो श्रोता भाव विभोर हो उठे।
इस भजन प्रस्तुति के बाद लक्खा की शिष्या सुनिता वास्तव ने ``दर्शन दे सांवलिया सेठ'' सुनाया और मंच के नीचे उतर कर सुनिता ने कई महिलाऒं को भी नृत्य के लिए प्रेरित किया। लक्खा की दूसरी शिष्या रेणु चौधरी ने ``मैया-मैया रे, तेरो कन्हैयो री, फोड़ दी मटकी खा गयो माखन रे सुनाया। इस कार्यक्रम के बाद रात्रि ३.४५ बजे मुम्बई की किंकणी पार्टी द्वारा मारो राजस्थान कार्यक्रम के साथ भव्य भजन संध्या आयोजित हुई जो भौर ६ बजे तक चली ।
इससे पूर्व लक्खा की भजन संध्या में हनुमान जी, राधा कृष्ण एवं शिवजी का रूप धारण कर भजनों पर नृत्य कर सबका मन मोह लिया।

सांवलिया जी मंदिर में एक करोड का चढावा



मंडफिया, प्रमुख तीर्थ स्थल भगवान श्री सांवलियाजी का विशाल भंडार चौदस को खोला गया, जिसमें 93 लाख 31 हजार 4॰4 रूपए नकद प्राप्त हुए।
मंदिर बोर्ड अध्यक्ष कन्हैयालाल वैष्णव ने बताया कि नकदी के अलावा 16 ग्राम 5॰॰ ग्राम सोना व 115॰ ग्राम चांदी प्राप्त हुई। विभिन्न स्थानों से भक्तों ने मनिऑर्डर भेजकर एवं स्वयं उपस्थित होकर मंदिर कार्यालय में 2 लाख 72 हजार 417 रूपए भेंट किए हैं। भंडार गिनती के समय अतिरिक्त कलेक्टर एवं मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी बाबूलाल कोठारी, ग्राम सरपंच हजारीदास वैष्णव, बोर्ड सदस्य सत्यनारायण शर्मा, पोखरलाल जाट, रतनलाल गाडरी, प्रशासनिक अधिकारी भगवानलाल चतुर्वेदी, संपदा अधिकारी लक्ष्मीनारायण , चतर सिंह सोलंकी, नंदकिशोर टेलर, भवानी शंकर तिवारी आदि उपस्थित थे। इस अवसर पर भक्तों की भीड मंदिर में उमड पडी। सभी को पंक्तिबद्ध क्रम से दर्शन कराने की व्यवस्था की गई। धर्मशालाओं में भजन-कीर्तन के कार्यक्रम रातभर चलते रहे।

दो दिवसीय मेला संपन्न
मंडफिया, श्री सावंलियाजी का दो दिवसीय हरियाली मेला शुक्रवार को संपन्न हुआ।
इस अवसर पर हजारों तीर्थ यात्रियों ने श्री सांवलिया सेठ के दर्शन किए। आज सूर्यग्रहण होने के कारण भगवान के दर्शन सायं 7 बजे तक बंद रहे। दर्शन बंद के बावजूद हजारों दर्शनार्थियों की रेलमपेल लगी रही। मंदिर बोर्ड द्वारा संचालित भोजनशाला एवं प्रसाद वितरण का काउंटर सायं साढे 6 बजे तक बंद हरा। सायं 7 बजे दर्शन खुलने के समय दर्शनार्थियों की भीड उमड पडी। मेले की व्यवस्था के तहत मंदिर अध्यक्ष कन्हैयालाल वैष्णव पूरे दिन उपस्थित रहे। चंबल, कोटा से सूरजमल केवट के नेतृत्व में 5॰ सदस्यीय दल पैदल मंदिर पहुंचा। सूरजमल ने बताया कि वे चार दिनों की पैदल यात्रा के बाद मंदिर पहुंचे।

कलश पत्थर शिखर पर चढ़ाया

मण्डफिया , 31 जन. (प्रासं)। सांवलियाजी मन्दिर विस्तार योजना के तहत मन्दिर के कलश पत्थर की पूजा की गई। शुभ मुहुर्त में मन्दिर अध्यक्ष कन्हैयालाल वैष्णव, बोर्ड सदस्य सत्यनारायण शर्मा, सहायक अभियंता दिनेशचन्द्र व्यास, सरपंच हजारीदास वैष्णव ने विधि मंत्रों, उपचारों से कलश पत्थर की पूजा कर पत्थर कलश को मन्दिर शिखर पर चढ़वाया।

अक्षर धाम का निर्माण कार्य जारी


श्री सांवलियाजी मन्दिर मण्डल द्वारा प्रस्तावित मंदिर विस्तार योजना के तहत निर्माणधीन `अक्षर धाम' शीघ्र बनने जा रहा है। अक्षर धाम निर्माण कार्य में बंशीपुर के पत्थर का उपयोग किया जा रहा है। इन पत्थरों को विख्यात कारीगरों द्वारा कलात्मक रूप देकर मंदिर में लगाये जा रहे है। सांवलियाजी के मुख्य मंदिर के शिखर व ध्वजा दण्ड की ऊंचाई १२१ फीट है। मन्दिर अध्यक्ष कन्हैयालाल वैष्णव ने बताया कि मन्दिर का निर्माण कार्य तीन माह में पूरा हो जाएगा। उन्होंने बताया कि मंदिर प्रांगण में निर्माणधीन कोरीडोर का कार्य आगामी दो साल में पूरा होगा। मुख्य मन्दिर के शिखर पर १२ किलो सोना चढ़ेगा। मन्दिर में कलश चढ़ाने में ढ़ाई करोड़ रूपये खर्च होंगे। वैष्णव ने बताया कि कोरीडोर निर्माण में १५ करोड़ रूपये खर्च होंगे। जिसमें सत्संग भवन, साहित्य पुस्तकें भवन, गार्ड रूम, फुहारे, परिक्रमा, बच्चो के खेलने का भवन, पार्क, भवन, प्रसाद भवन, गार्ड चौकसी भवन, सुलभ-कॉम्पलेक्स, वाटर रूम सम्मिलित होंगे।

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