जहां परमात्मा वहां आनंद ही आनंद : पं. विश्वनाथ

Bhaskar News - Bhaadasoda

श्रीसांवलियजी प्राकट्य स्थल मंदिर पर आयोजित पांच दिवसीय कलश स्थापना एवं ध्वजारोहण समारोह
आनंद में परमात्मा निवास करता है। जहां परमात्मा है वहां आंनद ही आनंद है। यह बात मंगलवार को श्रीसांवलिया प्राकट्य स्थल मंदिर में पांच दिवसीय कलश एवं ध्वजारोहण कार्यक्रम में यज्ञ आचार्य पं. विश्वनाथ आमेटा ने ने कही।

उन्होंने कहा कि जिस घर में प्रभु की सेवा पूजा होती है, वहां सदैव आनंद का वास होता है। संसार के सारे दरवाजे बंद हो जाते हैं, लेकिन प्रभु के दरवाजे हमेशा खुले रहते हैं। भगवान की लीलाओं में अनेक रहस्य है। जब जीवात्मा भगवान को समर्पित हो जाती है तो उसके सारे सुख- दुख भगवान अपना लेते हैं।

मंगलवार को यज्ञ, हवन एवं पूजन हुए। महायज्ञ में 31 जोड़ों ने भाग लिया। सोमवार रात को ब्रज के लोक कलाकारों की ओर से रंगमंच पर रासलीला का मंचन किया।

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