सांवलिया जी मंदिर में एक करोड का चढावा

सांवलिया जी मंदिर में एक करोड का चढावा

Saturday 02 Aug, 2008 09:16 AM
मंडफिया, प्रमुख तीर्थ स्थल भगवान श्री सांवलियाजी का विशाल भंडार चौदस को खोला गया, जिसमें 93 लाख 31 हजार 4॰4 रूपए नकद प्राप्त हुए।
मंदिर बोर्ड अध्यक्ष कन्हैयालाल वैष्णव ने बताया कि नकदी के अलावा 16 ग्राम 5॰॰ ग्राम सोना व 115॰ ग्राम चांदी प्राप्त हुई। विभिन्न स्थानों से भक्तों ने मनिऑर्डर भेजकर एवं स्वयं उपस्थित होकर मंदिर कार्यालय में 2 लाख 72 हजार 417 रूपए भेंट किए हैं। भंडार गिनती के समय अतिरिक्त कलेक्टर एवं मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी बाबूलाल कोठारी, ग्राम सरपंच हजारीदास वैष्णव, बोर्ड सदस्य सत्यनारायण शर्मा, पोखरलाल जाट, रतनलाल गाडरी, प्रशासनिक अधिकारी भगवानलाल चतुर्वेदी, संपदा अधिकारी लक्ष्मीनारायण , चतर सिंह सोलंकी, नंदकिशोर टेलर, भवानी शंकर तिवारी आदि उपस्थित थे। इस अवसर पर भक्तों की भीड मंदिर में उमड पडी। सभी को पंक्तिबद्ध क्रम से दर्शन कराने की व्यवस्था की गई। धर्मशालाओं में भजन-कीर्तन के कार्यक्रम रातभर चलते रहे।

दो दिवसीय मेला संपन्न
मंडफिया, श्री सावंलियाजी का दो दिवसीय हरियाली मेला शुक्रवार को संपन्न हुआ।
इस अवसर पर हजारों तीर्थ यात्रियों ने श्री सांवलिया सेठ के दर्शन किए। आज सूर्यग्रहण होने के कारण भगवान के दर्शन सायं 7 बजे तक बंद रहे। दर्शन बंद के बावजूद हजारों दर्शनार्थियों की रेलमपेल लगी रही। मंदिर बोर्ड द्वारा संचालित भोजनशाला एवं प्रसाद वितरण का काउंटर सायं साढे 6 बजे तक बंद हरा। सायं 7 बजे दर्शन खुलने के समय दर्शनार्थियों की भीड उमड पडी। मेले की व्यवस्था के तहत मंदिर अध्यक्ष कन्हैयालाल वैष्णव पूरे दिन उपस्थित रहे। चंबल, कोटा से सूरजमल केवट के नेतृत्व में 5॰ सदस्यीय दल पैदल मंदिर पहुंचा। सूरजमल ने बताया कि वे चार दिनों की पैदल यात्रा के बाद मंदिर पहुंचे।

No comments:

copyright©amritwani.com

: जय श्री सांवलिया जी : : सभी कानूनी विवादों के लिये क्षेत्राधिकार चित्तोडगढ होगा। प्रकाशित सभी सामग्री के विषय में किसी भी कार्यवाही हेतु संचालक/संचालकों का सीधा उत्तरदायित्त्व नही है अपितु लेखक उत्तरदायी है। आलेख की विषयवस्तु से संचालक की सहमति/सम्मति अनिवार्य नहीं है। सम्प्रदाय विरोधी , अनैतिक,अश्लील, असामाजिक,राष्ट्रविरोधी , मिथ्या , तथा असंवैधानिक कोई भी सामग्री यदि प्रकाशित हो जाती है तो वह तुंरत प्रभाव से हटा दी जाएगी व लेखक सदस्यता भी समाप्त करदी जाएगी। यदि कोई भी पाठक कोई भी आपत्तिजनक सामग्री पाते हैं तो तत्काल संचालक मंडल को सूचित करें | : जय श्री सांवलिया जी :